#गैरो से तो उम्मीद भी नहीं करता,
और अपनो के आगे,
खुद को ही उनकी उम्मीद समझता!
जाने क्या मजबूरी हैं,
गैरो से ज्यादा अपनो से ही दुरी हैं!
शायद मेरे वक़्त मे कमजोरी हैं ,
या रिश्तो की समझ मेरी अभी भी अधुरी हैं! #शायरी#nojotovideo
#शुक्रगुज़ार हूँ तेरा तु ना सही मगर तेरी बेवफ़ाई मेरे काम को आई,
तेरा प्यार तो फ़रेबी निकला मगर तेरी दी हुई जख़्म मेरे सीने में दर्द बनकर क्या खुब बफ़ा निभाई,
अपने जख्मो पे मरहम लगाने को तेरी याद मे मैंने कलम क्या उठाई ,
सीने से दर्द निकल कोरे काग़ज पे शायरी बन उभर आई,
शुक्रगुज़ार हूँ तेरा तु ना सही मगर तेरी बेवफ़ाई मेरे काम को आई!
#गैरो से तो उम्मीद भी नहीं करता,
और अपनो के आगे,
खुद को ही उनकी उम्मीद समझता!
जाने क्या मजबूरी हैं,
गैरो से ज्यादा अपनो से ही दुरी हैं!
शायद मेरे वक़्त मे कमजोरी हैं ,
या रिश्तो की समझ मेरी अभी भी अधुरी हैं! #विचार