#Shadow
छाती चौड़ी हुई कंधे ऊंचे हुए ,
पैर जब पड़े जिम्मेदारी तले ।
विस्मय हुआ पुरानी बातों का ,
हर किसी की अपेक्षा हम धीरे चले ।। #शायरी
Deepak Mubarakpuri
भूलना तुम नहीं भूल कर भी हमे,
यादों में रखो भूल कर तुम हमे।
करना दीदार तुम , चुपके से ही,
आखिरी सांस भी तुम बताना हमे।। #शायरी
Deepak Mubarakpuri
#standAlone भूली बिसरी राहें गुजरी , जिम्मेदारी कंधो पर निखरी,
आना जाना , उठाना बैठना , गाना शोर , शराबा रंग।
यारी जिम्मेदारी अपनी , करती चलती रास्ते भर तंग ,
नया डगर है , नया असर है , बहता नीर किनारों संग।। #शायरी
UskeHaath
इस बार जो हाथ पकड़ा है
ये जीवन भर अब कभी भी न छूटेगा
बस तुम ना रूठना हमारी हालतों से
ये बंधन हमारा तुम्हारा कभी भी न छूटेगा
शायरी Shayari Dil DKMUBARAKPURI deepakmubarakpuri dk_sayar_multiple_articles Dksayar