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roopsinghdoi1554
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Roopsingh Doi

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Roopsingh Doi

White 

बातो में सच्चाईयां ऐसे खो जाती है।

जैसे रातों में रोशनियाँ।................

हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi जैसे रातों में रोशनियाँ

जैसे रातों में रोशनियाँ #शायरी

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Roopsingh Doi

हटा कर देखा तो हर शख्श बेईमान नजर आया

हटा कर देखा तो हर शख्श बेईमान नजर आया #शायरी

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Roopsingh Doi

रोशन हवेली में रोशन हो गये
बाहर आये तो अंधरे में खो गये
अब तालुकात इतना ही रखा रिश्तों में मैंने
मिले तो मैं उनका और वो मेरे हो गये
हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi रोशन हवेली में रोशन हो गये

रोशन हवेली में रोशन हो गये #शायरी

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Roopsingh Doi

White मन ही नहीं मन मिलाने के लिए
तन ही नहीं तन दिखाने के लिए
सकून कहा मिलेगा यहा साहब
फुरसत ही नहीं धन कमाने के लिए

हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi फुर्सत ही नहीं धन कमाने के लिए

फुर्सत ही नहीं धन कमाने के लिए #शायरी

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Roopsingh Doi

White छोर से देखा तो चमक रहा था 
गौर से देखा तो महक रहा था
नजरिया बदल दिया देखने मैंने 
इसलिए हर कोई मुझ पर तनक रहा था

हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi इसलिए हर कोई मुझ पर तनक रहा था

इसलिए हर कोई मुझ पर तनक रहा था #शायरी

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Roopsingh Doi

White यहा जलने वाले दिये को एतराज है
कि मेरे उजाले में ये किसका राज है
मगर कमबख्त कौन सुनता है यहा 
इसलिए दिये तले अंधरो का राज है
हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi शायरी

शायरी

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Roopsingh Doi

निरन्तरता काल की भंग होती जा रही है।
संकल्पित साधना मन की रोती जा रही है
अधिष्ठात्री माँ किन किन रूपों में आये जनाब,
जमाने में सदभावनाओं की सिद्धि खोती जा रही हैं।
दशहरा के शुभ अवसर पर
माँ सिद्धिदात्री आपकी समस्त मनोकामनाओ को पूर्ण करें
हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi #Dussehra
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Roopsingh Doi

White 

निरन्तरता काल की भंग होती जा रही है।
संकल्पित साधना मन की रोती जा रही है
अधिष्ठात्री माँ किन किन रूपों में आये जनाब,
जमाने में सदभावनाओं की सिद्धि खोती जा रही हैं।
दशहरा के शुभ अवसर पर
माँ सिद्धिदात्री आपकी समस्त मनोकामनाओ को पूर्ण करें
हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi दशहरा संदेश

दशहरा संदेश #शायरी

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Roopsingh Doi

शायरी

शायरी

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Roopsingh Doi

सुना है हमनें मगर मालूम नहीं 
झूठ से हमारा कोई तालुक नहीं 
और एक दिन सच बोल दिया चौपाल पर
इसीलिए गाँव में हमारा कोई वसूल नही
हरे कृष्ण हरे हरे

©Roopsingh Doi शायरी

शायरी

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