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hanamantyadav9104
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HANAMANT YADAV (कवीराज)

kaviraj lyrics world, lyrics writer, drama writer, dilouge writer, Hindi and Marathi

hanamantyadavwriter.com

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HANAMANT YADAV (कवीराज)

kaviraj
#love #india #motivatin

©HANAMANT YADAV (कवीराज)
  shayari
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HANAMANT YADAV (कवीराज)

#AzaadKalakaar के बुलबुले इसकी, मराठा, हिंदी,सूफी है।
एक है हम, ये बताने इक तिरंगा काफी है।



कविराज

©HANAMANT YADAV (कवीराज) #स्वतंत्रता #स्वतंत्र  #India #IndianArmy #IndependenceDay 

#AzaadKalakaar
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HANAMANT YADAV (कवीराज)

प्रेम...

प्रेम म्हणजे शांत समुद्र.
प्रेम म्हणजे तुफान वादळ.
प्रेम म्हणजे हळवं मन...
प्रेम म्हणजे सोनेरी क्षण...

झर्याची खळखळ.
गवताची सळसळ.
हृदयाची हळहळ.
अन कुबेराच धन.
प्रेम म्हणजे हळव मन...
प्रेम म्हणजे सोनेरी क्षण...

उधानलेला वारा.
मोराचा पिसारा.
श्रावणी जलधारा.
 अन खुललेलं यौवन.
प्रेम म्हणजे हळवं मन...
प्रेम म्हणजे सोनेरी क्षण...

कवीराज।
8698845253

©HANAMANT YADAV (कवीराज) #प्रेम 

#Trees
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HANAMANT YADAV (कवीराज)

बाप के रवयै में कभी मतलब नही दिखता ,
वो ऐसा सौदागर है जो उधार नही लिखता ।

लाकर देता है सबकुछ जरुरत से ज्यादा ,
खुद की जरुरतों की दुकानों पर वो कभी नही रुकता ।

उसके जिस्मसे लहू पसीना बन के बहता है धूप में ,
पानी के वास्ते फिर भी उसका गला नही सूखता ।

बच्चों के अरमान कांधोपर ले दरबदर भटकता है वो ,
जिम्मेदारियों के सौ बोझ पेलते हूए भी वो कभी नही थकता ।

अंदरसे टूट जाता है बेइंतहासा शीशे के जैसा ,
मरकर भी इक मौत बेटी की बिदाई  में वो कभी नही चिखता ।

कविराज

©HANAMANT YADAV (कवीराज) #FathersDay #fathers 

#father  Riya Soni Dr. Sonia shastri सुमन  Chaitali Yengade Anshu writer

#FathersDay #fathers #father Riya Soni Dr. Sonia shastri सुमन Chaitali Yengade Anshu writer

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HANAMANT YADAV (कवीराज)

आई...

वंद्य आईसम दैवत,
या त्रिलोकी नाही.
    नियंता अजूनी अतूर,
 आईची वाट पाही...
                            आई मांगल्य घराचे.
                            रुपडे अनंत सूरांचे.
                                  जीवनगीत असते आई,
                             आई सूर अंतराचे...
    आई मायाळू ही माती.
देते अंकुर बीजांना.
        जपी पालवीस कोवळ्या,
        वाढवी कुशीत रोपांना...
                       चोचीत घास देई,
                                  चिमनी अशी पिलांच्या.
                            सुगंध भरतो इश्वर,
                                     अंतरात जसा फुलांच्या...
     कितीही उदंड जाहले ,
            तीस लेकरू तरी लडीवाळे.
पापा हळूच घेवून,
          माय माथा तरी कुरवाळे...
                               एकले पणाचा अर्थ ,
                                 पुसा रे त्यांसी कोणी,
                                      कसा राहीला आईवीणा,
                                       तो विश्वनाथ चक्रपाणी...
आईस मानी जो गूरु,
    त्यासी लाभतो सद्गुरु.
वाट सापडे तयांस,
         त्यांसी वंदीतो जगतगुरु...

