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ankur2158551459298
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Ankur tiwari

A science student with lot's of love in art's

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Ankur tiwari

White तुमने चुन लिया तो खुश रहो चुनकर 
क्यों कह रहे हमें किसी को चुनने को
जो टूट गए क्यों रोए उन पर हम
क्यों कह रहे हो नए ख्वाब बुनने को
तुम्हें जाना था सो हमने रोका भी नहीं 
छोड़ा भी नहीं जज्ब कुछ गुनने को 
फिर मुंह उठाए बार बार चले आते हो क्यों
खैर अब कुछ नहीं बचा कहने सुनने को

©Ankur tiwari #good_night
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Ankur tiwari

White इतनी भी देर ना कर कुछ जुगाड़ जल्दी करा तो सही
उम्र गुजरती जा रही है एक मौका ही दिला तो सही 
अंजान कब से आस लगाए बैठे हैं हम राहों में तेरी 
ए नौकरी कब मिलेगी तू मुझे बतला तो सही
अंकुर तिवारी अंजान

©Ankur tiwari #love_shayari
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Ankur tiwari

तुम एक कतरा अगर बहाओगे 
हम समुद्र बहाकर रख देंगे 
गर छेड़ोगे हमको तो 
हम हाहाकार मचाकर रख देंगे 
गर चुप है तो मत समझो इसको 
कहीं हमारी खामोशी 
हम हिंदू हिंद के वासी हैं 
तुम्हारा अस्तित्व मिटाकर रख देंगे 
अंकुर तिवारी अंजान

©Ankur tiwari #हिन्दू
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Ankur tiwari

White कुछ सब्र होता हैं और कुछ होती है खामोशी 
हर विद्रोह के पीछे वजह केवल पैसा नहीं होता 
सुंदर सा दिखता मयूर खा जाता हैं विषधर को भी
हर मीठी बात का मतलब शहद जैसा नहीं होता 
कुछ मतलब से मिलते हैं कुछ मतलब के होते है 
हर शख़्स यहां पर अक्सर एक जैसा नहीं होता 
यूं तो दुनिया करती विश्वास आंखों देखी चीज़ों पर
जो दिख रहा आंखों से अंजान सब वैसा नहीं होता

©Ankur tiwari #love_shayari
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Ankur tiwari

White  चांद तू ही बता
ए चांद तू कितनो का दीवाना था,
तू कभी माशूक कभी दिलबर का पैमाना था 
तूने देखा हैं युगों युगों की लीला को
तूने सहा हैं दिलवर से मामा बनने की पीड़ा को 
तुझे कुलटा तो कभी तुझपर भी दाग बताया है 
तुझे दुनिया ने धिक्कारा और गले लगाया है 
तू शीश महेश के हैं करता क्रीड़ा गणपति के संग 
बदलता नित्य कला चौदह दिन और एक एक क्षण 
तूने ना कहा कुछ जिसने जो कहा उसे मान लिया है 
तू चमका बनकर महबूब फ़िर खुद को फीका मान लिया है 
तूने हर मज़हब को अपनाया है और क़रीब से जाना है 
तुझे देख मनी थी ईद कभी आज करवा चौथ मनाना हैं
सिखा दे दुनियां को कि तू ऐसा कैसे कर लेता हैं 
जलकर धूप में नित खुद को तू कैसे शीतल रख लेता हैं
अंकुर अंजान 









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©Ankur tiwari #karwachouth
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Ankur tiwari

White कुछ वक्त की बात हैं कुछ दौलत का शुरूर हैं 
आज जो बन रहे हैं खुद को वो भी कही मजदूर हैं 
चार दिन की जिंदगी हैं और उसमें भी ये बेरुखी 
गैरों से गले मिल रहे लोग अपनों से बड़े दूर हैं 
अंकुर तिवारी

©Ankur tiwari #Sad_Status
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Ankur tiwari

White जमाने में यहां पर लोग बड़े गलत से काम करते हैं 
जो करते रत्ती भर नही वो भी बड़ा सा नाम करते हैं 
जरूरत पर बहुत तारीफ़ करने वाले लोग ही अक्सर 
अंजान जरूरत ख़त्म होने पर तुम्हें बदनाम करते हैं

©Ankur tiwari #sad_qoute
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Ankur tiwari

White बहुत ज्यादा तो नही पर 
चंद अल्फ़ाज़ तो गढ़ सकता हूं 
उनके हुस्नो ओ हया पर 
कोई दास्तान तो गढ़ सकता हूं 
वो पढ़े या ना पढ़े
 मेरी खामोशी को अंजान 
उनकी आंखों की नमी के मैं 
दास्तार तो पढ़ सकता हूं

©Ankur tiwari #sad_quotes
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Ankur tiwari

White भागता रहा उम्र भर जिसके पीछे उसे पा ना सका 
गले लगना था जिसके उसे कभी गले लगा ना सका 
मंजिल तो सही चुनी थी मगर रास्ते गलत मिल गए 
जब आईना देखा तो मै खुद से नज़रे मिला ना सका 
अंकुर तिवारी अंजान

©Ankur tiwari #sad_qoute
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Ankur tiwari

White  
जो स्वप्न सजाए थे हमने 
उन स्वप्नों का क्या मोल रहा 
जो भ्रमर गीत संग गाए थे 
उन गीतों का क्या बोल रहा 
तुम भूल गए कैसे हमने 
स्वर गुंजित कर गुणगान किया था 
तुम भूल गए हमने संग मिलकर 
जीवन का एक नया आह्वान किया था 
जब जग रूठा था हमसे तब भी ना 
हमने जरा मलाल किया था 
कटु वचन सुने दुनियां के फिर भी ना 
नीचे अपना भाल किया था 
फिर हुई क्या मुझसे भूल जो तुमने 
साथ अचानक छोड़ दिया है 
मझधारा में लाकर मुझको बोलो क्यों 
राह अचानक मोड़ लिया है 
मन में यह विष घोला किसने 
किसने हैं नया प्राणिपात लिया 
किसने मेरे जीवन के इस उपवन पर 
इतना बड़ा आघात किया 
गर कुछ नाराजी है तो बात करो 
जरा तर्क भी दो संवाद करों 
यूं निरा छोड़कर मुझको तुम 
ना मन पर हृदयाघात करो 
यह विरह नही सह पाऊंगा, 
जीते जी मै मर जाऊंगा 
गर तुझसे बिछड़ गया फिर मैं 
मुझमें ही ना रह पाऊंगा 
गर फिर भी भान नहीं तुमको तो
लो कटार लहू लोचन कर दो
चीर दो मेरा हृदय पटल और
प्रेम के ऋण से मोचन कर दो

©Ankur tiwari #Sad_Status
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