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umarsaif8540
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Umar Saif

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Umar Saif

#Broken
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Umar Saif

मेरा बस चले तो स्कूल की किताबों में उन राजाओं के बारे में ज़्यादा लिखूँ जो हार गए, उन प्लेयर्स के बारे में जो हारे और उस व्यक्ति के बारे में जिसे संघर्षों के बाद भी सफलता नही मिली।
किताबों में गर्व और महान शब्द सबसे कम इस्तेमाल करूँ और ऐसी कहानियाँ जो सबसे कम बनावटी हो, जीत को बहुत अहम न दिखाऊँ, हर वो बात जो ईगो को कम करे, दुनिया मे पहले नम्बर, सबसे ऊंचा जैसी बातों को हटा दूँ।
The Umars Mood #darkness
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Umar Saif

मेरा बस चले तो स्कूल की किताबों में उन राजाओं के बारे में ज़्यादा लिखूँ जो हार गए, उन प्लेयर्स के बारे में जो हारे और उस व्यक्ति के बारे में जिसे संघर्षों के बाद भी सफलता नही मिली।
किताबों में गर्व और महान शब्द सबसे कम इस्तेमाल करूँ और ऐसी कहानियाँ जो सबसे कम बनावटी हो, जीत को बहुत अहम न दिखाऊँ, हर वो बात जो ईगो को कम करे, दुनिया मे पहले नम्बर, सबसे ऊंचा जैसी बातों को हटा दूँ।
The Umars Mood #darkness
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Umar Saif

#longdistance
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Umar Saif

मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोये थे, 
सोचा था, पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे, 
रुपयों की कलदार मधुर फसलें खनकेंगी 
और फूल फलकर मै मोटा सेठ बनूँगा! 
पर बंजर धरती में एक न अंकुर फूटा, 
बन्ध्या मिट्टी नें न एक भी पैसा उगला!- 
सपने जाने कहाँ मिटे, कब धूल हो गये! 
मैं हताश हो बाट जोहता रहा दिनों तक 
बाल-कल्पना के अपलर पाँवडडे बिछाकर 
मैं अबोध था, मैंने गलत बीज बोये थे, 
सुमित्रानंदन पंत #Morning
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Umar Saif

मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोये थे, 
सोचा था, पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे, 
रुपयों की कलदार मधुर फसलें खनकेंगी 
और फूल फलकर मै मोटा सेठ बनूँगा! 
पर बंजर धरती में एक न अंकुर फूटा, 
बन्ध्या मिट्टी नें न एक भी पैसा उगला!- 
सपने जाने कहाँ मिटे, कब धूल हो गये! 
मैं हताश हो बाट जोहता रहा दिनों तक 
बाल-कल्पना के अपलर पाँवडडे बिछाकर 
मैं अबोध था, मैंने गलत बीज बोये थे, 
सुमित्रानंदन पंत #Morning
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Umar Saif

कल्पना कीजिये जब गाँधी ने कहा स्वदेशी अपनाओ तो उस वक़्त किसी गाँव में रह रहे ज़मीदार के घर आप जाते और उसके घर मे देखते क्या क्या विदेशी सामान है है क्या क्या स्वदेशी??
छत से लगा कनात की तरह कपड़े का एक पँखा जो डोरी से चलता है, पानी के लिए एक बड़ा सा कूंवा, बाहर की बनी एक घड़ी, कुछ बंदूक रेशमी कपड़े थोड़े बहुत और सामान अब सोचिये उसी गाँव मे आम आदमी के घर मे क्या विदेशी सामान होगा, फिर सोचिये गरीब आदमी के घर पर क्या होगा। उन लोगो के लिए स्वदेशी अपनाना इतना मुश्किल नही था
आप उस वक़्त की तुलना आज से नही कर सकते, आज आप इनसे इतना घिरे है कि इनके बिना कल्पना करके सोचकर देखिए, क्योंकि ज़रूरतों के सस्ते समान हम नही बना रहे और स्पेस तक मे हमने झंडे गाड़ रखे है।
The Umar's Mood #lockdown3
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Umar Saif

बेतुका विरोध मत करो
मुझको नही लगता कि मेरी फ्रेंडलिस्ट में किसी की माँ वृद्धाश्रम में रह रही है
क्या आप लोगो की लिस्ट में ऐसे बंदे है 
जिनकी माँ वृद्धाश्रम में है??
बेशक वृद्धाश्रम ख़ाली नही है
वहाँ बहुत लोंगो की माँ है
लेकिन जिनकी माँ वहाँ है 
वो कविता नही लिख रहे है
मेरे किसी दोस्त किसी रिश्तेदार
किसी जानने वाले कि माँ वहाँ नही है
लिहाज़ा मदर्स डे पर लिखने वालों पर 
ये ताना न दे कि उनकी माँ वृद्धाश्रम में है 
और वो उनपर कविता लिख रहे है
The Umars mood #mothers_day
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Umar Saif

2020 क्या है? इधर देख बाल बिखराये ओ नशेड़ी, क्या तू संख्या खाता है या फिर बिच्छु जिस पत्थर को चकनाचूर करता है ओर तूने ख़्वाब में क्या देखा? मुझसे बता मैं पागल ख़्वाबों की ताबीर सही देता हूँ।
हाँ मैंने देखा ईश्वर हुक्का पीते थे और बादल झुककर सलामी देते थे। शाम को कोयला दहका था, राख जमी थी पलको पर, उफ़क के माथे पर शिकने थी, कुछ अनहोनी तो होनी थी
हम्मम तो ये बात है गुमताड़े में ख़्वाब को सुलझाते हो, हालत अपनी देखो, कैसे बड़बड़ाते हो... 
अब सुन मरदूद कुछ बादल हुक्के का धुँआ है, और धुंवे को गंदी रूहों ने छूआ है, जबकि कल मैंने भी आसमान में छल्ला देखा था, शायद वो फुरसत में हो और जो बादल की गड़गड़ाहट थी शायद काली खाँसी हो। 

क्या कोई बीमार वहां पर है, क्या कुछ होने वाला है डर मुझको लगता है कुछ तो होने वाला है?

सूई के नाके से देख रहा हूँ भारी भरकम आसमान औऱ आसमान है एकदम बिलकुल साफ़, आने वाली आफ़त टल जाएगी,मुश्किल सारी कट जाएगी, तुम ऐसा कर हुक्का लेकर आओ, फ़िकरो को छोड़ो दुनिया तो वैसे भी मिट जाएगी। 
The Umars Mood😁😁

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Umar Saif

" इस बात को कुछ समय बीत चुका है जब मुझे पता चला कि मैं हाई ग्रेड न्यूरो एंडोक्राइन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हूं. मेरी शब्दावली में यह नया नाम था. मुझे पता चला कि ये एक दुर्लभ बीमारी है. वहीं इसके इलाज के बारे में भी ज्यादा जानकारी नहीं थी. जिसकी वहज से इसके इलाज पर मुझे संदेह भी ज्यादा है. अभी तक मैं तेज रफ्तार वाली ट्रेन में सफर कर रहा था. मेरे कुछ सपने थे, कुछ योजनाएं थीं, कुछ इच्छाएं थीं, कोई लक्ष्य था. फिर किसी ने मुझे हिलाकर जगा दिया. मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वो टीसी था. उसने कहा आपका स्टेशन आ गया है. कृपया नीचे उतर जाइए. मैं कंफ्यूज था. मैंने कहा- नहीं नहीं अभी मेरा स्टेशन नहीं आया. उसने कहा- नहीं आपको अगले किसी भी स्टॉप पर उतरना होगा. "

- इरफान खान #irrfankhan
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