बातें
कभी न खत्म होती सी लगती बातें
कभी मीठी कभी खट्टी बातें
कभी कभी लगता मानों बातों का भी एक संसार सा है
सृष्टि के आरंभ से कही गई सारी बातें जहां रहती हैं
घूम घूम कर हर काल में वापस आती वही बातें
प्रेम में की गई बातें
घृणा में की गई बातें #Yogi#yourquote#हिंदी#yqdidi#baatein
वो मोटी किताब जिसके पन्ने सीलन से मुड़े एवं फूले हुए थे
उसके पन्ने पर उंगली रखे मैं उसके शब्दों का वाचन कर रहा हूं
जिसका स्वर, मानो एक शून्य में जाकर विलीन हो जा रहा हो
उसका स्वर पड़ रहा कुछ एक बहरे कानों में
जिनपर उन शब्दों का कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा
बीच बीच में मेरी आवाज दब जाती है
कुछ दूर से गुजरती ट्रेन की आवाज में
या पास में चीखते कुछ बच्चों की चीखों से #Dreams#yqbaba#हिंदी#yqdidi#बेबसी#absurd