"मैं शायर नहीं हूँ फिर भी शायरी पर गुमान करता हूँ। पैदा हुआ जिस भारत में उस पर अभिमान करता हूँ।।" "कैसे बयां कर दूं अपनी सख्सियत चंद शब्दों में। एक जमाना लगा है ये "ललित" बनते-बनते।।"
Parnassian's Cafe
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