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rrajentertainmen1175
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राजेश तिवारी "रंजन"

तनाव से खूँ जलता है, मुस्कुरा के जियो तो बात बनेगी ll

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राजेश तिवारी "रंजन"

वो जीतते चले जा रहें हैं..और मेरे हारने का सिलसिला जारी है,
अजी उन्हें क्या पता..के उनकी खुशी के लिए ही मैंने अपनी सारी बाजी हारी है।।

©राजेश तिवारी "रंजन"
  #love #ishaq #pyar
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राजेश तिवारी "रंजन"

उनकी सादगी पर..हम इस कदर मेहरबान हो गए,
हम उनके होठों की मुस्कान क्या बने..वो हमारे जान हो गए❣️❣️

©राजेश तिवारी "रंजन"
  #ddlj
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राजेश तिवारी "रंजन"

मेरी तलाश में वो घर तक आ गए,
अजी उन्हें क्या पता के..अब मैं उनके दिल में ही रहता हूँ❣️🤗

©राजेश तिवारी "रंजन"
  #ashiq #love
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राजेश तिवारी "रंजन"

तेरे हुस्न को देख कर..मैं इस कदर मदहोश हो गया,
दिल को तो बहुत कुछ कहना था..पर ना जाने क्यों ज़ुबाँ खामोश हो गया😊

©राजेश तिवारी "रंजन"
  #JodhaAkbar
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राजेश तिवारी "रंजन"

इस फाल्गुन में हर तरफ उमंग दिख रहा,
बड़ों में उत्साह,बच्चों में हुड़दंग दिख रहा,
गुझिये की मीठी खुशबू से मन बाग बाग है,
मुझे हर तरफ उड़ता गुलाल,अबीर और रंग दिख रहा।।
🌺🌺🌺🌺🌺

©राजेश तिवारी "रंजन"
  #Colors #happyholi
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राजेश तिवारी "रंजन"

कौन कहता है..इश्क़ में टूटकर उदास हूँ मैं,
अब तो इश्क़,मोहब्बत से दूर..बिल्कुल बिंदास हूँ मैं।
पागल हैं वो..जो जुदाई के बाद भी, मिलन का इंतज़ार करते हैं,
जल जातें हैं परवाने..फ़िर ना जाने क्यों शमां से प्यार करते हैं,
निकल पड़ा खुद की मंज़िल पर तन्हाँ..
सुकून के कितना पास हूँ मैं,
अब तो इश्क़, मोहब्बत से दूर..बिल्कुल बिंदास हूँ मैं 😊🤗

©राजेश तिवारी "रंजन"
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राजेश तिवारी "रंजन"

दिल की हसरतें पूरी ना हुई..इक अधूरी सी मुलाकात में,
भिगोकर मुझे वो चले गए, इश्क़ की बरसात में,
अब ज़र्रे ज़र्रे बस उनका चेहरा नज़र आता है मुझे,
जब से बस गए वो मेरे, ख्वाबों और ख्यालात में।।

©राजेश तिवारी "रंजन"
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राजेश तिवारी "रंजन"

हँसती है हँसाती है..कभी ना..वो बोर करती है,
जाने क्यों ऐसा लगता है..कि वो मुझे इग्नोर करती है।
साथ जब होती..तो उससे बात भी होती,
हर रोज़ तय समय पर मुलाकात भी होती,
कुछ कहता हूँ करने को..तो वो..कुछ और करती है,
जाने क्यों ऐसा लगता है..कि वो मुझे इग्नोर करती है।।

©राजेश तिवारी "रंजन"
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राजेश तिवारी "रंजन"

कशमकश में हूँ..कि उनसे ना मुलाकात हो रही,
आग इधर दिल में लगी है..और उधर बरसात हो रही।।

©राजेश तिवारी "रंजन"
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राजेश तिवारी "रंजन"

कविता की पंक्तियों सा..कवि का व्यवहार होता है,
हर शब्द से इश्क़ इन्हें..और हर नज़्म से इन्हें प्यार होता है,
है धन दौलत बस लेखनी..और श्रोता ही सब कुछ इनके लिए,
ज्ञान के ज्योत से उजाला ये करते..जहां अज्ञान का अंधकार होता है।।

©राजेश तिवारी "रंजन"
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