बैठे है दहलीज पर ताक रहे है ढलती सांझ को
एक सुबह वादा किया था तुमने जाते हुए आ जाओगे सांझ को
मगर ये ना बताया की वो सांझ होगी कौन सी
पड़े है चुपचाप से दिन मेरे और राते पड़ी है मौन सी
राह तकते है आंसू लिए आंखो में की अब तुम लौट कर आओगे
बैठोगे पास मेरे बाहों में लेकर हाल मेरा बतलाओगे #कविता#SuperBloodMoon
aman sharma
जिंदा हू बेवजह, मेरे जीने की तुम वजह बन जाना
ढलती है शाम तन्हाई के साथ
मेरी महफिल की सुबह तुम बन जाना
थक से गए हैं कदम लड़खड़ा गया हू अकेला बस मेरे साथ चलने का सहारा तुम बन जाना
हाथ पकड़ लेना सहरा में तुम , दरिया में कश्ती का किनारा तुम बन जाना
रुक जाऊ जो कुछ कहते कहते , बोल पाने की ताकत ना हो #शायरी#Mic
aman sharma
मेरे टूटे हुए नगमों को तुम ग़ज़ल ना बना देना
अश्कों के समंदर में प्यार का कमल ना खिला देना
एक तकलीफ तो सह चुके हैं इश्क की दोबारा तुम इसे नासूर ना बना देना
होती है चुभन हवा के हर हसीं झोखे के साथ तुम इसे और दर्द की वजह ना बना देना
बड़ी मुश्किल से सीखा है अपने आप में जीना मैने, तुम इसे अपने पैरो पे खड़ा करके ना गिरा देना
खो दिया है शिरा जो मैने मोहब्बत का दोबारा फिर तुम मुझे ना शिरा देना #शायरी#Mic
aman sharma
तुमको खुश रखने की ख्वाहिश में जीता जा रहा हूं
गम तुम्हारे हिस्से के बिन बताए पीता आ रहा हूं
चाहता हूं मेरे हिस्से के ख़्वाब तेरी आंखों से देखू
हो कोई तेरी तमन्ना तो उसकी अपनी हसरतो से सींचू
बाहरे हो चमन में तेरे ना कोई फूल मुरझाए कभी
हो चाहते पूरी तेरी ना कभी कोई वजह सताए कभी #Mic
aman sharma
कर्ण कुंती संबोधन।
सूर्य पुत्र हूं दानवीर मैं रण में मैं हुकारूंगा
कुंती तेरे छह पुत्रों में से एक पुत्र मैं मारूंगा
क्यों ना सोचा था जन्म समय पर मेरे तब तूने धिक्कार दिया
एक मित्र दुर्योधन के बाद सारी दुनिया ने तिरस्कार किया
माना की पुत्र धर्म निभाने का हक मेरा है
किन्तु माता मातृ धर्म का तेरी ओर से अंधेरा है #कविता
aman sharma
तू जो कर दे इशारा फलक से चांद जमीं पर ले आऊं
मिट जाऊ या गुम हो जाऊ ,
बस तेरी धुन में रम जाऊ
शब हो तुझसे ,सुबह भी हो,
चांद तारे, फूल और कालिया भी हो
बिन तेरे मेरी कायनात अधूरी है
अपनी इश्क जुबां से ये कह जाऊ
तू जो कर दे इशारा फलक से चांद जमीं पर ले आऊं #Love#love❤#शायरी#Drops
aman sharma
मेरी मोहब्बत के जज़्बात तुम ना समझोगे
जाओगे दूर मगर दिल की धड़कन बनकर धड़कोगे
आग इश्क की कम तो ना होगी दूरी आने से
मेरी तन्हाई में भी तुम मेरा सितारा बनकर चमकोगे
महफिल होगी, शाम भी रोशन होगी ,
मेरी शामो की तुम अगड़ाई बनकर महकोगे
मेरी मोहब्बत के जज़्बात तुम ना समझोगे
#Flower#शायरी
aman sharma
सचमुच आज तो तुमने गज़ब ढा दिया
तिरछी नज़र से देखा और मुस्कुरा दिया
सचमुच आज तो तुमने गज़ब ढा दिया
तुम्हारी इस अदा पर आज हमने दिल हार दिया
यादों में तुम्हारी सारा दिन बस तुममें गुजार दिया
खोए खोए से रहे सारे दिन अभी तो रात भी बाकी है
मयखाना है तेरी आंखे जिसका दिल मेरा साकी है
प्यार का सारा दरिया तुमने अपनी आंखो से बहा दिया #शायरी#Trees
aman sharma
गुलिस्तां गुलजार था दिल का बस थोड़ी सी आंखो में नमी थी
सब कुछ था पास मेरे बस मेरे हाथ में तेरे हाथो की कमी थी
क्या क्या नही सोचा था हमने शरद शाम को अपने आगोश में लेकर
बस अब उसी आगोश में दिल की आह दबी थी
साथ रहने की लकीर किस्मत ने लिखी तो थी लेकिन मुझे क्या ख़बर ,
वो लकीर भी तेरी तरह फरेबी थी।
#Rose#कविता