Ramnavami कसक देती ठसक ठोकर,
ठोकरों में ठांव मेरा.
राम तुम्हरी राजधानी ,
राम ही है गांव मेरा...
अवतरण है संचरण इक,
दिव्यता से मानुजता का.
पर मनुज ही देवता है,
साक्ष्य इसका राम मेरा...
Savyasachi 'savya '
#Likho मैं मोहन को समझा लूंगा,
समझा तुमने?
राधा को भी बहला लूंगा,
समझा तुमने?
उद्धव -गोपी के द्वंदों को धता बताकर...
यमुना से भी बदला लूंगा,
समझा तुमने?
#poem#शायरी#Panditsavya