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tusharbihari9548
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तुषार "बिहारी"

जब भी तुम्हें सोच के लिखता हूं, इस दिल की तरह ये कलम भी धड़कती है । ✍🏻

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तुषार "बिहारी"

पैसों से तोला जाए ऐसा ये संबंध नहीं,
"दोस्ती" हृदय का संबंध है बुद्धि का प्रबंध नहीं ।

©तुषार "बिहारी"
  पैसों से तोला जाए ऐसा ये संबंध नहीं,
"दोस्ती" हृदय का संबंध है बुद्धि का प्रबंध नहीं । : तुषार "बिहारी"

#friends #frinedsforever #Friendship #shayari #Quote

पैसों से तोला जाए ऐसा ये संबंध नहीं, "दोस्ती" हृदय का संबंध है बुद्धि का प्रबंध नहीं । : तुषार "बिहारी" #friends #frinedsforever #Friendship shayari #Quote #शायरी

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तुषार "बिहारी"

कृष्ण अगर हृदय है तो राधा उनकी धड़कन,
कृष्ण अगर कष्ट में है तो राधा को होती तड़पन ।
प्रेम के इस भाव को इंसान भला कैसे समझे,
जो प्रेम को सौदा समझे, ना समझे समर्पण ।

©तुषार "बिहारी"
  कृष्ण अगर हृदय है तो राधा उनकी धड़कन,
कृष्ण अगर कष्ट में है तो राधा को होती तड़पन ।
प्रेम के इस भाव को इंसान भला कैसे समझे,
जो प्रेम को सौदा समझे, ना समझे समर्पण ।

: तुषार "बिहारी" 

#RadhaKrishna #Love #Quote #happyholi

कृष्ण अगर हृदय है तो राधा उनकी धड़कन, कृष्ण अगर कष्ट में है तो राधा को होती तड़पन । प्रेम के इस भाव को इंसान भला कैसे समझे, जो प्रेम को सौदा समझे, ना समझे समर्पण । : तुषार "बिहारी" #RadhaKrishna Love #Quote #happyholi #लव

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तुषार "बिहारी"

इस दिल में एक मलाल रह गया,
उसके गालों पर गुलाल लगाना रह गया ।
यूं तो होली पर कभी मिलना ना हुआ हमारा; लेकिन,
उसके प्रेम का गुलाल मेरे चेहरे पर सदा के लिए रह गया ।

©तुषार "बिहारी"
  इस दिल में एक मलाल रह गया,
उसके गालों पर गुलाल लगाना रह गया ।
यूं तो होली पर कभी मिलना ना हुआ हमारा; लेकिन,
उसके प्रेम का गुलाल मेरे चेहरे पर सदा के लिए रह गया । 
: तुषार "बिहारी"

#Happy_holi

इस दिल में एक मलाल रह गया, उसके गालों पर गुलाल लगाना रह गया । यूं तो होली पर कभी मिलना ना हुआ हमारा; लेकिन, उसके प्रेम का गुलाल मेरे चेहरे पर सदा के लिए रह गया । : तुषार "बिहारी" #Happy_holi #शायरी

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तुषार "बिहारी"

इस दिल में एक मलाल रह गया,
तेरे गालों पर गुलाल लगाना रह गया ।
यूं तो होली पर कभी मिलना ना हुआ हमारा; लेकिन,
तेरे प्रेम का गुलाल मेरे चेहरे पर सदा के लिए रह गया ।

©तुषार "बिहारी"
  इस दिल में एक मलाल रह गया,
तेरे गालों पर गुलाल लगाना रह गया ।
यूं तो होली पर कभी मिलना ना हुआ हमारा; लेकिन,
तेरे प्रेम का गुलाल मेरे चेहरे पर सदा के लिए रह गया । 

: तुषार "बिहारी"

#Happy_holi #Holi #होली

इस दिल में एक मलाल रह गया, तेरे गालों पर गुलाल लगाना रह गया । यूं तो होली पर कभी मिलना ना हुआ हमारा; लेकिन, तेरे प्रेम का गुलाल मेरे चेहरे पर सदा के लिए रह गया । : तुषार "बिहारी" #Happy_holi #Holi #होली #शायरी

