-------दर्पण--------
अपनी कमी छुपाके खुदमे,
जब देखूं मैं तोहे
तू इतराती और मुश्काती
लगी निहारने मोहे
-------दर्पण--------
अपनी कमी छुपाके खुदमे,
जब देखूं मैं तोहे
तू इतराती और मुश्काती
लगी निहारने मोहे
Tanu Bhardwaj
(swarn swapn swarup)
Dhanak ke saare rang samete
Ek tasveer rachu mai aisi
Khwab ko ek aakar bana kar
Rang rup garhu priy teri.
Aakashi rango ko bharke
(swarn swapn swarup)
Dhanak ke saare rang samete
Ek tasveer rachu mai aisi
Khwab ko ek aakar bana kar
Rang rup garhu priy teri.
Aakashi rango ko bharke
Tanu Bhardwaj
"स्वर्ण स्वप्न स्वरूप"
धनक के सारे रंग समेटे
इक तश्वीर रचु मै ऐसी
ख्वाब को एक आकर बना कर
रंग रूप गरहु प्रिय तेरी ।
आकाशी रंगों को भरके
"स्वर्ण स्वप्न स्वरूप"
धनक के सारे रंग समेटे
इक तश्वीर रचु मै ऐसी
ख्वाब को एक आकर बना कर
रंग रूप गरहु प्रिय तेरी ।
आकाशी रंगों को भरके
Tanu Bhardwaj
दरन्दगी का हाथ थामें
ये दुनियां है चल पड़ी
झुकी-झुकी नजरों की कलम से
खूनी कहानी निकल पड़ी
युग युग की हथेली पे
नाचती नारी नतमस्तक
प्रीत के नाम पे बिकती #Poetry
दरन्दगी का हाथ थामें
ये दुनियां है चल पड़ी
झुकी-झुकी नजरों की कलम से
खूनी कहानी निकल पड़ी
युग युग की हथेली पे
नाचती नारी नतमस्तक
प्रीत के नाम पे बिकती #Poetry
Tanu Bhardwaj
मेरे मित्रामिय!!!!
संसार स्वार्थ सार है ।
विश्वास आस मात्र है ।
हर कदम पर बेगाने लोग हैं,
अपने नही हैं अपना मात्र है।
इक आश के किरण बनके
मेरे "मित्रामिय" तुम याद बहुत आते हो ।। #Poetry
मेरे मित्रामिय!!!!
संसार स्वार्थ सार है ।
विश्वास आस मात्र है ।
हर कदम पर बेगाने लोग हैं,
अपने नही हैं अपना मात्र है।
इक आश के किरण बनके
मेरे "मित्रामिय" तुम याद बहुत आते हो ।। #Poetry
Tanu Bhardwaj
मेरे मित्रमिय !!!!!!
लकीरें नहीं मेरे हाथों पे तेरी
फिर भी सपने हजारो साजये फिरू
तुझमे बसने की मेरी औकात नहीं
इसलिए यूं तुझसे नजरे छूपये फिरू ।
मैं बेताब रहती हूँ तेरे लिए #Poetry