थोड़ा हिसाब लगा लेना, बाग से चुराये आमों का ,
माली से खाये डंडों का,
रास्ते में लुटे पतंगों का, पुराने खेलों में साथ बिताए घंटों का।।
जानते हो प्रकृति ने सब दिया है तुम्हें,
साथ ही इसे महसूस और जानने की शक्ति भी।।
देखो अगर सिर्फ बारिश होती तो क्या होता, सिर्फ गर्मी होती या फिर सर्दियों का ही मौसम होता तो क्या होता ।।