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तुषार "बिहारी"

कुछ सफ़र में नए अफसाने बन जाते है,
मंजिल आते ही वो अक्सर छूट जाते है ।

©तुषार "बिहारी"
  कुछ सफ़र में नए अफसाने बन जाते है,
मंजिल आते ही वो अक्सर छूट जाते है ।
: तुषार "बिहारी" 

#Life #lifejourney #train #traveling #Shayari #Poetry

कुछ सफ़र में नए अफसाने बन जाते है, मंजिल आते ही वो अक्सर छूट जाते है । : तुषार "बिहारी" Life #lifejourney #Train #traveling Shayari Poetry #शायरी

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तुषार "बिहारी"

कितने ही शहीद हुए, कितनों ने गोली खाई,
कितने ही फांसी पर चढ़े, कितनों ने जान गंवाई ।

कतरा कतरा खून से लिखी गई कहानी है,
सेनानियों के बलिदानों की ये अमर कहानी है ।

दिन भर के अनेक संघर्षो से वो थकते नहीं थे,
अपनी मातृभूमि के खातिर जातियों में बंटते नहीं थे ।

हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब हुआ करते थे,
अनेक जातियां थी फिर भी वो भाई हुआ करते थे ।

अपनी परवाह किए बिना भविष्य नया लिख रहे थे,
स्वाधीनता का नया बीज इस मिट्टी में बो रहे थे ।

जोश और जुनून इस कदर सर पे चढ़ा होता था,
कांपते थे पैर दुश्मनों के जब देशभक्त खड़ा होता था ।

जो लड़ें ब्रिटिशी हुकूमत से हर वक्त सीना ताने,
झुके नहीं किसी के आगे वो भारत माँ के दीवाने ।

ना की परवाह अपनी, ना ही अपनों की,
फंदे पे लटका दी ख्वाहिशें यूहीं अपने सपनों की ।

देश के खातिर मर मिटने वाला हर एक शहीद अमर हुआ,
इसके खिलाफ़ जो खड़ा हुआ वो जीते जी दफ़न हुआ ।

©तुषार "बिहारी"
  कितने ही शहीद हुए, कितनों ने गोली खाई,
कितने ही फांसी पर चढ़े, कितनों ने जान गंवाई ।

कतरा कतरा खून से लिखी गई कहानी है,
सेनानियों के बलिदानों की ये अमर कहानी है ।

दिन भर के अनेक संघर्षो से वो थकते नहीं थे,
अपनी मातृभूमि के खातिर जातियों में बंटते नहीं थे ।

कितने ही शहीद हुए, कितनों ने गोली खाई, कितने ही फांसी पर चढ़े, कितनों ने जान गंवाई । कतरा कतरा खून से लिखी गई कहानी है, सेनानियों के बलिदानों की ये अमर कहानी है । दिन भर के अनेक संघर्षो से वो थकते नहीं थे, अपनी मातृभूमि के खातिर जातियों में बंटते नहीं थे । #India #RepublicDay #कविता #republicday2023

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तुषार "बिहारी"

#Nationalgirlchildday नन्हें नन्हें कदम लेकर आई वो जब इस दुनिया में,
सोचा होगा उसने कि देख उसे सब खुश होंगे,
पर ऐसा ना था कुछ खुश थे, कुछ नाटक कर रहे थे,
फिर भी उसके मासूम चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी ।
क्या कसूर है उसका जो उसके जन्म लेते ही 
कुछ के जज़्बात बदल गए, 
इसलिए कि वो बेटी है जिसके कारण
 कुछ के अंदाज ही बदल गए ।
ये कैसा समाज है जो इतना भेद भाव करता है,
बेटा होने पर बधाइयां बेटी पर ताने कसता है ।
ये कैसी सोच लिए फिरते है इनको किसका गुमान है,
क्या बेटियां कुछ नहीं सिर्फ बेटे ही अभिमान है ।
शर्म आती है ऐसे लोगों पर जिनकी ऐसी सोच है,
बेटे ही सब कुछ है और बेटियां पैर की मोंच है ।
बेटियों ने जो किया है वो बेटे नहीं कर पाए,
सिर्फ ये झूठी शान है कि बेटे ही सब कर पाए ।
फिर क्यों इसे अपनाने में इतना झिझका जाता है,
फिर क्यों इसे दुलारने में इतना सोचा जाता है ।
क्या इसे हक नहीं इस दुनिया में आने का,
क्यों इसके जन्म पर माँ को दुत्कारा जाता है ।
बेटा हो या बेटी दोनों ही एक समान,
बेटा अगर शान है तो बेटी है स्वाभिमान ।