कविराज

©HANAMANT YADAV (कवीराज)
  #आई #मराठी #कविता #माँ  सुमन  mohan Kamble  Yogesh Mahadev Sanap Hemlata Meshram Raybhan Y. Sonawane patil.

#आई #मराठी #कविता #माँ सुमन mohan Kamble Yogesh Mahadev Sanap Hemlata Meshram Raybhan Y. Sonawane patil.

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HANAMANT YADAV (कवीराज)

आई...

वंद्य आईसम दैवत,
या त्रिलोकी नाही.
    नियंता अजूनी अतूर,
 आईची वाट पाही...
                            आई मांगल्य घराचे.
                            रुपडे अनंत सूरांचे.
                                  जीवनगीत असते आई,
                             आई सूर अंतराचे...
    आई मायाळू ही माती.
देते अंकुर बीजांना.
        जपी पालवीस कोवळ्या,
        वाढवी कुशीत रोपांना...
                       चोचीत घास देई,
                                  चिमनी अशी पिलांच्या.
                            सुगंध भरतो इश्वर,
                                     अंतरात जसा फुलांच्या...
     कितीही उदंड जाहले ,
            तीस लेकरू तरी लडीवाळे.
पापा हळूच घेवून,
          माय माथा तरी कुरवाळे...
                               एकले पणाचा अर्थ ,
                                 पुसा रे त्यांसी कोणी,
                                      कसा राहीला आईवीणा,
                                       तो विश्वनाथ चक्रपाणी...
आईस मानी जो गूरु,
    त्यासी लाभतो सद्गुरु.
वाट सापडे तयांस,
         त्यांसी वंदीतो जगतगुरु...

कविराज

©HANAMANT YADAV (कवीराज) #आई #मराठी #कविता #माँ  सुमन  mohan Kamble  Yogesh Mahadev Sanap Hemlata Meshram Raybhan Y. Sonawane patil.

#आई #मराठी #कविता #माँ सुमन mohan Kamble Yogesh Mahadev Sanap Hemlata Meshram Raybhan Y. Sonawane patil.

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HANAMANT YADAV (कवीराज)

या खुदा दवा में मुझे कुछ नहीं चाहिए।
जितनी भी है तेरी रहमते मुझे दुवा में चाहिए।

©HANAMANT YADAV (कवीराज) #शायरी 

#standAlone  सुुमन कवयित्री Sabreen Saddam 🥀ZK Momin🥀 Sheetal Buriya Shivani Keshari

शायरी standAlone सुुमन कवयित्री Sabreen Saddam 🥀ZK Momin🥀 Sheetal Buriya Shivani Keshari

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HANAMANT YADAV (कवीराज)

सोना खोजने कभी बाजार मे न निकला करो,
वाकीब रहो के कोहिनूर अक्सर कोयलों मे पाये जाते है।

©HANAMANT YADAV (कवीराज)
  #nojotohindi 

#emptystreets
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HANAMANT YADAV (कवीराज)

मागणे ....

आसमानाने झुकावे थोडे.
या भुईने उठावे थोडे.
पंख देवूनी चिमन्या पिलास,
पंखा खाली घ्यावे थोडे...

सुर्याने तेज द्यावे.
सागराने जल द्यावे.
संकुचीतपण अंतरीचे,
थोडे थोडे वाटून घ्यावे...

वृक्षांनी सावली द्यावी.
पशूंनी ममता द्यावी.
लडीवाळे कुरवाळून मज,
चूक माझी पदरी घ्यावी...

कवीराज (हणमंत यादव)

©HANAMANT YADAV (कवीराज) #LostInNature 
#nojotomarathi
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HANAMANT YADAV (कवीराज)

ना जाने किसे तलाशती है नजरे।
ए बेवजहा इर्द गिर्द घूमती है नजरे।
आये ना उसकी गिरफ्त में कोयी,
आज़ाद पंछी सी उडती है नजरे‌।...



कवीराज

©HANAMANT YADAV (कवीराज) #nojotohindi
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