प्रस्तुत है मेरी हिंदी कविता – 'बस यही चाहती हूँ'
इस कविता में मैंने अपने सपनों और अपनी कल्पनाओं को मान्यता दी है।
इसके द्वारा मैं यह बताना चाहती हूँ कि मेरे सपने ही मेरे सपने हैं।
अपने सपनों को पूरा कर मैं मेरे अपनों की उम्मीदों पर खरी उतरना चाहती हूँ। मैं अपने सपनों के द्वारा सबको खुश देखना चाहती हूँ। दौलत तो हर कोई कमा लेता है, मैं शोहरत कमाना चाहती हूँ। इस दुनिया में नाम बनाना चाहती हूँ, सिर उठाकर जीना चाहती हूँ। बस यही चाहती हूँ।
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