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arjityadav1853
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Raazkavi

A poet's work . . . to name the unnamable.

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Raazkavi

बड़ा कदम और यह मत सोच।
 कि आगे अंधेरा ही अंधेरा होगा ।।
अपना रास्ता खुद बना ।
कभी तो सवेरा होगा।।
तू मजबूर मत बन।
 किसी और का फायदा होगा ।।
हमेशा दूसरों से नहीं ।
तू अपना खुद का सहारा होगा ।।
हंसेगी की दुनिया इतना मत सोच।
 तेरे रोने से भी उनका क्या फायदा होगा।।
डर मत नहीं तो इस दुनिया का ।
 एक तू भी बेसहारा होगा।।
 हिम्मत बना और हौसला रख ।
 बुलंदियों तक बस तेरा नजारा होगा।। motivational

motivational #विचार

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Raazkavi

hello dear
आप हमारी रचना वेद सभ्यता के चारो भाग को जरूर पड़े ।
हमे पूर्ण विश्वास है आपको जरूर पसंद आयेगी।।

अगर पसंद आये तो like करके हमारा उत्साह बढ़ाये। इन रचनाओं में आजकल की कुरीतियो का बाखूबी से बर्णन किआ गया है।।

कृपया मुझे foolow करे।
आपकी महान कृपा होगी धन्यवाद।।

#motiquotes
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Raazkavi

if you taught from your past,
 and observe good  from both (good and bad past) 
I promise,
 you will never need any motivational motivation

motivation

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Raazkavi

सभ्यता 4
रंगे श्यार हर जगह देखिए।
 सबसे आगे खड़े मिले।।
 सभा मंच और संस्थाओं में।
 इनके झंडे गड़े मिले।।
 नीच लफंगे गुंडों के जब।
 हार गले में पड़े मिले।।
 छोटे-छोटे कि नहीं कह रहे।
 सबसे ज्यादा बड़े मिले।।
 भोली जनता को मेरे भैया।
 गुंडों पर विश्वास हुआ ।।
वेद सभ्यता धर्म-कर्म का।
 बिल्कुल लुप्त प्रकाश हुआ।। स4

स4

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Raazkavi

सभ्यता
भाग3

अरे पशुओं जैसे नियम होते।
 इस मानव के काम नहीं।।
 ऐसी कोई जगह नहीं ।
जहां होते कत्लेआम नहीं ।।

भ्रष्टाचारी नहीं जहां पर ।
ऐसा कोई काम नहीं ।।
इसलिए इस देश के अंदर ।
लोगों को आराम नहीं।। 3

3

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Raazkavi

सभ्यता
भाग2

बिखर गया परिवार बाप से।
 बेटा ही जब रुठ गया।।
 वेद पंत सुखदाई था ।
अब बो लोगों से छूट गया।

 पाखंडी गुरुओं के द्वारा।
 भारी सत्यानाश हुआ।
वेद सभ्यता धर्म-कर्म का।
 बिल्कुल लुप्त प्रकाश हुआ।। सा2

सा2

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Raazkavi

(सभ्यता)

भाग-1
अंधकार की आंधी आई।
 बेशुमार विनाश हुआ।।
 वेद सभ्यता धर्म-कर्म का।
बिल्कुल लुफ्त प्रकाश हुआ।।

 फूट नाम की बीमारी से ।
भाग्य सभी का फूट गया।।
 हिल मिलकर जो रहते थे ।
वह प्यार फर्श पर टूट गया।। सभ्यता1

सभ्यता1

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Raazkavi

ट्यूबलाइट से ट्यूबलाइट नही जल सकती ये

 विदेसी सभ्यता है।

दिये से दिये जल सकता ये

 हमारी सभ्यता है।। सभ्यता

सभ्यता

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Raazkavi

मैंने पूछा एक पल में 

जान कैसे निकलती है।

उसने चलते चलते
 
मेरा हाथ छोड़ दिया।। मेरी जान हो तुम

मेरी जान हो तुम

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Raazkavi

सज धज कर जिस दिन 

मौत की सहजादी आयगी।

जगा ये हम ना जागे गे ।

हमें दुनिया जगायेगी।।

😔 #sahjadi
pls do love and comments

#sahjadi pls do love and comments

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