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santoshsinghrakh6269
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Santosh Singh Raakh

Author of " एक मुट्ठी राख " and " चाक चुम्बन "

www.rakhsantosh.com

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Santosh Singh Raakh

# अर्थहीन आत्मदाह ( एक मुट्ठी राख )
Ek Mutthi Rakh https://amzn.eu/d/6EaI5Np

# अर्थहीन आत्मदाह ( एक मुट्ठी राख ) Ek Mutthi Rakh https://amzn.eu/d/6EaI5Np #कविता

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Santosh Singh Raakh

" PAIN OF THE COMMON MAN, PENNED IN THIS BOOK" 
    ~~~ Mushtaq Hussain Sharif

" PAIN OF THE COMMON MAN, PENNED IN THIS BOOK" ~~~ Mushtaq Hussain Sharif #Poetry

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Santosh Singh Raakh

" चाक चुम्बन " a rebel Book by संतोष सिंह ' राख ' 
A New Book trailer

" चाक चुम्बन " a rebel Book by संतोष सिंह ' राख ' A New Book trailer #Poetry

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Santosh Singh Raakh

Now available on all leading online platforms......." चाक चुम्बन "

©Santosh Singh Raakh
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Santosh Singh Raakh

मेरी किताब " *चाक चुम्बन* " की यह कविता, आज के वर्तमान परिदृश्य को सत्यापित करता हुआ जान पड़ता है। लीजिए पढ़िए ---

" *मगध सो रहा है* "

सुनो गौर से ध्यान से देखो 
घर घर में क्रंदन होता है
फिर भ्रष्टाचार की भूखी आशा 
जन जन में उन्नत होता है ।

फिर तक्षशिला में तक्षक बनकर 
कोई अंगुलिमाल को बोता है |
प्रतीत अजीब यह होता है 
आज मगध फिर सोता है |

नर सेवक से नर प्रधान 
यहाँ लूट में शामिल हर किसान
रुग्णता की यह कैसी उपज !
तंद्रालस स्थान - स्थान |

हाय ! कैसी विडंबना है
आम्भिक का सर फिर से तना है |
क्या आर्यावर्त का यही था मंथन
खोल शिखा किया था जो गर्जन !

अपने ही हाथों से मर्दन 
भला कौन होता है !
प्रतीत अजीब यह होता है 
आज मगध फिर सोता है |

गणिका के होंठों में बंद
व्यस्त चूसने
 में मकरंद 
मदांध हो गया पाटलिपुत्र
अंधकार कूप में खोता है |

वहीं थोड़ी दूर प्राचीर
में कैद
कई नन्दों का वंदन - अभिनंदन
भूखी  नंगी कांपती अबला के 
दूध से चंदन होता है |

प्रतीत अजीब यह होता है 
आज मगध फिर सोता है |

नहीं फिकर है नहीं खबर है 
सीमा पर .......

शेष भाग किताब में 😊

Copyright reserved
              *संतोष सिंह " राख "*

©Santosh Singh Raakh #Dark
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Santosh Singh Raakh

" चाक चुम्बन "

©Santosh Singh Raakh #चाक चुम्बन
written  by 
संतोष सिंह " राख "

#चाक चुम्बन written by संतोष सिंह " राख " #Poetry

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Santosh Singh Raakh

Very soon Hard copy paper back and Google/kindle E book coming soon .......on all online platforms i.e. Zorba Publications, Amazon, Flipcart, Snapdeal, ShopClues etc

©SANTOSH SINGH 'RAKH coming soon my revolutionary new book " चाक चुम्बन "

coming soon my revolutionary new book " चाक चुम्बन " #Poetry

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Santosh Singh Raakh

"छल है, छल है, छल है" from my book एक मुट्ठी राख by संतोष सिंह "राख".....coming soon, so stay tuned, thank U

#DailyMessage

"छल है, छल है, छल है" from my book एक मुट्ठी राख by संतोष सिंह "राख".....coming soon, so stay tuned, thank U #DailyMessage

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Santosh Singh Raakh

जय हिंद दोस्तों। आओ, आपदा के इस घड़ी में जात मजहब धर्म से ऊपर उठकर खुद को बिस्मिल साबित करें। अपने हिस्से की जिम्मेवारियों को पूर्ण कर, मां भारती को पुन: स्वस्थ और अलंकृत करें।

#MajesticWords

जय हिंद दोस्तों। आओ, आपदा के इस घड़ी में जात मजहब धर्म से ऊपर उठकर खुद को बिस्मिल साबित करें। अपने हिस्से की जिम्मेवारियों को पूर्ण कर, मां भारती को पुन: स्वस्थ और अलंकृत करें। #MajesticWords

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Santosh Singh Raakh

https://youtube.com/channel/UCNVYMSmK-WfZupbhIiZ4Ojg

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