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shilpijain8470
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chahat

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chahat

White  अपने आंसुओ को,छिपाने मुस्करा देती हूं।
दिल में चुभती कोई बात,उसे छिपा लेती हूं।।
किसी का दर्द ना बनूँ,सबको विश्वास बना लेती हूं।
टूट जाती हूं कांच सी,बिखर के फिर सिमट जाती हूं।।
कोई राह नहीं क्युकी,इसलिए बस निभाती हूँ।
अपनी मंजिल तो पता है,पर ठहर जाती हूं।।
ठहर जाती क्युकी कर्तव्यों से, बंधा पाती हूं।
में वो डोर हूं,जो बस काट दी जाती हूं।।
कभी अच्छी कभी बुरी की परिभाषा बन जाती हूं।
कभी बातों में कभी सोच में लिख दी जाती हूं।।
मैं कहाँ खुद को खुद सा पाती हूं। 
अनपढ़ सी मै कहाँ किसी को पढ़ पाती हूं।
शिल्पी हूं खुद मूर्ती बन गढ़ दी जाती हूं।
आकार देकर कल्पनाओ का रंग दी जाती हूं।।  
                    शिल्पी जैन सतना

©chahat मुस्करा देती हूं

मुस्करा देती हूं #कविता

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chahat

White मै किसी को दर्द ना दूँ ।
जीवन को खुशियों से भर दूँ।।
आँचल अपना फैला कर मै।
धूप में भी छाँव कर दूँ।।
 मुस्कराहटे अपनी सारी बाँट दूँ।
 सारे गम हवा में उड़ा दूँ।।
आ....ए मेरी ज़िंदगी,
तुझे ज़िंदादिली से जीना सिखा दूँ।
अपनी बाहों में समेट लूँ तुझे ।
या पंख लगाकर उड़ना सिखा दूँ।।
थाम लूँ उन लम्हों को जो सुकून के मिले।
या हर लम्हों को सुकून से मिला दूँ।।
नज़रों से देखा नज़ारा ज़िंदगी का।
क्यूँ बेवजह मै अपनी आँखों को रुला दूँ।।
 है हर लम्हा रौशनी से भरा।
चलो एक मुलाक़ात उजालों से करा दूँ।।
क्यूँ ना बनकर दीपक में।
दिलों में प्यार की ज्योत जला दूँ।।
आ मेरी ज़िंदगी,
तुझे ज़िंदादिली से जीना सिखा दूँ।।           
               🍃शिल्पी जैन सतना

©chahat #Sad_Status
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chahat

White मै किसी को दर्द ना दूँ ।
सबको खुशियों से भर दूँ।।
आँचल अपना फैला कर मै।
धूप में भी छाँव कर दूँ।।
 मुस्कराहटे अपनी सबमे बाँट दूँ।
सबके गम हवा में उड़ा दूँ।।
आ ए मेरी ज़िंदगी,
तुझे ज़िंदादिली से जीना सिखा दूँ।
 अपनी बाहों में समेट लूँ तुझे ।
या पंख लगाकर उड़ना सिखा दूँ।।
थाम लूँ उन लम्हों को जो सुकून के मिले।
या हर लम्हों को सुकून से मिला दूँ।।
नज़रों से देखा नज़ारा ज़िंदगी का।
क्यूँ बेवजह मै अपनी आँखों को रुला दूँ।।
 है हर लम्हा रौशनी  का।
चलो एक मुलाक़ात उजालों से करा दूँ।।
क्यूँ ना बनकर दीपक में।
दिलों में प्यार की ज्योत जला दूँ।।
आ मेरी ज़िंदगी,
तुझे ज़िंदादिली से जीना सिखा दूँ।।           
               🍃शिल्पी जैन सतनाl

©chahat #Sad_Status
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chahat

White  दीपवली त्योहार खुशियों का।

त्योहारों की होती है एक अलग ही मीठी खनक।
जलते दीप चमके जैसे मिट्टी बन जाये कनक।।
मन मे हो उमंग महकती खुशियों के रंग।
उत्साह से भरे हो मन,चाहतों के संग।।
बांटे सबको खुशियाँ भर दे,सबके मन मे उमंग।
खिल उठे सबके मन जैसे लहरों से उठती तरंग।।
दीप जलाओ प्यार के,कर दो हर दिल रोशन।
सजा दो सबके मन जैसे एक नई दुल्हन।।
है मेरी यही प्रार्थना हो पूरा समर्पण।
रोशन हो जग सारा,हो सब अर्पण।।
करना सक्षम सबको, देना चेहरों पे मुस्कान।
कोई ना हो दुखी,हो सब सुखी ओ मेरे भगवान।।
घर घर जले, दीप करे हम ऐसे प्रयत्न।
पग पग बांटे खुशी,हो तब सब संपन्न।।
खरीदे दिये उनसे,जो बनाते बड़ी लगन से।
बेचते धूप में महकते है जो खिलौने  चन्दन से।।
                   शिल्पी जैन सतना

©chahat #happy_diwali
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chahat

