उस नजर की तरह किसी ने देखा नहीं मुझे।
वह था कोई गुमनाम हमसफर चाहा नहीं मुझे।
हम दोनों थे अजनबी किश्ती के बुझे खिलाड़ी।
इस लावारिस जिंदगी ने आका नहीं मुझे।
बेशक तेरी तरफदारी में व्यस्त हैं, ज़माना।
मेरी पहेली मोहब्बत ने इश्क को पाला नहीं मुझे।
आओ कर ले आज खुद से खुद की मुलाकात।
तेरी तस्वीरों ने अब तक चाहा नहीं मुझे। #कविता
Awadhesh Kumar Rai
#शब्द#अखबार#Love#Emotion
भुल कर भी तुम अपनी दिल की बातो को कागज पर ना रखना.
जरा भी देर नही लगती इन कागजो को अखबार बनने में.
#अवध Satyaprem Mukesh Poonia Internet Jockey Dalchand @j_$tyle #शायरी