Login to support favorite
creators
यकीं आता नहीं कच्ची नींद में शायद तुझ से ख़्वाबो में भी रिश्ता तोड़ आएं हैं हमें हिजरत की गुफा में याद आता है अपने हाथों से ही किसी और को सौंप आएं हैं ये चांद तू क्यों हैं खफा मुझ से हम तो पुरा जहां उसके नाम कर आएं हैं
https://www.instagram.com/p/B8gP5CKjH0C/?igshid=1hj58ri7htz1v