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ronakagrawal8908
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Mahadev

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Mahadev

टाॅप तो मैं भी कर लेता लेकिन 
बात तो मजे की है भाई सा‌-
मजा‌ तो  हमेंशा पीछे रहने में ही है
आखिर जो काम कोई ना कर सके
वो हमें करना है ना


क्यों सही कहा ना --?

©Mahadev #Comedy #laugh #laughter
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Mahadev

खा खा के मोटे हो जाओ

©Mahadev
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Mahadev

वादा है आपसे महादेव-मेरे माता-पिता मेरे वजह से कभी दुखी नहीं होंगे

©Mahadev
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Mahadev

पार्वती जी ने सोचा मैंने तप तो दान कर दिया है अब मैं पुनः तप प्रारंभ करती हूं माता पार्वती ने पुनः तप करने का संकल्प लिया यह देख भगवान शिव फिर से प्रकट हुए और बोले देवी अब क्या कर रही हो तब माता ने कहा मैंने अपने तब का दान कर दिया है और अपने पति रूप में आपको पाने के लिए मैं फिर से तब करूंगी तब महादेव ने कहा बालक और मगरमच्छ के रूप में मैं ही था तुमने मुझे ही अपने तप का दान किया है मैं तो बस तुम्हारी परीक्षा ले रहा था की तुम्हारा चित्त प्राणी मात्र से सुख दुख का अनुभव करता है या नहीं
तुम्हें पुनः तप करने की आवश्यकता नहीं है मैं तुम्हारी तपस्या से मैं 
प्रसन्न हूं

©Mahadev #Maha_shivratri
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Mahadev

मगरमच्छ ने पार्वती जी से तप दान करने का 
संकल्प करवाया तप का 
दान होते ही मगरमच्छ का देह तेज से
 चमक उठा मगर बोला देखो पार्वती तप
 के प्रभाव से मैं तेजस्वी बन गया हूं 
तुमने जीवन भर की पूंजी इस बच्चे के
 लिए व्यर्थ कर दी चाहो तो अपनी भूल 
अभी भी सुधार लो पार्वती जी बोली हे
 ग्राह तप तो मैं दोबारा कर सकती हूं 
लेकिन यदि तुम इस बालक को निगल 
जाते तो क्या उसका जीवन वापस मिल
 जाता देखते ही देखते वह लड़का अदृश्य
 हो गया और मगरमच्छ लुप्त हो गया

©Mahadev #Maha_shivratri
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Mahadev

मगरमच्छ ने समझाया सोच लो देवी
 जोश में आकर संकल्प मत करो 
हजारों वर्षों तक जो तप किया है वह 
देवताओं के लिए भी संभव नहीं है 
उसका सारा फल इस बालक के प्राणों 
के बदले चला जाएगा पार्वती जी ने 
कहा मेरा निश्चय पक्का है मैं तुम्हें 
अपने तप का फल देती हूं, तुम 
इसका जीवन दे दो

©Mahadev #Maha_shivratri
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Mahadev

मगरमच्छ बोला एक ही शर्त पर मैं इसे छोड़ सकता हूं आपने तप करके महादेव से जो
 वरदान लिया है उस तप का फल मुझे 
दे दोगी तो मैं इसे छोड़ दूंगा
पार्वती जी तैयार हो गई उन्होंने कहा
 मैं तुम्हें अपने तप का फल देने के लिए
 तैयार हूं तुम इस लड़के को छोड़ दो

©Mahadev #Maha_shivratri
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Mahadev

तभी माता ने कहा हे ग्राह है इस इस 
लड़के को छोड़ दो, मगरमच्छ बोला
 हे देवी-दिन की छठे पहर में जो कुछ 
मुझे मिलता है उसे अपना आहार 
समझ कर स्वीकार करना मेरा नियम है
ब्रह्मदेव ने दिन के छठे पहर पर इस लड़के को भेजा है मैं इसे क्यों छोड़ू 
पार्वती जी ने कहा तुम इसे छोड़ दो 
बदले में तुम्हें जो चाहिए पर मुझसे कहो

©Mahadev #Maha_shivratri
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Mahadev

लड़का खुद को बचाने के लिए तालाब के किनारे शोर मचा रहा था लड़के की आवाज सुनकर माता पार्वती उस ओर भागी उन्होंने देखा कि मगरमच्छ लड़के को तालाब के किनारे अपनी ओर खींच 
रहा है तभी लड़के ने माता को देखा और बोला हे 
देवी ना तो मेरी मां है ना मेरा बाप है और ना 
तो कोई मेरा मित्र है कृपया आप मेरी रक्षा करें

©Mahadev #Maha_shivratri
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Mahadev

जब इन सब बातों से भी बात नहीं
 बनी तो भगवान शंकर ने स्वयं परीक्षा 
लेने की ठान ली। अब भगवान शंकर
 मगरमच्छ रूप में वहीं प्रकट हुए जहां 
माता पार्वती तप कर रही थी
वही तालाब के पास मगरमच्छ ने
 एक लड़के को पकड़ लिया

©Mahadev #Maha_shivratri
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