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adilkhan7238
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"BIG BOSS

"THE SALMAN KHAN (HOST)

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"BIG BOSS

White चस्का जो लग जाए एक बार 
तो हर दफा काम आएगी 
चाय है यारों मोहब्बत नहीं 
जो बेवफा हो जाएगी .......

©"SILENT" #love_shayari  Chocolate  neelu  Anshu writer  Neha@Nehit_Enola  Shalu

#love_shayari Chocolate neelu Anshu writer Neha@Nehit_Enola Shalu

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"BIG BOSS

White तेरा प्रेम हलाहल प्यारे, अब तो सुख से पीते हैं
विरह सुधा से बचे हुए हैं, मरने को हम जीते हैं।

दौड़-दौड़ कर थका हुआ है, पड़ कर प्रेम-पिपासा में
हृदय ख़ूब ही भटक चुका है, मृग-मरीचिका आशा में।

मेरे मरुमय जीवन के हे सुधा-स्रोत! दिखला जाओ
अपनी आँखों के आँसू से इसको भी नहला जाओ। 

डरो नहीं, जो तुमको मेरा उपालंभ सुनना होगा
केवल एक तुम्हारा चुंबन इस मुख को चुप कर देगा

©"SILENT" #love_shayari  Niaz (Harf)  Neha@Nehit_Enola  Anshu writer  Vinita pahadi Uttrakhand,  Anamika.....

#love_shayari Niaz (Harf) Neha@Nehit_Enola Anshu writer Vinita pahadi Uttrakhand, Anamika..... #Poetry

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"BIG BOSS

White रात गए सड़कों पर अक्सर एक न एक आदमी ऐसा ज़रूर मिल जाता है 
जो अपने घर का रास्ता भूल गया होता है 
कभी-कभी कोई ऐसा भी होता है जो घर का रास्ता तो जानता है 
पर अपने घर जाना नहीं चाहता 
एक बूढ़ा मुझे अक्सर रास्ते में मिल जाता है 
कहता है कि उसके लड़कों ने उसे घर से निकाल दिया है। 
कि उसने पिछले तीन दिन से कुछ नहीं खाया है। 
लड़कों के बारे में बताते हुए वह अक्सर रुआँसा हो जाता है

©"SILENT" #sad_dp
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"BIG BOSS

White धाराओं में  कभी न  बहना 
हाँ प्रतिरोध  पड़ेगा  सहना 

हँसकर सहिये 
चलते रहिये 
कहते  रहे  समय के पहिये 

भावुकता  अवरोध  बनेगी
प्यार  बनेगी  क्रोध  बनेगी
किन्तु न ढहिये
चलते    रहिये
कहते रहे समय के पहिये

जो भी थके झुके दिख जायें 
पथ में  कहीं रुके दिख जायें 

उनसे कहिये 
चलते रहिये 
कहते रहे समय के पहिये

©"SILENT" #sad_shayari  Anshu writer  T4_tanya_  Niaz (Harf)  shiza  neelu

#sad_shayari Anshu writer T4_tanya_ Niaz (Harf) shiza neelu #Poetry

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"BIG BOSS

White सवेरे उठा तो धूप खिल कर छा गई थी
और एक चिड़िया अभी-अभी गा गई थी।

मैंने धूप से कहा: मुझे थोड़ी गरमाई दोगी उधार
चिड़िया से कहा: थोड़ी मिठास उधार दोगी?

मैंने घास की पत्ती से पूछा: तनिक हरियाली दोगी—
तिनके की नोक-भर?
शंखपुष्पी से पूछा: उजास दोगी—
किरण की ओक-भर?

