किसी पनघट पर अगर कोई कान्हा बंसी बजाए ताे उस बंशी की धुन में मुग्ध हो जाने वाली राधा के गम आंसुओं को लिखने वाला प्रेम का कवि हूँ.............
सुधांशु पांडे़
सुधांशु पांडे़
सुधांशु पांडे़
सुधांशु पांडे़
सुधांशु पांडे़
सुधांशु पांडे़
सुधांशु पांडे़
सुधांशु पांडे़
सुधांशु पांडे़