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sarojsharma5618
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mere alfaaz

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mere alfaaz

बहुत दिनो से खुद को ढूंढती हूं
देखो कब खुद को खोज पाती हूं ।

जिंदगी से कर लिया है समझौता
वो ठोकर मारती है मैं उठ जाती हूँ।

कोई शिकायत नही जिंदगी से
ये गम भी दे तो भी मुस्कुराती हूँ।

वक्त है रुका है कब किसी के लिए
ये ही सोचकर जिदंगी बिताती हूँ।

जो गुजर गया उसका गिला क्या
जो है उसके शुक्राने में सिर झुकाती हूं।

©saroj sharma #selflove
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mere alfaaz

वो अफ़साना सबसे मुश्किल होता है
जिसे दुनिया से है छिपाना होता है

©saroj sharma #mere_alfaaz

#Books
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mere alfaaz

रोशन है कायनात सारी
कोई इश्क बन के जला होगा ।

छोड गया है वो मुझको पर
मन ही मन पछताता होगा।

©saroj sharma #Mere_alfaaz  #Shayar 

#CandleLight
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mere alfaaz

हलक तक आ गया था दम मेरा आस फिर जगी 
लोगो से तेरा आना सुनकर ।
संभाल कर रख आंसू पलको पर मोती है
माज़ी  पर न इन्हें जाया कर ।
उसके झूठ को भी सच समझा दिल कहता था 
बेवफा होगा यकीं न किया कर  ।
बुत ए काबा माना है जो उसको लोग कहते थे
पत्थर हो जायेगा इतने सजदे न किया कर ।

©saroj sharma #Love  #ishq

Love #ishq

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mere alfaaz

छत घर का एक ऐसा हिस्सा है जो प्राय: एक ही अर्थ में उपयोग में आता है की सर के ऊपर छत जो एक इज्जत, सम्मान का प्रतीक है। वास्तव में छत वो हिस्सा है जो सभी घर के सदस्यों से जुड़ा है।छत के नीचे खड़े हो तो सुरक्षा, साया और बंद का एहसास और उपर खड़े हो तो खुलेपन, ताजगी का एहसास होता है। बुजुर्ग के लिए ये इज्जत है तो महिलाओ के लिए कपड़े सुखाने से लेकर आचार डालने तक की क्रिया का मैदान बनी छत इनके  दिल हल्का करने मन की बात साझा और गला साफ़ करने, पूरे मोहल्ले की खबरों का पोस्टमार्टम करने का अड्डा यहीं छत होती  है। मिलती हुई छतें दिल भी मिलाती हैं जब प्रेमी कई छतों को टॉप कर अपनी प्रेमिका से मिलने दुनिया की नजरो से बचकर मिलते है। छतों पर रिश्ते बनते और बिगड़ते हैं।छत ही वो जगह हैं जहां आंखो के पेंच लड़ने से लेकर पतंगों के पेंच तक लड़ते हैं। इसी जगह पर प्रेमियों की छुप कर मिलते है तो खुलकर  करवा चौथ को  चांद यही से देखते हैं। छत के पास सबको देने के लिए कुछ न कुछ है।

©saroj sharma #roof
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mere alfaaz

प्रेम की कोई एक परिभाषा नही होती एक पैमाना नहीं हो सकता । सबका प्रेम एक दूसरे से अलग होता है। अगर कोई लैला मजनू की तरह मरे नही तो इसका मतलब यह नही की यू का प्रेम प्रेम नही कई बार प्रेम में मरना आसान और जीना दुश्वार होता है। प्रेम कभी पूर्ण नही होता। इसका मुकाम किसी और के प्रेम से निर्धारित नही किया जा सकता।

©saroj sharma #apart
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mere alfaaz

जिंदगी के रंजो ओ गम से टूटा नही करते
इनसे घबराकर कदम रोका नहीं करते।

मुश्किलों के मौसमों में लोग छोड़ जाते हैं
ऐसे मौसमों में लोगो को परखा नहीं करते।

रिश्ते निभाने में दिल ओ जान लुटाते है
जाना हो जिसे फिर उसे रोका नही करते।

कुछ लोग जिंदगी के सफ़र में हमेशा रहते है
मगर राहों से इसका गिला ज़ाहिर नही करते।

कुछ लोग किस्मत में लकीरें नही रखते
ऐसे लोग बुतखानों में सजदा नही करते।

जो अपनी वफ़ा की आदत से बेज़ार रहते है
वरना वो भी दुनियां को अपनी ज़ेब में रखते।

जो लोग अपनी कमियां का इल्म है रखते
ऐसे लोग ' गुल' दूसरों पर उंगली नही करते।

©saroj sharma #LifeStory 

#humantouch
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mere alfaaz

तेरा मेरा करने में ही सारी उम्र लगा दी
कल क्या होगा सोचने में ही आज की खुशी गंवा दी।

उम्र है कम और काम है ज्यादा
सुख है कितने दुख है कितने के हिसाबों में जिंदगी गंवा दी।

चालाकी और टेढ़ी मेढी बातो में ही 
असली खुशी समझ के सच्ची खुशी गंवा दी।

©saroj sharma #Life_experience  #Shayari 

#ujala
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mere alfaaz

इश्क में जीत हार कहां देखते हैं
दीवाने है नुकसान कहां देखते हैं।

©saroj sharma #together
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mere alfaaz

मैंने उसके दिल की बंजर ज़मी पर
अपने प्यार का बीज बोया था
जो उसकी  अना की गर्मी,
खामोशियों की बारिश,
बे नियाज़ी की सर्द थपेड़े से 
बचता अब पौधा बन गया है।
प्यार के पौधे की जड़े गहरी होती है।

©saroj sharma #FlowerBeauty
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