मैंने हवा से मांगा: थोड़ा खुलापन—बस एक प्रश्वास,
लहर से: एक रोम की सिहरन-भर उल्लास।
मैंने आकाश से मांगी
आँख की झपकी-भर असीमता—उधार।

सब से उधार मांगा, सब ने दिया ।
यों मैं जिया और जीता हूँ
क्योंकि यही सब तो है जीवन—
गरमाई, मिठास, हरियाली, उजाला,
गन्धवाही मुक्त खुलापन,
लोच, उल्लास, लहरिल प्रवाह,
और बोध भव्य निर्व्यास निस्सीम का:
ये सब उधार पाये हुए द्रव्य।

©"SILENT" #Sad_shayri  Anshu writer  Shalu  I_surbhiladha  Mrs.Doniaaa Sharma  T4_tanya_

#Sad_shayri Anshu writer Shalu I_surbhiladha Mrs.Doniaaa Sharma T4_tanya_ #Poetry

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"BIG BOSS

White 

 
नहीं हलाहल शेष, तरल ज्वाला से अब प्याला भरती हूँ। 

विष तो मैंने पिया, सभी को व्यापी नीलकंठता मेरी; 
घेरे नीला ज्वार गगन को बाँधे भू को छाँह अँधेरी; 
सपने जमकर आज हो गए चलती-फिरती नील शिलाएँ, 

आज अमरता के पथ को मैं जलकर उजियाला करती हूँ। 

हिम से सीझा है यह दीपक आँसू से बाती है गीली; 
दिन से धनु की आज पड़ी है क्षितिज-शिञ्जिनी उतरी ढीली, 
तिमिर-कसौटी पर पैना कर चढ़ा रही मैं दृष्टि-अग्निशर, 

आभाजल में फूट बहे जो हर क्षण को छाला करती हूँ।

©"SILENT" #Sad_shayri  Nîkîtã Guptā  Mrs.Donia Aakash Bhardwaj  Jazz  Vinita pahadi uttrakhand vinitawritter  Anshu writer

#Sad_shayri Nîkîtã Guptā Mrs.Donia Aakash Bhardwaj Jazz Vinita pahadi uttrakhand vinitawritter Anshu writer

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"BIG BOSS

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Hindi News ›   Kavya ›   Viral Kavya ›   The most viral hindi poetry
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ये हैं हिन्दी की सबसे वायरल कविताएं
Kavya Desk काव्य डेस्क
The most viral hindi poetry
Viral Kavya
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इंटरनेट के दौर में कवि और लेखक अपनी रचनाओं को फ़ेसबुक और अन्य सोशल माध्यमों पर साझा कर देते हैं और ऐसे में की बार यह रचनाएं वायरल हो जाती हैं और ख़ूब सराही जाती हैं। पेश हैं बीते समय की ख़ास वायरल कविताएं
सुनो द्राैपदी ! शस्त्र उठा लो/ पुष्यमित्र उपाध्याय
सुनो द्राैपदी ! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे...
छोड़ो मेहंदी खड्ग संभालो
खुद ही अपना चीर बचा लो
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि,
मस्तक सब बिक जाएंगे
सुनो द्राैपदी! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे

कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से
कैसी रक्षा मांग रही हो दुःशासन दरबारों से
स्वयं जो लज्जाहीन पड़े हैं
वे क्या लाज बचाएंगे
सुनो द्राैपदी! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे

कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है
तुम ही कहो ये अंश्रु तुम्हारे,
किसको क्या समझाएंगे?
सुनो द्राैपदी! शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे
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चेहरे पर तेजाब फेंकने के बाद लड़की ने लड़के से ये कहा...
एक लड़की ने एक लड़के का प्यार
कबूल नहीं किया तो लड़के ने
लड़की के मुँह पर तेजाब फेंक दिया
तो लड़की ने लड़के से चंद पंक्तियां
कहीं आप एक बार इन पंक्तियों को
जरूर पढ़ना...
 
चलो, फेंक दिया सो फेंक दिया
अब कसूर भी बता दो मेरा
तुम्हारा इजहार था
मेरा इंकार था
बस इतनी सी बात पर
फूंक दिया तुमने
चेहरा मेरा....

गलती शायद मेरी थी
प्यार तुम्हारा देख न सकी
इतना पाक प्यार था
कि उसको मैं समझ ना सकी....
अब अपनी गलती मानती हूँ
क्या अब तुम अपनाओगे मुझको?
क्या अब अपना बनाओगे मुझको?

