सुख दुख आते जाते हैं,
सब दिन दो दिन का किस्सा है
है कोई नई ये बात नहीं,ये सब जीवन हिस्सा है
अंगारों पर चलने वाले, शोलों से नही डरा करते
जो ऊंची मंजिल चढ़ते हैं, गिरने से नहीं डरा करते
जिस सज़ा में आंसू ना निकले वो सज़ा ही क्या
राहों में जबतक गिरे नहीं तो मज़ा ही क्या
सागर में चक्रवात आये तो क्या गम है #Poetry#Life#bharatpuriya#भरतपुरिया