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pinkychinmay4350
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Pinky CK

Simple ,emotional & a bit stupid girl😜💞Hvg.a heart full of love & compassion for all......Artist by nature........

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Pinky CK

White बने विचारों से उच्च तो...
बेशक ऊँचे हम कहलाएँ...
अन्यथा तो शूद्र ही जन्में....
फिर ऊँच-नीच का भाव क्यों मन में लाएँ?

©Pinky CK
  #Dil__ki__Aawaz
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Pinky CK

किया करते दिन रात तुम
बिन बात की चिंता,
तेरे स्वामी को रहती
तेरे हर बात की चिंता
साथ तेरे रघुनाथ तो
त्याग दे चिंता।
शरण में आया रघुनाथ के
फिर किस बात की चिंता।

©Pinky CK
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Pinky CK


खुद कमा सकते हैं,
थोड़े ही किसी की जागीर चाहिए.....
कम लोग हों पर अपने हों
जिंदगी तमाशा थोड़ी है,जो भीड़ चाहिए।

©Pinky CK
  Feelings

Feelings #Quotes

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Pinky CK

यादों के पिटारे से
निकला आज,
नानी के घर का
सिलबट्टा पुराना,
अनायास ही याद
आ गया हो जैसे,
वह बचपन का 
गुज़रा ज़माना। 

नानी के घर 
जब भी जाना होता,
चटपटे स्वादों से 
मेल रोज़ाना होता,
सिलबट्टे पर
धनिये की बनती चटनी,
सामने भजिये पकौड़ों का 
खजाना होता। 

अब गाँव की कैरी का
स्वाद चखे ज़माना हुआ,
वह आम का पेड़,
सरसों का खेत भी,
हमसे बेगाना हुआ।
दिल जैसे वहीं छूट गया,
गाँव की गलियाँ,
वह पनघट अन्जाना हुआ।


अब तो ज़िंदगी ही 
सिलबट्टे पर पिसती है,
अपनेपन और नेह के
अभाव में रिसती है,
कुछ दर्द पिस गए 
कुछ पीसे जाने हैं,
सिलबट्टा है ज़िंदगी,
दर्द जैसे सरसों के दाने हैं।


स्वरचित एवं मौलिक:- सुनीता मिश्रा

©Pinky CK
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Pinky CK

*मेरे बाल फिर से सुलझा देना*


पल्लू में कुछ दुआएँ बाँधकर 
आज भी मेरी माँ रखती है
जब भी कुछ खिलाती है तो
पहले स्वाद ज़रा सा चखती है। 

मेरे बालों में हाथ फेरकर,
जब भी बाल मेरे सुलझाती थी...
उस नेह की छाँव में ओ... माँ,
मैं हर गम भूल जाती थी। 

जिस तरह तू बाल सुलझाती थी,
मेरी मुश्किलें सुलझा देना,
जब उलझ जाऊँ मैं अँधेरे में,
नया रास्ता तू दिखा देना।

©Pinky CK
  Mummy..

Mummy.. #Poetry

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Pinky CK

#darkness
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Pinky CK

कुछ ऐसे हैं मेरे दादा....

ज़िम्मेदारियों को हँस के... 
मैं निभाता जा रहा ...
राह में मिले जो काँटे ,
उनको उठाता जा रहा।
ये नहीं कि खुश नहीं मैं....
खुश तो मैं हर हाल में।
बस आँखों में भरे जो आँसू 
उनको छिपाता जा रहा। 

वक्त ने छीना बहुत कुछ,
जो कभी था मेरा...
उम्मीदों की रौशनी से,
सींचा है मैंने अँधेरा।
आज भी मैं हँसते हुए..
जी रहा हूँ जिंदगी।
कुछ ऐसा है जिंदगी का
अफ़साना मैं क्या कहूँ,
रिश्ते जो रूठे बैठे हैं,
उनको मनाता जा रहा।

©Pinky CK
  बहुत दिनों बाद कुछ ऐसा लिखा है....

बहुत दिनों बाद कुछ ऐसा लिखा है.... #Poetry

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Pinky CK

जाति! हाय री जाति!’ कर्ण का, हृदय क्षोभ से डोला।
कुपित सूर्य की ओर देख, वह वीर क्रोध से बोला।।

जाति-जाति रटते, जिनकी पूँजी केवल पाखण्ड
मैं क्या जानूँ जाति? जाति हैं, ये मेरे भुजदण्ड।।1।।

ऊपर सिर पर कनक-छत्र, भीतर काले-के-काले।
शरमाते हैं नहीं जगत में, जाति पूछने वाले।।

शूद्र-पुत्र हूँ मैं लेकिन थे, पिता पार्थ के कौन।
             साहस हो तो कहो, ग्लानि से रह जाओ मत मौन।                     (‘‘रश्मिरथी’’)

©Pinky CK
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Pinky CK

भक्ति और प्रेम है सर्वोच्च जगत में,
इससे ही होता मानव उद्धार।।
स्वंय ईश्वर भी न माने जाति भेद,
जूठन न देखा राम ने शबरी का,
देखा तो केवल उसका अनमोल प्यार।।

©Pinky CK
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Pinky CK

#jaishreeram🚩🚩🙏

jaishreeram🚩🚩🙏 #Poetry

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