©तुषार "बिहारी"
  नन्हें नन्हें कदम लेकर आई वो जब इस दुनिया में,
सोचा होगा उसने कि देख उसे सब खुश होंगे,
पर ऐसा ना था कुछ खुश थे, कुछ नाटक कर रहे थे,
फिर भी उसके मासूम चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी ।
क्या कसूर है उसका जो उसके जन्म लेते ही कुछ के जज़्बात बदल गए, 
इसलिए कि वो बेटी है जिसके कारण कुछ के अंदाज ही बदल गए ।
ये कैसा समाज है जो इतना भेद भाव करता है,
बेटा होने पर बधाइयां बेटी पर ताने कसता है ।

नन्हें नन्हें कदम लेकर आई वो जब इस दुनिया में, सोचा होगा उसने कि देख उसे सब खुश होंगे, पर ऐसा ना था कुछ खुश थे, कुछ नाटक कर रहे थे, फिर भी उसके मासूम चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान थी । क्या कसूर है उसका जो उसके जन्म लेते ही कुछ के जज़्बात बदल गए, इसलिए कि वो बेटी है जिसके कारण कुछ के अंदाज ही बदल गए । ये कैसा समाज है जो इतना भेद भाव करता है, बेटा होने पर बधाइयां बेटी पर ताने कसता है । #Trending #poem #कविता #NationalGirlChildDay #राष्ट्रीय_बालिका_दिवस

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तुषार "बिहारी"

ऐसा कोई मिला नहीं जो कदम से कदम साथ चले,
जो भी मिलता गया वो और पीछे छोड़ता गया ।

©तुषार "बिहारी"
  ऐसा कोई मिला नहीं जो कदम से कदम साथ चले,
जो भी मिलता गया वो और पीछे छोड़ता गया ।
: तुषार "बिहारी"

#Life #Quote #Shayari #Poetry #Love #Trending #SundayThoughts #Morning

ऐसा कोई मिला नहीं जो कदम से कदम साथ चले, जो भी मिलता गया वो और पीछे छोड़ता गया । : तुषार "बिहारी" Life #Quote Shayari Poetry Love #Trending #SundayThoughts #Morning #शायरी

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तुषार "बिहारी"

दूसरों को देखे खुद की नज़र,
खुद को ना देखे खुद की नज़र ।
दूसरों को रहती खुद की खबर,
खुद को ना रहती खुद की खबर ।

©तुषार "बिहारी"
  दूसरों को देखे खुद की नज़र,
खुद को ना देखे खुद की नज़र ।
दूसरों को रहती खुद की खबर,
खुद को ना रहती खुद की खबर ।
: तुषार "बिहारी"

#Life #Life_experience #see #Yourself #News #Shayari #Poetry #FridayFeeling #fridaythoughts

दूसरों को देखे खुद की नज़र, खुद को ना देखे खुद की नज़र । दूसरों को रहती खुद की खबर, खुद को ना रहती खुद की खबर । : तुषार "बिहारी" Life #Life_experience #See #Yourself #News Shayari Poetry #FridayFeeling #fridaythoughts #शायरी

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तुषार "बिहारी"

कहां होता है प्यार का मुकम्मल हो जाना,
मुकम्मल प्यार के लिए एक उम्र काफ़ी नहीं ।

©तुषार "बिहारी"
  कहां होता है प्यार का मुकम्मल हो जाना,
मुकम्मल प्यार के लिए एक उम्र काफ़ी नहीं । : तुषार "बिहारी"

#Love #Shayari #Poetry #SAD #romance

कहां होता है प्यार का मुकम्मल हो जाना, मुकम्मल प्यार के लिए एक उम्र काफ़ी नहीं । : तुषार "बिहारी" Love Shayari Poetry #SAD #romance #शायरी

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