 

 

 

क्या अब सहलाओगे मेरे चहरे को?
जिन पर अब फफोले हैं
मेरी आंखों में आंखें डालकर देखोगे?
जो अब अंदर धंस चुकी हैं
जिनकी पलकें सारी जल चुकी हैं
चलाओगे अपनी उंगलियां मेरे गालों पर?
जिन पर पड़े छालों से अब पानी निकलता है

 

हाँ, शायद तुम कर लोगे
तुम्हारा प्यार तो सच्चा है ना?
अच्छा! एक बात तो बताओ
ये ख्याल 'तेजाब' का कहां से आया?
क्या किसी ने तुम्हें बताया?
या जेहन में तुम्हारे खुद ही आया?
अब कैसा महसूस करते हो
तुम मुझे जलाकर?
गौरान्वित ?
या पहले से ज्यादा
और भी मर्दाना..?

तुम्हें पता है
सिर्फ मेरा चेहरा जला है
जिस्म अभी पूरा बाकी है
एक सलाह दूं
एक तेजाब का तालाब बनवाओ
फिर इसमें मुझसे छलांग लगवाओ
जब पूरी जल जाऊंगी मैं
फिर शायद तुम्हारा प्यार मुझमें
और गहरा और सच्चा होगा

 

 

एक दुआ है
अगले जन्म में
मैं तुम्हारी बेटी बनूं
और मुझे तुम जैसा
आशिक फिर मिले
शायद तुम फिर समझ पाओगे
तुम्हारी इस हरकत से
मुझे और मेरे परिवार को
कितना दर्द सहना पड़ा है
तुमने मेरा पूरा जीवन
बर्बाद कर दिया है।

- हमें यह शायरी सोशल मीडिया से हासिल हुई है। हमें इसके रचयिता का नाम पता नहीं है। अगर आपको इस बारे में जानकारी है तो हमें सूचित करें, हमें नाम सार्वजनिक करने में प्रसन्नता होगी।

समाज को आईना दिखाती यह वायरल कविता
कहाँ पर बोलना है
और कहाँ पर बोल जाते हैं।
जहाँ खामोश रहना है
वहाँ मुँह खोल जाते हैं।

कटा जब शीश सैनिक का
तो हम खामोश रहते हैं।
कटा एक सीन पिक्चर का
तो सारे बोल जाते हैं।

नयी नस्लों के ये बच्चे
जमाने भर की सुनते हैं।
मगर माँ बाप कुछ बोले
तो बच्चे बोल जाते हैं।

बहुत ऊँची दुकानों में
कटाते जेब सब अपनी।
मगर मज़दूर माँगेगा
तो सिक्के बोल जाते हैं।

 

 

अगर मखमल करे गलती
तो कोई कुछ नहीँ कहता।
फटी चादर की गलती हो
तो सारे बोल जाते हैं।

हवाओं की तबाही को
सभी चुपचाप सहते हैं।
च़रागों से हुई गलती
तो सारे बोल जाते हैं।

बनाते फिरते हैं रिश्ते
जमाने भर से अक्सर।
मगर जब घर में हो जरूरत
तो रिश्ते भूल जाते हैं।
 
कहाँ पर बोलना है
और कहाँ पर बोल जाते हैं।
जहाँ खामोश रहना है
वहाँ मुँह खोल जाते हैं।

- हमें यह शायरी सोशल मीडिया से हासिल हुई है। हमें इसके रचयिता का नाम पता नहीं है। अगर आपको इस बारे में जानकारी है तो हमें सूचित करें, हमें नाम सार्वजनिक करने में प्रसन्नता होगी।

सहमे स्वप्न...
काँधे पर टंगा बस्ता
चॉकलेट की बचपनी चाहत
और फिर
बाँबियों-झाड़ियों में से निकलते
वे सांप ,भेड़िये और लकड़बग्घे
मासूम गले पर खूनी पंजे
देह की कुत्सित भूख में
बज़बज़ाते लिज़लिज़ाते कीड़े
कर देते हैं उसके जिस्म को
तार-तार।

