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azharali8094
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Azhar Ali Imroz

poet and writer

https://www.facebook.com/azhar.aliimroz.1

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Azhar Ali Imroz

इस समय नहीं तो मैं इंस्टाग्राम पे रहता हूं नहीं नोजोटो एप पे 
अभी ज्यादा समय fb account @azharali imroz imroz id पे गुज़र रहा है जोकि फॉलोअर्स id hai  अभी वहीं रहता हूं 
इसलिए आप सभी मित्रों के बीच उपस्थित नहीं रहता हूं

©Azhar Ali Imroz #MereKhayaal
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Azhar Ali Imroz

#____एक_बंद
       

जिंदगी  खुद  में  तुझे  इतना  , त्रास दिया
सब कुछ खोने के बाद न एक, आस दिया

लरखराई   हुई   ज़ुबान   ने  ,  बोल  दिया
मैं  तुझको  पाने  में  खुद  को , तोल दिया
कतरा-कतरा  से  जब जमता  ,  है गौहर
वो जिस आकलन में  कर दिये, खुद जौहर
मुझको  कुछ   ऐसा  ना  कोई , रास  दिया
जिंदगी  खुद  में  तुझे  इतना  , त्रास दिया

                            अज़हर अली इमरोज़

अभी जारी है उम्मीद है कि पसंद आए

©Azhar Ali Imroz #OneSeason
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Azhar Ali Imroz

→→→→→↓सज़ल↓←←←←←

वो मेरे क़रीब रह कर भी क़रीब नहीं है
मैं उसके नसीब रह कर भी नसीब नहीं है

तुम को  चाहा  हूँ  अपने रूह  से बढ़कर 
सच बोलूँ तेरे सिवा मेरा कोई हबीब नहीं है 

तुम को पसंद नहीं सौतन के साथ रहना 
तो सुन मेरी जाँ वो भी कोई ग़रीब नहीं है

तुझको भूल कर भी नहीं भूलता पाता 
इश्क़ रोग का कोई ऐसा तबीब नहीं है 

याद में लिखता हूँ ख़त तुझ को हरदम 
लेकिन मैं तुम से बड़ा अदीब नहीं है
      
                 अज़हर अली इमरोज़

©Azhar Ali Imroz →→→→→↓सज़ल↓←←←←←

वो मेरे क़रीब रह कर भी क़रीब नहीं है
मैं उसके नसीब रह कर भी नसीब नहीं है

तुम को  चाहा  हूँ  अपने रूह  से बढ़कर 
सच बोलूँ तेरे सिवा मेरा कोई हबीब नहीं है

→→→→→↓सज़ल↓←←←←← वो मेरे क़रीब रह कर भी क़रीब नहीं है मैं उसके नसीब रह कर भी नसीब नहीं है तुम को चाहा हूँ अपने रूह से बढ़कर सच बोलूँ तेरे सिवा मेरा कोई हबीब नहीं है #Rose

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Azhar Ali Imroz

#filling
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Azhar Ali Imroz

हमारे गांव की कुछ लड़कियां होती अजीबों की
खुदी की ज़िन्दगी जीती खुदी की नसीबों की

बनाती रोटियाँ है गोल फिर क्यों अक़ल की ढो*ल
बता दो गोल दुनिया है क्यों जीयूं जाँ ग़रीबों की

लगा दो हर तरफ से बाग चीनारों की चाहत से
बनेगी जाँ  सवँर जाने की तुम हर एक अदीबों की
Azhar Ali Imroz

©Azhar Ali Imroz ek matla do sher

#EarthDay2021

ek matla do sher #EarthDay2021

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Azhar Ali Imroz

ye prdari hai Kya tamasha

ye prdari hai Kya tamasha #Love

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Azhar Ali Imroz

Kon Kahan se Aya

Kon Kahan se Aya

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Azhar Ali Imroz

ek Bhavna

ek Bhavna

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Azhar Ali Imroz

#PoeticAntakshri
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Azhar Ali Imroz

वज़्न 1222×4
बह्रे हज्ज़ मुसम्मन सालिम 

कभी कहता हमारी रूह को दोनों सकूनत दी 
दिये हैं  ईद  फरहत  तो  हमारी  रौनकें होली 
کبھی کہتا ہماری روح کو دونوں سکونت دی 
دیے ہیں عید فرحت تو ہماری رونقیں ہولی 
                              अज़हर अली इमरोज़

©Azhar Ali Imroz शेर

#holi2021

शेर #holi2021

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