किसी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना या ना जुड़ना ये आप पर निर्भर करता है, पर यदि आप इस प्रकार से किसी से जुड़ते हैं, तो आपको हमेशा इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि जब वो आपसे बात करना बंद कर देंगे तो आपको दुःख होगा, और आपको इससे बाहर आना मुश्किल होगा।
हमे हमेशा ये याद रखना चाहिए कि लोग हर रोज अलग-अलग भावनाओं के साथ जागते हैं।
#Dark#Life
Prashant Kumar
तुझें भूल जाने का #हुनर ना आया
तेरी #याद तो आयी हर शाम
पर तु कभी ना आया #poem
Prashant Kumar
समय से #लडाई है अपनी आज कल
ऐसे ही# हालात बन आई हैं आज कल
हर तरफ #बेबसी का माहौल है अब तो
जिन्दगी भी #इम्तिहान ले रही आज कल #poem
Prashant Kumar
तेरे बिन हर ख़्वाब अधूरा है
ज़िन्दगी की हर साज अधूरा है
चुपके से #ख्वाबों में ही चले आओ
तेरे मेरे मिलने का #एहसास अधूरा है
Prashant Kumar
छोड़ दिया उस गली में आना जाना
जहा अब ना रहा तेरा पुराना ठिकाना #poem
Prashant Kumar
रहने दे चाँद तारे ये आसमा की बाते
आ बैठ साथ प्यार की बात करते हैं
सारे शिकवे गीले भूल कर हम दोनों
आओ नई मोहब्बत की शुरुआत करते हैं #poem
Prashant Kumar
#Loneliness
जब ख़ुद ही दरिया बन बैठे तो
कागज़ की कश्ती तैराये कैसे
बदनाम जवानी की गली छोड़ के
बीते बचपन में अब जाये कैसे
कैसे गुजर रहा है हर लम्हां ज़िन्दगी का
किसी को चंद अल्फाजों में समझायें कैसे
अब तो खुद का साया भी साथ नहीं देता #poem
Prashant Kumar
#Loneliness
यूँ ही तन्हां जीने से तो
उदासी कम नहीं होती
वजह तो होता है गम का
यूहीं आँखें नम नहीं होती
Prashant Kumar
#Love
जिंदगी, जिंदगी हो जाती है
मोहब्बत के हर एक लम्हे में
फिर भी वक़्त लग जाता है
किसी से हाले दिल कहने में