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sadashivyadav3868
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Sadashiv Yadav

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Sadashiv Yadav

नया साल आया है ख़ुशी के दिन चार लाया है 
आलिंगन हो मुहब्बत का  कि नूतन हार लाया है 
भूल कर गिले -सिकवे तेरी गलियों में जो भटके 
ये क़ुदरत का करिश्मा दिल -ए-त्यौहार लाया है आप सभी भारत वासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ 
कवि :हिन्दी -भोजपुरी गीतकार 
सदाशिव यादव "बेगाना "प्रतापगढी़
मो -9069205300

आप सभी भारत वासियों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ कवि :हिन्दी -भोजपुरी गीतकार सदाशिव यादव "बेगाना "प्रतापगढी़ मो -9069205300

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Sadashiv Yadav

 उ-प्र-जिला प्रतापगढ़ के भुपियामऊ में  विराट कवि सम्मेलन में काव्यपाठ करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ

ये बीमार माँ का पिसर चाहता है 
दुआओ में अपनी असर चाहता है 

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सफ़र करते करते थका है मुसाफ़िर 
कडी़ धूप में इक शजर चाहता है

उ-प्र-जिला प्रतापगढ़ के भुपियामऊ में विराट कवि सम्मेलन में काव्यपाठ करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ये बीमार माँ का पिसर चाहता है दुआओ में अपनी असर चाहता है ----- ----- ------ ------ सफ़र करते करते थका है मुसाफ़िर कडी़ धूप में इक शजर चाहता है #nojotophoto

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Sadashiv Yadav

 इस नयें ज़मानें का सिलसिला नहीं कोई 
दिल हमारा टूटा भी और मिला नहीं कोई 
कैंसी बात फैली है हर तरफ ये "बेगाना "
आई है बहार पर गुल खिला नहीं कोई

कवि :हिन्दी-भोजपुरी गीतकार 
सदाशिव यादव "बेगाना"प्रतापगढी़
मो-9069205300

इस नयें ज़मानें का सिलसिला नहीं कोई दिल हमारा टूटा भी और मिला नहीं कोई कैंसी बात फैली है हर तरफ ये "बेगाना " आई है बहार पर गुल खिला नहीं कोई कवि :हिन्दी-भोजपुरी गीतकार सदाशिव यादव "बेगाना"प्रतापगढी़ मो-9069205300 #nojotophoto

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Sadashiv Yadav

 जादू -टोना जंतर- मंतर सात समुन्दर दिखता है 
झील सी तेरी आँखों में इक मान सरोवर दिखता है 
मेरी नही पर उसकी मानों सच बेगाना कहता है 
तेरी भोली सूरत पे जो रूप कलंदर दिखता है

कवि :हिन्दी -भोजपुरी गीतकार 
सदाशिव" बेगाना"प्रतापगढी़
मो -8368163732

जादू -टोना जंतर- मंतर सात समुन्दर दिखता है झील सी तेरी आँखों में इक मान सरोवर दिखता है मेरी नही पर उसकी मानों सच बेगाना कहता है तेरी भोली सूरत पे जो रूप कलंदर दिखता है कवि :हिन्दी -भोजपुरी गीतकार सदाशिव" बेगाना"प्रतापगढी़ मो -8368163732 #nojotophoto

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Sadashiv Yadav

 तेरी आशि़की का असर हो रहा है 
दुपट्टा ये  तेरा कहर हो रहा है 
हुआ इस कदर मैं तो तेरा दीवाना 
बेगाना तो सूखा सजर हो रहा है

कवि हिन्दी -भोजपुरी गीतकार 
सदाशिव "बेगाना "प्रतापगढी़
मो-8368163732

तेरी आशि़की का असर हो रहा है दुपट्टा ये तेरा कहर हो रहा है हुआ इस कदर मैं तो तेरा दीवाना बेगाना तो सूखा सजर हो रहा है कवि हिन्दी -भोजपुरी गीतकार सदाशिव "बेगाना "प्रतापगढी़ मो-8368163732 #nojotophoto

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Sadashiv Yadav

 उधर से तुम्हारी ख़ुशी आ रही हैं।           इधर से तो मेरी जान जा रही हैं 
कही टूट जायें न माटी का खिलौना।        लबों से हमारी हँसी जा रही हैं 
 कवि :हिन्दी -भोजपुरी गीतकार।            सदाशिव यादव "बेगाना "प्रतापगढी़
मो -8368163732

उधर से तुम्हारी ख़ुशी आ रही हैं। इधर से तो मेरी जान जा रही हैं कही टूट जायें न माटी का खिलौना। लबों से हमारी हँसी जा रही हैं कवि :हिन्दी -भोजपुरी गीतकार। सदाशिव यादव "बेगाना "प्रतापगढी़ मो -8368163732

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Sadashiv Yadav

 सुन पल भर ये प्यार पियादा रहता है
ढ़ली जवानी न जोर जियादा रहताहै
छोड़ के बापू के आंगन को जो तू चली गयी
बेगाना"फिर न ख्याल खियादा रहता है

सुन पल भर ये प्यार पियादा रहता है ढ़ली जवानी न जोर जियादा रहताहै छोड़ के बापू के आंगन को जो तू चली गयी बेगाना"फिर न ख्याल खियादा रहता है

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Sadashiv Yadav

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Sadashiv Yadav

 बदरा बदरा सखि बरसत नाही
उमस उदर सुख ई पावत नाही
मुरझा तरू अरू ब्याकुल पंछी 
शीतल समीर मन भावत नाही

बदरा बदरा सखि बरसत नाही उमस उदर सुख ई पावत नाही मुरझा तरू अरू ब्याकुल पंछी शीतल समीर मन भावत नाही

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Sadashiv Yadav

 बरसे बदरा भीगें गजरा दादुर के दिन आई गयें 
तरूवर झूमें गिरिवर सीझे देखके बल खाई गयें
मन मानत न कुछ जानत न बेलों की तरह लिप टाई गयें 
बेगाना" बडे़ दिन बाद मिले हिया में तो समाई गयें
कवि :हिन्दी -भोजपुरी गीतकार सदाशिव यादव "बेगाना "प्रतापगढी़

बरसे बदरा भीगें गजरा दादुर के दिन आई गयें तरूवर झूमें गिरिवर सीझे देखके बल खाई गयें मन मानत न कुछ जानत न बेलों की तरह लिप टाई गयें बेगाना" बडे़ दिन बाद मिले हिया में तो समाई गयें कवि :हिन्दी -भोजपुरी गीतकार सदाशिव यादव "बेगाना "प्रतापगढी़

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