एक दिल है और उसमे भी मेरे बसे हो तुम, संसार सबसे है तुम्हारा मेरा संसार हो तुम, कैसे दो आखर को ब्याँ करूँ सबके सामने, माँ केवल माँ नहीं मेरी पहचान ही हो तुम। मैं प्रियांशु शर्मा, हिंदुस्तान के दिल दिल्ली से आपके बीच हूँ दिल की आवाज़ को पहुंचाने...
*: ℘ཞıყąŋʂɧų ʂɧąཞɱą :*
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