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prabhatkumar2731
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Prabhat Kumar

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Prabhat Kumar

मुझे तेरी यादों का सहारा चाहिए । 

यानी खुशियाॅं फिर मुझको दोबारा चाहिए ।।

यूं तो जमाना रोएगा मेरी मौत पे ।

मगर जनाजे पर आंसू तुम्हारा चाहिए ।।

सुना है आजकल बहुत उदास रहती हो ।

कहीं ऐसा तो नहीं साथ हमारा चाहिए ।।

तुम्हें बेवफाई करने की क्या जरूरत थी ।

बस इतना कह देती कि छुटकारा चाहिए ।।

लोग पूछते हैं मुझसे तेरी आरजू क्या है ।

मैं कहता हूॅं मुझे दर्द भरा नजारा चाहिए ।।

अब तो शब्द ही नहीं मिलते शायरी के लिए ।

मुझे तुमसे कुछ जख्म का पिटारा चाहिए ।।

©Prabhat Kumar
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Prabhat Kumar

White मुझे मुझसा कोई दीवाना ना मिला ।

दिल तोड़ा गया मेरा पर हरजाना ना मिला ।।

यूं तो ठिकाने शराब के बहुत है मगर ।

उसकी आंखों से बढ़कर कोई मयखाना ना मिला ।।

मैंने मोहब्बत में सब कुछ गवा दिया अपना ।

पर उसकी यादों के सिवा कोई खजाना ना मिला।।

हाल पूछने पर अक्सर मुस्कुरा देता हूॅं ।

दर्द छुपाने का दूसरा कोई बहाना ना मिला ।।

मैंने बहुत ढूंढा ठिकाने मोहब्बत के मगर ।

सारे जहाॅं में वफा-ए आशियाना ना मिला ।।

वर्षों से लिख रहा हूॅं मैं मोहब्बत की दास्तां ।

मगर अब तक किसी से मुझको नजराना ना मिला।।

©Prabhat Kumar #Moon
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Prabhat Kumar

तेरे होंठ जैसे पंखुड़ी हो गुलाब की । 

तेरी आँख जैसे दरिया हो शराब की ।।

ऐ हुस्न परी जरा ये तो बता ।

अप्सरा हो या परी हो मेरे ख्वाब की ।।

सुनहरे बाल, खिला चेहरा और महकता बदन ।

शहजादी हो या बेटी हो किसी नवाब की ।।

 लहराते जुल्फ ,मदमस्त निगाहें और आंखों में हया।

उड़ा के होश पूछती हो, खैरियत कैसी है जनाब की ।।

तेरे रूप का दीवाना सिर्फ मैं ही नहीं .......2  

खुदा भी कायल है, तेरे हुस्न-ए-शबाब की ।।

©Prabhat Kumar
  #Love
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Prabhat Kumar

तेरे होंठ जैसे पंखुड़ी हो गुलाब की । 

तेरी आँख जैसे दरिया हो शराब की ।।

ऐ हुस्न परी जरा ये तो बता ।

अप्सरा हो या परी हो मेरे ख्वाब की ।।

सुनहरे बाल, खिला चेहरा और महकता बदन ।

शहजादी हो या बेटी हो किसी नवाब की ।।

 लहराते जुल्फ ,मदमस्त निगाहें और आंखों में हया।

उड़ा के होश पूछती हो, खैरियत कैसी है जनाब की ।।

तेरे रूप का दीवाना सिर्फ मैं ही नहीं ।

खुदा भी कायल है तेरे हुस्न-ए-शबाब की ।।

©Prabhat Kumar #Love
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Prabhat Kumar

White कभी हम भी दीवाने हुआ करते थे ।

बे मतलब किसी लड़की पे मरते थे ।

इश्क़ सवार था मेरे ज़हन में इस कदर ,

ख़्वाब तक में उसे खोने से डरते थे ।

©Prabhat Kumar #mango
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Prabhat Kumar

White कभी हम भी दीवाने हुआ करते थे ।

बे मतलब किसी लड़की पे मरते थे ।

इश्क़ सवार था मेरे ज़हन में इस कदर ,

ख़्वाब तक में उसे खोने से डरते थे ।

©Prabhat Kumar #mango
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Prabhat Kumar

(जी चाहता है !)


तेरे हुस्न का दीदार करूं ।

तेरी आँख से आँखें चार करूं ।।

तुझे  सताऊं जी भर के ।

फूलों से तुझपे वार करूं ।।

तुम हुस्न परी फूलों सी हो ।

जी भर के तुझको प्यार करूं ।।

तेरी आँख का काजल बनके ।

आँखों से बातें चार करूं ।।

तुझे दिलाऊं माथे की बिंदी ।

झुमका से तेरा श्रृंगार करूं ।।

पहनाऊं हाथों में चूड़ी ।

दुल्हन सा तुम्हें तैयार करूं ।।

ये इश्क मोहब्बत एक दरिया है ।

तेरे संग ये दरिया पार करुं ।।

तू मुजरिम है मेरी मोहब्बत का ।

आ दिल में तुझे गिरफ्तार करुं ।।

©Prabhat Kumar #GateLight
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Prabhat Kumar

कोई हमसा ना होगा इस जमाने में ।

हम माहिर हैं रिश्ता निभाने में ।

तुम रूठ कर तो देखो ऐ जाना ,

हम जान लगा देंगे तुझको मनाने में।

©Prabhat Kumar #romanticstory
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Prabhat Kumar

कोई महबूब चाहिए दिल दुखाने के लिए ।

कोई बेरहम चाहिए ज़ख्म लगाने के लिए ।।

हम खुशहाली में नज़्म नहीं लिखते हैं ।

हमें दर्द चाहिए शायरी बनाने के लिए ।।

अरे दुश्मनो से तो मैं जीत जाता हूं ।

कोई अपना चाहिए मुझे हराने के लिए ।।

यहां वहां क्यों ढूंढते हो मोहब्बत की दवा ।

उसकी आवाज ही काफी है, दर्द मिटाने के लिए ।।

वो  बसी है मेरी हर सांस में ।

सौ जन्म चाहिए उसको भुलाने के लिए।।

अब उजालों में जी नहीं लगता मेरा ।

मुझे अंधेरा चाहिए दुनिया बसाने के लिए।।

©Prabhat Kumar #samay
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Prabhat Kumar

आ  बैठ मेरे पास तेरी जुल्फें सवार दूं ।

तेरी आँखों को चूमकर तुम्हें बेइंतहा प्यार दूं ।।

लग ना जाए जमाने की नजर तुम्हें ।

मेरी बाहों में आ तेरी नजर उतार दूं ।।


जी चाहता है तुम्हें फूलों का हार दूं।

तेरे माथे को चूमकर तुम्हें खुशियां हजार दूं।।

तुम कहती हो ,मेरा कोई नहीं इस जहान में।

मेरे घर आ तुम्हें अपना सारा संसार दूं।।


तुम्हें दिल से लगाकर तुम्हें मौसम-ए- बहार दूं ।

तेरी एक मुस्कान पे सारा जहां मैं वार दूं।।

तुमसे तुम्हारे सिवा मुझे कुछ नहीं चाहिए ।

मेरी तमन्ना है तेरी जुल्फों तले  जीवन गुजार दूं।।

©Prabhat Kumar #ramsita
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