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shubhrasingh8585
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Shubhra Singh

Group A Gazetted at Government of India

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Shubhra Singh

आँखों की जुबां भी पढ़ लेनी चाहिए, कई बार बातें दिल से निकल कर,
आंखों तक का ही सफ़र तय कर पाती हैं। #feelings #ankhon_ki_zuban
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Shubhra Singh

ज़िन्दगी को खूबसूरत बनाना चाहते हैं ,
तो खुद को आज़ाद कर लीजिए।
सारी सुंदर चीजों का निर्माण,
स्वछंदता में ही होता है। #freedom aazad

#Freedom aazad

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Shubhra Singh

In a world full of myriad makeup options and numerous filters, 
I look forward to people who only adorn their confidence.
If you are looking for what to put on today,
Wear your divine smile with confidence.
Believe me you are beautiful even without makeup and filters. you are beautiful the way you are 😍

you are beautiful the way you are 😍 #Quote

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Shubhra Singh

दुश्मन जैसे दोस्त फरेब की दुनिया में,
हर शक्ल पे नकाब है।
खुद को ही आइने में,
पहचान पाना दुसाध्य है।

ऐसे में,
दुश्मन जैसे दोस्त,
कोई विरल बात नही। #december #friendship
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Shubhra Singh

दोस्त से प्यार स्कूल में लंच बांट के खाने से,
अब साथ में खाना बनाने तक,
बचपन में रेस में फर्स्ट आने से,
अब हमसफ़र होने तक,
हर पड़ाव, तुम्हारे साथ से,
समृद्ध है।
दोस्त से प्यार का,
अलग ही आनंद है। #decemeber #dost_se_pyar
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Shubhra Singh

अच्छी यादों का गुलिस्तां बना कर रखना,
बुरी यादों को किसी राह पे छोड़ आना।
ज़िन्दगी की रफ्तार में,
कई अहसास मिलेंगे,
पर तुम उसमें से अच्छा चुन लेना। #december #yaad
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Shubhra Singh

अच्छी यादों का गुलिस्तां बना कर रखना,
बुरी यादों को किसी राह पे छोड़ आना।
ज़िन्दगी की रफ्तार में,
कई अहसास मिलेंगे,
पर तुम उसमें से अच्छा चुन लेना। #december #yaad
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Shubhra Singh

सर्द दिल की रंजिश पिघला दो,
रिश्तों की फिर से ज्योत जला लो।
कुछ कदम हम बढ़ते हैं,
कुछ कदम तुम भी बढ़ा लो।
भूल के सारे गिला शिकवा,
चलो दोस्ती का हाथ बढ़ा लो। #december #sard_dil
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Shubhra Singh

कमीने यार थे मेरे,
गिन के पूरे चार।
मिल कर गालियां खाते थे,
हज़ार,
और फिर भी न होते बेज़ार।
अपने ही धुन में,
शरारतों में,
मस्त मगन।
फिर ज़िन्दगी ने,
करवट बदली।
यारों के शहर बदले,
हैसियत बदली।
अब सबके परिचय हैं,
हज़ार।
पर बचपन जैसा फिर ना मिला,
प्यार।
अब भी ढूंढ़ रहे हैं,
अपने कमीने यार। #december#friends#friendship
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Shubhra Singh

हो जाता था,
बिन कहे ही इकरार हो जाता था।
मोहब्बत का आलम यूं था कि,
बिना मिले भी ऐतबार हो जाता था।

वक़्त के साथ मोहब्बत भी बदल गई,
इश्क के फसाने भी बदल गए। #december #aankohiaankhomeinpyar
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