White कही गहराइयों में,
अंतर्मन मे चल रहा संघर्ष।
ना रो सकते है 
ना कह सकते सहर्ष।।
दर्द को ना समझता कोई,
समझाऊ तो हसती है दुनिया।
चुप रहूँ कुछ ना कहूं,
डर जाऊ तो डराती है,दुनिया।। 

एक दर्द में,
जाने कितनो का दर्द छिपा।
एक कहानी का,
अलग अलग किरदार दिखा।।
हर कोई अपनी,
एक अलग उलझन में खड़ा।
न सुलझे ऐसी 
एक अलग अनबन में पढ़ा।।
ऐसा नहीं की 
है,ये किसी एक का मुद्दा
हर दूसरा इंसान
इसी कश्माश में फंसा ।।

कर मुश्किलों को दरकिनार।
जी लो ज़िंदगी मुस्करकर ।।
उठती गिरती लहरो से।
सीखो जीने का हुनर ।।
मुस्कराती गुनगुनाती सी।
अपने में रहती मगन।
ना है गहराइयों की फिकर।
ना है डूबने का डर।।
छूकर कर किनारो को।
फिर मिलती गहराइयों मे जाकर।।
यूँ करती तय अपना सफर।
खुशी और गम का हाथ थामकर  ।।
            शिल्पी जैन

                   शिल्पी जैन

©chahat अंतर्मन

अंतर्मन #कविता

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chahat

White A friend like gathering is more indeed,
 needed than gathering of friends ,,
                           𝒮𝒽𝒾𝓁𝓅𝒾 𝒿𝒶𝒾𝓃

©chahat friends
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chahat

If I ever become a question,
Then you become my answer.
If the boat is drowning in the whirlpool,
You become my oar.
If some dreams are shattered and incomplete,
You become my reality.

This is the only desire of my heart,
To have a connection with you in this way.

When life leaves my side,
You become my last breath.

©chahat
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chahat

खुद में खोकर खुद को मै पा लूँ।
रूठू कभी तो खुद को मै मना लु।।
आँखों में जो आये आंसु तो बहा लू।
हाथ उठाकर खुद को चुप करा लू।।
देख आइना में थोड़ा मुस्करा लू।
हो जाऊ उदास तो खुद को संवार लूँ।।
बाते तुझे दिल की मै सारी  बता दूँ ।
धड़कने मै अपनी तुझको सुना दूँ।।
गिरने ना दूँ,चल तुझे संभाल लूँ।
थामकर उम्मीदें,तुझे ढाल बना लूँ।।
शांत मन से खुद को समझा लूँ।
थक गयी अब चल खुद को सुला लूँ।।
खुद में खोकर मै खुद को पा लूँ।
चल रे मन आत्म ध्यान लगा लूँ।।
खोयी हुई छवि को खुद से पा लूँ।
मुस्कराहटो को अपना साथी बना लूँ।। 
मान सम्मान से परे अपनी दुनिया  बसा लूँ ।
चल रे मन तुझे अपनी प्यारी सखी बना लूँ।।

©chahat
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chahat

White दस दिन के दस धर्म।
सिखाते है कैसे काटे कर्म।।
जीवन के चक्र भंवर से।
कैसे जाये भव से  तर।।
क्या रखा है,जीवन में।
रे मानव स्व कल्याण कर।।
कब तक रहेंगे जीवन में।
हम खुद को संवार कर ।।
पुण्य कर्म कमा, क्यू ना जीले।
अपना आत्मकल्याण कर।।
पाप कमाते कितना हम।
मान अहंकार में डूब कर।
बुरे के साथ बुरा करके हम।
क्या पा लेंगे सत धर्म कर।।
मन में क्षमादान के भाव रख।
मांग क्षमा तू सत्य धर्म कर।।
ना रख बैर,न रख अहम।
जिसे तू,जो तुझे पसंद नही।
ना बैर,ना प्रेम व्यबाहर कर।।
मांग ले क्षमा उससे भी हाथ जोड़कर।
मन को अपने तू बोझ से हल्का कर।।
साधना अपनी पूर्णकर खुद को तपाकर।
तोड़ दे अहंकार सारे उत्तम क्षमा मांगकर।।

©chahat
  दस धर्म......

दस धर्म...... #कविता

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chahat

White बेटियां 
माँ की छवि सी होती है बेटियां ।
सजती संवरती मुस्कराती सी बेटियां।।
चुपके से माँ की चूड़ियाँ पहनती।
ओड़कर चुनरी पूरे घर में भागती।।
सर ओढ़कर इठलाती  सी बेटियां ।
कोई देखले तो शर्माती सी बेटियां।।
करके श्रृंगार लगती सोन परी सी।
बड़ी खूबसूरत होती है बेटियां।
घर की मुस्कराहट होती है बेटियां।।
पापा का खजाना माँ की जान।
सुकून देती है बिटिया की मुस्कान।।
जिद्द करती अपनी हर बात मानवाती बेटियां।
घर आंगन महकती बेटियां।।
                 शिल्पी जैन

©chahat
  बेटियां

बेटियां #कविता

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