एक अहसास चीख कर
आर्तनाद में बदलता है
और वह जूझती रही,
चीखती रही,
उसका बचपन टांग दिया गया
बर्बर सभ्यता के सलीबों से
सपने भी सहमे हैं उस
सात साल की बच्ची के।

©"SILENT" #love_shayari
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"BIG BOSS

White बे-तअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं 
ज़िंदगी क्या मौत भी अच्छी नहीं 

आज भी पाया है उन को बद-मिज़ाज 
सूरत-ए-हालात अभी अच्छी नहीं 

हसरत-ए-दिल देख आँखों में न बैठ 
इस क़दर बे-पर्दगी अच्छी नहीं 

मैं न कहता था दिल-ए-ख़ाना-ख़राब 
दिलबरों से दिल-लगी अच्छी नहीं 

सैर कीजे हुस्न के बाज़ार की 
हाँ मगर आवारगी अच्छी नहीं

©"SILENT" #sad_shayari  sad shayari in hindi Anshu writer  T4_tanya_  Mrs.Donia Aakash Bhardwaj  Niaz (Harf)  Neha@Nehit_Enola

#sad_shayari sad shayari in hindi Anshu writer T4_tanya_ Mrs.Donia Aakash Bhardwaj Niaz (Harf) Neha@Nehit_Enola #SAD

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"BIG BOSS

White सावन आया मेघा बरसे मौसम सुहावना हुआ।
इस मौसम में भी उनका हमारे यहां आना ना हुआ।
भंवरों ने गीत गाए कलियों का मुस्कुराना हुआ।
हमारा गाया हुआ मल्हार उनके लिए है बेमाना हुआ।
सुहागिन हुई धरा नए अंकुरों का भी आना हुआ।
खिल गया वो फूल भी जो पतझड़ में था वीराना हुआ।
मेघों की आमद से है मोरों का भी नाच गाना हुआ।
इस मन संग भी कोई नाच ले यह भी है मस्ताना हुआ।
इस सावन में हर जीव कुदरत का है दीवाना हुआ।
हमारे लिए तो यह सावन भी विरह का पैमाना हुआ।
इस सावन में हमारी विरह का रूप भी निराला हुआ।
उसके नयनों से भरा जाम हमारा खाली प्याला हुआ।
उसको बेवफा कहना यह तो खुद को ही रुलाना हुआ।
मालूम नहीं वो हमें छोड़कर और किसका है दीवाना हुआ।

©"SILENT" #Hindi pantiya# metaphysical poetry Anshu writer  Uttarakhand queen  I_surbhiladha  Mrs.Donia Aakash Bhardwaj  Sircastic Saurabh

#Hindi pantiya# metaphysical poetry Anshu writer Uttarakhand queen I_surbhiladha Mrs.Donia Aakash Bhardwaj Sircastic Saurabh #Poetry

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"BIG BOSS

White 
आँख बंद कर लेने से 
अंधे की दृष्टि नहीं पाई जा सकती 
जिसके टटोलने की दूरी पर है संपूर्ण 
जैसे दृष्टि की दूरी पर। 

अँधेरे में बड़े सवेरे एक खग्रास सूर्य उदय होता है 
और अँधेरे में एक गहरा अँधेरा फैल जाता है 
चाँदनी अधिक काले धब्बे होंगे 
चंद्रमा और तारों के। 

टटोलकर ही जाना जा सकता है क्षितिज क
दृष्टि के भ्रम को 
कि वह किस आले में रखा है 
यदि वह रखा हुआ है। 
कौन से अँधेरे सींके में 
टँगा हुआ रखा है 
कौन से नक्षत्र का अँधेरा। 

आँख मूँदकर देखना 
अंधे की तरह देखना नहीं है।

©"SILENT" #WORLD_POPULATION_DAY  Aaj Ka Panchang Vinita pahadi uttrakhand vinitawritter  sakshi Pandey  Anshu writer  Shalu  Mrs.Donia Aakash Bhardwaj

#WORLD_POPULATION_DAY Aaj Ka Panchang Vinita pahadi uttrakhand vinitawritter sakshi Pandey Anshu writer Shalu Mrs.Donia Aakash Bhardwaj #Poetry

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