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bindasbaisa4567
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gunjan

Rajasthani

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gunjan

अहसासों  का एक सितारा टूटता  सा नज़र आया, 
सबसे करीबी बताया हमने जिसकों |
शख्स वही आज महफ़िल में , 
अजनबी है हम तुमसे ,कहता  हुआ नज़र आया |

alfaaz_ankahe_

©Bittu अजनबी #Broken #alone #SAD #poem #alfaaz

अजनबी #Broken #alone #SAD #poem #alfaaz

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gunjan

मैं नारी हूँ सृष्टि के निर्माण की मैं पहली चिंगारी हूं |
गर्व है मुझे की हाँ मैं एक नारी हूं |
मैं ही लक्ष्मी सरस्वती दुर्गा मां काली हूंँ |
जिस बिन सृष्टि रहे अधूरी, मैं उन दो हाथों की ताली हूंँ |
इतिहास में भी रची गई ,मैं हर युग में गूंजी एक किलकारी हूंँ |
जिसे खींच सका ना वक्त का दु:शासन ,मैं वो द्रोपदी की साड़ी हूंँ |
मैं अग्नि परीक्षा में सफल रही सीता ,वह जनक कुमारी हूंँ |
महाभारत की कहानी कि मैं कुंती ,द्रौपदी ,गांधारी हूंँ, 
वेदों का पाठन करने वाली, गार्गी ,मैत्री ,सावित्री  पतिव्रता नारी हूंँ |
ईश्वर की रची इस सृष्टि की ,मैं भी तो कर्णधारी  हूँ, हाँ मैं एक नारी हूं |
राधा ,मीरा सी प्रेमिका ,मैं अमिट प्रेम की निशानी हूं,
 मैं माँ पद्मनी से सौंदर्य और जौहर की ज्वाला की मैं कहानी हूँ, 
मैं पन्नाधाय सी बलिदानी ,शीश काट दे जो 
वो हाडी रानी क्षत्राणी हूँ|
जो अंग्रेजों से लड़ पड़ी अकेली ,मैं वही झांसी वाली रानी हूँ|
ना समझो मुझे तुम पैरों की जूती, मैं दूजा पैर तुम्हारी हूंँ, 
लाचार नहीं बेबस नहीं मैं ही , सृजन और संहारी हूं |
नए युग की दुनिया में, मैं चुप नहीं बैठने वाली हूंँ, 
शिक्षित हूं सशक्त हूँ, अपने हक को बलिहारी  हूँ |
एहसानों की मोहताज नहीं, गुलामी में नहीं जीने वाली हूँ |
मैं भक्ति ,शक्ति ,प्रेम और बलिदान की ऐसी अमर कहानी हूंँ |
हाँ मैं लक्ष्मी, सरस्वती मैें ही तो दुर्गा काली हूंँ,
अफसोस नहीं है ,गर्व है, गर्व से कहती हूं ,हाँ मैं एक नारी हूंँ |
सृष्टि के निर्माण कि मैं पहली चिंगारी हूं ,हाँ मैं एक नारी हूंँ |
                                                     ✍गोविन्द कुंवर झाला

©Bittu

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gunjan

माना मैं बदल गयी, तुम कौनसे वही हो? 
मान लिया मैं गलत हूँ, तो तुम कौनसे सही हो |
                                  ✍alfaz_unkhe

©Bittu #You&Me

#you&Me

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gunjan

_alfaz_unkhe

©Bittu #bye2020
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gunjan

जैसे कि उम्र के पंछी के पंखों से,  फिर एक पंख टूट रहा है|
वैसे ही महीनों की गिनती से, बूढ़े दिसम्बर का साथ छूट रहा है|

जिंदगी का ये एक और साल मुट्ठी में बन्द, 
किसी रेत सा फिसल गया | 
देखते ही देखते पहले दिन फिर महीने और
 फिर से पुरा साल  निकल गया |

बीते साल की यादे जैसे रंगमंच का 
मानो कोई पर्दा गिर रहा है|
 दिल भी बीते साल निभाए अपने सभी किरदारों से 
आखिरी मर्तबा मिल रहा है।

ये वक्त ही है जो साल की आड़ में , 
अपना ठिकाना बदल रहा है |
ऐसे में बहुतों का अंत तक , 
साथ ना होना दिल को खल रहा है |

बीते वक्त की यादें लेकर 20 वें साल का सूरज ढलने वाला है
फिर एक बार यादें बुनने को नया वक्त लिए नया साल आने वाला है
                                                                   ✍_alfaz _unkhe

©Bittu #bye2020
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gunjan

उड़ता रहा है जिंदगी से सालों का रंग
 देखते ही देखते एक दिसंबर और गुजर रहा है जनवरी से मिलने की चाहत में देखो 
दिसंबर बर्बाद हो रहा है 
21 वीं सदी का यह साल जवां हो रहा है सुना है 
इक्कीसवीं सदी को जवानी का 
इक्कीसवां साल लग रहा है

©Bittu #2021

2021

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gunjan

जायका भी नहीं लिया जिंदगी का और 
ये वक्त है कि सब कुछ समेटकर चल रहा है |
दिसम्बर भी अपना ठिकाना बदल रहा है|
सुना है इक्कीसवीं सदीं को
 जवानी का रंग लग रहा है |
बीते साल के हर एक लम्हे पर 
धीरे-धीरे से पर्दा खींच रहा है |
 समन्दर से जहां में रेत सी जिंदगी का
 एक और साल हाथों से फिसल रहा है  , 
 साल  2020 का आज आखिरी दिन चल रहा है|                                                                         ✍_alfaz_unkhe

©Bittu #2021

2021

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gunjan

बीते साल के हर एक लम्हे पर 
धीरे-धीरे से पर्दा खींच रहा है
कुछ चेहरों का साथ न रहना भी खल रहा है
 समन्दर से जहां में रेत सी जिंदगी का
 एक और साल  हाथों से फिसल रहा है  
सुना है नया साल आ रहा है

©Bittu #2021

2021

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gunjan

उम्र के पंछी के पंखों से ,एक पंख फिर टूट रहा है  
महिनों कि गिनती से, 
दिसंबर का साथ फिर छूट रहा है |

बीसवे साल का सूरज  छिपने वाला है 
सुना है नये साल का सूरज उगने वाला है |
                                       ✍️ _alfaz_unkhe

©Bittu #2021

2021

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gunjan

उम्र की माला से  एक मोती  फिर बिखर रहा है
 कैलेंडर के आंचल से दिसंबर फिर जुदा हो रहा है

 कुछ चेहरे  जो घट गए, चंद यादें बस उनकी रह गई 
नये रिश्तों ,नये चेहरों का आगाज़ भी हो गया कई 

कुछ रिश्तों का डर है की नये साल में खो न जाए कहीं 
कुछ रिश्तों का अहसास हैं कि बने रहेगें जहाँ है वहीं
                                          ✍ _alfaz_unkhe

©Bittu #2021

2021

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