Nojoto: Largest Storytelling Platform
szubairkhankhan1866
  • 468Stories
  • 418Followers
  • 5.6KLove
    15.8KViews

SZUBAIR KHAN KHAN

POET ,POETRY GAZAL, QAWWALI, STORY, NOVEL WRITER,

  • Popular
  • Latest
  • Video
4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

White Yeh Raasta Kaisa Hai

©SZUBAIR KHAN KHAN #Sad_Status
4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

White Tum koun Ho

©SZUBAIR KHAN KHAN #good_night
4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

White Happy Teachers Days

©SZUBAIR KHAN KHAN #teachers_day
4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

White Tum Kahan Ho

©SZUBAIR KHAN KHAN #good_night
4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

White Tum koun Ho

©SZUBAIR KHAN KHAN #Sad_Status
4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

White Tum Koun Ho

©SZUBAIR KHAN KHAN #Sad_Status
4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

White 2122 1212 22/112 
तू ‌  नज़र  ‌  से   जुदा   ही    रहता है 
आशिक़ो  की  कहां    ही  सुनता है 

जुल्फ़े  लहराके  बलखाके   अपनी 
तू   जवानी   पे ‌‌  अपनी    मरता है 

रोज़  आके ‌ ‌ तु ‌  ख्वाबो ‌  मैं ‌‌‌  मेरी 
नींद   भी    चैन    भी   चुराता   है 

लफ्ज़ दो की कहानी  सुन   ने ‌ को 
चाहता  दिल  है   कबसे   मेरा ‌‌  है 

तू     बतादे  "जु़बैर"‌ को   मिलकर 
 इश्क़    का  ‌  जां  कसूर ‌ एसा  ‌  है

लेखक - ज़ुबैर खांन...........✍🏻

©SZUBAIR KHAN KHAN nazar love shayari

nazar love shayari #Shayari

4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

2122 1212 22/112 
शम्मा कब तक  जलाये हाथों मैं 
ये भी बिटिया जहां से कहती है

 लेखक - जुबैर खान......✍️

©SZUBAIR KHAN KHAN मशाल

मशाल #Shayari

4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

221 2121 1221 212
लूटा  रहे   थे  अज़मत   तो था कहाँ  वतन 
खामोश  होके आवाज़ को सुनता था वतन

डोली  सजी  हुई  है  मेरी  इन   दिवारो  पर 
शम्मा  जलाके   घूमता   कैसा  मेरा  वतन
 
आँखों  में  शर्म  लेके  खड़ा  रहता है जहाँ 
कहता  नहीं हुआ  क्या है ये आपका वतन

बाबा   से  क्या  कहूँ  मैं चली  दूर  आपसे 
अर्थी  उठाने  आयेगा चल  के  यहां वतन 

कैसे  "जुबैर"  कैसे  सिला खून से कफ़न 
बस  लाश देखता  है  तमाशा  बना वतन

लेखक - ज़ुबैर खान.......✍️

©SZUBAIR KHAN KHAN Naari

Naari #Shayari

4786815f17c6ed88928fb83d4e0722be

SZUBAIR KHAN KHAN

221 212 1 1221 212
हम    इश्क़   के  सताये   हुए      हैं   सताये   हम
अपनी    तड़प    छुपाये    हुए    हैं     छुपाये  हम

थी    आरज़ू    कभी    उस   उम्मीदे   नादां    की
जो   आज   तक   सभांले   हुए   हैं   सभांले  हम

दिल तोड़ा आज तूने तो कल क्या क्या होगा क्या
इस   बात   से   लजाये   हुए   हैं    लजाये   हम

अरमानो   का  जनाज़ा  निकालो   बाज़ारो  में
हम   खून   मैं   नहाये   हुए   हैं    नहाये   हम

शादी   का   जोड़ा  पहनके  आए   जनाज़े पर
हम   चेहरे   को   छुपाये   हुए  हैं  छुपाये  हम

हर   आरज़ू   पे  तू   ही  तो  था  दिलरुबा मेरे
जो   आज  सब  मिटाये  हुए  हैं  मिटाए  हम

ओ  बेवफ़ा  न  आना  तु   आना   कभी  नही
तकदीर   से   भुलाये    हुए   हैं   भुलाये हम

तड़पे   "जुबैर"  तेरी    मुहब्बत  मैं  बरसो से
आसूं  -ओ-   मे  बसाये  हुए  हैं  बसाये  हम


लेखक - ज़ुबैर खान.....✍️

©SZUBAIR KHAN KHAN Ishq
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile