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karthikeypoems7690
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karthikey poems

मन में उठी कुछ लहरें ऐसी भी...जैसे सागर में , मोती ढूंढता रहता हूँ... जब भी वास्तविक जीवन से अवगत होता हूँ .... मन कि शान्ति के लिए लिख दिया करता हूँ... - दिनेश कार्तिकेय

https://www.instagram.com/kartikeytak.in/

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karthikey poems

कभी मुरझाए को खिल खिला देना 
और कभी सह-साहा ही मुरझा देना
ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है...

कभी माटी को मूर्त बना देना 
और कभी आशियाने  को   धूल
ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है...

कभी फूलों को सम्मान 
और कभी पैरों की धूल
ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है....

कभी अंधकार  रात में रोशनी 
 और कभी रोशनी दाता पर ग्रहण है 
ए  तकदीर यह तेरे रंग ही तो है ..

कभी महलों में एक खोखलापन है
 और कभी वीराने में प्यार ए महफिल 
ए तकदीर यह तेरे रंग  ही तो है....

©karthikey poems ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है...

ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है... #कविता

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karthikey poems

हर पल को एक  तड़प है
 और एक लम्हे को सुकून
ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है.....

कभी ना सोचे को मिला देना
 और कभी बना बनाया ही तोड़ देना 
है तकदीर यह तेरे रंग ही तो है.....

कभी अनचाही को मंजिल 
 और कभी मनचाही को सिर्फ स्वप्न
ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है .....

©karthikey poems ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है .....

ए तकदीर यह तेरे रंग ही तो है .....

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karthikey poems

Love quotes in hindi   प्यार वह रोग है 
जो कुछ पल के सुख के लिए
 हमको हमसे छीन लेता 
वह पल तो निकल जाते हैं
 आसानी से .....
पर शायद हम हम मैं 
नहीं रह पाते.....

©karthikey poems
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karthikey poems

जो अधूरी यादें हैं
 वह फिर से  रूठी है

भूलने की कोशिश  करूं तो
 दिल की हर बात झूठी है.....


दोहरे किरदार में
 यह कहानी उलझी है....

मन  और रूहू के बीच
भला यह सांसे
 कैसे सुलझी है!!

©karthikey poems #OneSeason
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karthikey poems

कुछ अनसुलझे सवालों का
 मैं ......
किस्सा बन गया !!

कोरे कागज पर उतर कर
 ना जाने क्यों ?
 मैं .....
उन कहानियों का 
हिस्सा बन गया !!

©karthikey poems
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karthikey poems

ਪੰਛੀ   चिड़िया रानी उड़ गई 
आसमान की सैर पर
 घूम घूम के थक गई 
पेड़ पर आकर बैठ गई 
सोचा उसने ऐसा भी 
क्यों ना नवनिर्माण करूं 
लहरा कर पंख पवन में 
अपनी राह पर चल पड़ी 


चिड़िया रानी उड़ गई 
आसमान की सैर पर

 बारिश हुई तूफान भी आए
 अपने पथ पर  वह टिकी रही 
तिनका तिनका बुनकर ....
उम्मीदों में हुंकार  भरी

 दिन बीते रात हुई .......
चिड़िया ने उड़ान भरी
जो देखा सपना घोसले का 
अब वह साकार करने चली 

चिड़िया रानी उड़ गई 
आसमान की सैर पर

©karthikey poems #चिड़िया
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karthikey poems

एहसासों की दुनिया है 
लफ्ज़ों में कहां बयां होता है।
माँ पास है
इस आहट से ही 
बंद आंखों में
भी सुकून होता है।।

👣happy mothers day

©karthikey poems #maa #HappyMothersDay
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karthikey poems

थम रही है वह सांसे 
जो  किलकारियां बनकर गूंजा करती थी....
बुझ गए हैं वह चिराग
  जो किसी घर में रोशन हुआ करते थे...

चारों तरफ हाहाकार है !!
बंद होती आंखों में
सिर्फ आंसुओं की धार है...

ना देखा 
ना समझा 
यह विद्वंस विकराल है !!

हवा में घुल गया तो 
हवा ने ही दम तोड़ लिया...

 अंत की ओर ले जाता हुआ
 यह कैसा करोना काल है!!

©karthikey poems #covidindia
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karthikey poems

The Secret Murder !!!




एक गुमनाम कातिल आवारा रूह की तरह हमारे बीच गली मोहल्लों में घूम रहा है 
हर घर में हर शख्स में वह अपनी रोटी पका रहा है बेखबर है हम इंसान इस रहस्यमई कातिल से 
जो हमारे जीवन में जहर घोले  जा रहा है...
पहेली सुलझाता हूं....
 मैं थक गया हूं मैं हार गया हूं मुझे नहीं जीना मेरे लिए अब कुछ नहीं बचा है मुझे मरना है !!!
यह बेनकाब कातिल है ऐसे ही  शब्दों में अपना साम्राज्य फैला रहा है 
हमारे दुख दर्द का हितेषी बन हमको मुक्ति की राह दिखा रहा है 
आज के इस दौर में कितनी आसानी से एक इंसान हार जाता है और उस जीवन को ही यूं ही नष्ट कर देता है 
जो ईश्वर ने उसे कर्म करने के लिए दिया है जीने के लिए दिया है सुख दुख का सामना करने के लिए दिया है
 इस कातिल का छोटा सा नाम है अवसाद या
या यूं कहें डिप्रेशन 
अक्सर लोग इसे हल्के में लेते हैं हम इसे सामान्य मानसिक बीमारी या तनाव समझकर 
अपने जीवन का हिस्सा बनने देते हैं और यही ना दिखने वाली बीमारी हमारी जान ले लेती है 
आज भी हमारे देश में हर दसवां   व्यक्ति इस बीमारी से जूझ रहा है 
अक्षर हमारा समाज इस बीमारी पर खुलकर बात नहीं करता  है  
अवसाद आज जन-जन में फैल रहा है उनको अपना शिकार बना रहा है
 हम इंसान बड़ी मासूमियत के साथ इसके चंगुल में फंसकर अपनी जान गवा देते हैं 
सोचते हैं कि उस जन्नत में खुशी मिलेगी लेकिन जब एक रूह बनकर भटकते हैं तो फिर अफसोस करते हैं 
कि इतनी आसानी से जान दे दी
 आज के इस दौर में यह रहस्यमई कातिल
 किसी को  इतनी  आसानी से मार भी देता है
 और  एक अनजान शख्स की तरह
 हमारे बीच में खड़ा होकर हमारी मूर्खता पर मुस्कुराता है

©karthikey poems
  #Fear #द_सीक्रेट_मर्डर
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karthikey poems

#SaferMotherHoodDay  बच्चे आंगन में नृत्य करते हैं
 मां के पीछे दौड़ दौड़ कर 
रूठते हैं  ज़िद्दीयाते  हैं....
 मां का वक्त भी जाया करते हैं
 मां के आंचल की छांव में 
बच्चे खेल- खेल में हंसते हैं...
 संस्कारों की धरोहर है वह मां 
जो घर को मंदिर बनाती है
 बच्चों को जन्म देकर ...
एक सुंदर इतिहास जो रचती है 
 जन्म लिया जिसने जगत में 
वह मां के ऋणी होते है ....

©karthikey poems #SaferMotherHoodDay
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