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Mangesh P Desai

This is my short intro for you all. Dr Mangesh P Desai Pimple Saudagar Pune Ayurvedic Diet & Lifestyle Consultant Stress Management Consultant Yoga & Hypnotherapy Consultant Successfully able to stop many medicines like anticoagulant, antilipidemic, analgesics, antidepessants etc. Minimum or Zero medicines & Maximum Results is my way of practice. Personalized & precise medicines is the key. Proven results for PCOD, Hypothyroidism, Gall Stones, Kidney stones, Acidity, Piles, Fissure, IBS, Anxiety & Panic Disorders, Joint Diseases, Hypertension, Chronic Constipation, Hairfall, Diabetes etc. Clinic Websites :- https://yashayu-panchakarma-research-center.business.site Written many blogs on Ayurveda & Yoga. Blog website : https://aarogyarahasya.wordpress.com Answered many questions on yoga on quora which is having 50,000 plus views. Quora Website : https://aarogyarahasya.quora.com/?invite_code=hEwC2ch9gqUlgKPxx8JO Director of Mangesh P Desai Lifestyle Hub online coaching institute which runs various courses for ayurvedic doctors & lay man as well. Online Coaching Website : hub.mangeshpdesai.com Created 2 podcast on Yoga. https://anchor.fm/mangesh-p-desai/episodes/Importance-of-Yoga-for-All-Round-Personality-Development-e123bk7 Youtube channel : https://youtube.com/channel/UCV_W1i4LdaQfaDIT8GNNLsg Facebook Page : https://facebook.com/LifestyleMangesh

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Mangesh P Desai

सब अंधःकार मिट जाएगा 
इक दिन रोशन सुबह होगी ।
भूल जाओ बुरी यादे
अब नई सुनहरी दौर होगी ।।

अंधेरा तो आएगा हि
जैसे दिन और रात है होती ।
डरो मत इससे मेरे यारो
लढनेवालों को जितने कि 
पर्वाह नही होती ।।

जिंदगी में हार भी जरुरी होती है ।
क्योकी हर चिज जिन्हे आसानी से मिले
ऊन्हे गिरकर उभरने कि 
आदत नही होती ।।

हार मतलब सब अंत नही होता
हार के बाद नए सिरे से 
जितने कि तैय्यारी करोगे 
तो जित का झंडा लहराना 
कभी सिर्फ ख्वाब नही होता ।।

हर बार हर कोई 
पहली दफा नही जितता ।
हार से जो सिखता है 
वहि मुकद्दर का सिकंदर बन पाता है ।।

कई बार हार हमें 
कुछ ना कुछ देकर जाती है ।
कभी हमें दुसरी राह सुझाती है,
तो कभी गलतियों का एहसास दिलाती है ।।

*कवि -*

©Mangesh P Desai
  #haarjeet, #success_wuccess, #success_failure, #lifelessons, #mypoems,
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Mangesh P Desai

चांदण्या बरल्या 

चांदण्या बहरल्या
रात्र ही पहुडली ।
निळ्या भोर नभावर 
चमकी हि पसरली ।।

थंडगार वारा
रम्य तो नजारा ।
गोंधळ दिसाचा
क्षणांत निःशब्द सारा ।।

कुणी गाढ निद्रेत
कुणी करिती काम ।
कुणी असे पेंगत
करिता अभ्यास ।।

कुत्री भुंकती
मांजरी ओरडती ।
वटवाघळे हवेत 
येरझार्‍या घालती ।।

कुणी मांडला रे 
पत्त्याचा डाव ।
झोमॅटो स्विगीवरुनी
खादाड्यांनी मारला ताव ।।

कुणी मदिरा घेऊनी
पेकवर पेक रचती ।
कुणी हलके डुलती
कुणी गटारात लोळती ।।

कुणी नुसता चकणा 
खाऊण साथ देती ।
टल्ली झालेल्यांची
खिल्ली उडवती ।।

*कवी ~ ©️ डाॅ मंगेश पी  देसाई*

*Date - 01.45 am -  02.10 am*

©Mangesh P Desai
  #celebration  Mahi narendra bhakuni #chandanya_baharlya
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Mangesh P Desai

*तुला आठवत नाही !*

©️ *कवि : डाॅ मंगेश पी देसाई*
*सरपरिक्षक : डाॅ प्रियांका एम देसाई*

https://wp.me/p9Pt33-cH

*कविता आवडल्यास वर्डप्रेस वेबसाईट वरच लाईक व कमेंट करा आणि हो तुमच्या संपर्कातील इतरांना सुद्धा आवर्जून शेअर करा.*

तुम्हाला एखादा विषय कविता अथवा लेखासाठी सुचवायचा असेल तर जरुर सुचवा.

©Mangesh P Desai
  #तुला_आठवत_नाही !
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Mangesh P Desai

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Mangesh P Desai

*शिव और शक्ती*

शिव और शक्ती
का आज सुनहरा ये दिन ।
हर जुबा पे नाम तेरा
शिवरात्री के दिन ।।

भोला शंकर तुझे पुकारे
दे वर तु हो नर या असुर ।
तु तो जाने एकही भाषा
भक्त के दिल के नामका सुर ।।

देवों पर भी जब संकट आए
सब आते है तेरे द्वार ।
आसुरी शक्ती जित ना पाए
जब तु छाए बन के काल ।।

कभी तु भोला कभी तु ज्वाला
दुःशासन को करे तु शासन ।
अन्याय से जब छाये अंधेरा
तेरा न्याय हि करे उजाला ।।

तु न देखे तेरा भक्त
ब्राह्मण है या शुद्र ।
शक्ती का जब हो दुरुपयोग
तु बन जाए रुद्र ।।

भूलकर खुद को 
जो करे तेरी भक्ति ।
मृत्यु भी उसे छूॅं ना पाए 
बिना तेरी अनुमति ।।

एक ही माॅंग है तुझसे भगवन
दे बुद्धि ईंसान को ।
पैसे के लिए करे ना कुछ भी
डरे थोडा भगवान को ।।

पेडो का कत्ल करके 
बनाए रास्ते और महल ।
नही है उसको खबर यारो
जो खोले खुद कि कबर ।।

पाप करके गंगा नहाना
बुरी आदत ईन्सान कि ।
कर्म-फल को कब समझेगी
भ्रष्ट मति ईन्सान की ।।

आॅनलाईन फ्राॅड करके 
आज खुॅंब हसेगा ।
छिनी हुई लक्ष्मी किस रास्ते जाएगी 
तुझे पता भी नही चलेगा ।।

दिन रात पाणी को अगर तुम
खूॅंब जाया करोगे ।
ईसी जनम में पानी के
बूॅंद बूॅंद के लिए तडपोगे ।।

चंद पैसो के लिए तू
खाने में मिलावट करेगा ।
कैसे भूल रहा तू यही खाना 
ईक दिन तेरा निवाला भी बनेगा ।।

जो बिज तू बोएगा
वहि पेड उगेगा ।
बेईमानी के पेड पे
तूही जानले कौनसा फल उगेगा ।।

नफरत फैलाके क्या तुम
महासत्ता बन पाओगे ? ।
राजा बनने का रुदबा 
बिना सुखी प्रजा के कैसे जानोगे ? ।।

नोट फेको दारु बाटो
सिट हमारी आएगी ।
बडे बडे भाषण ठोकके
जनता पागल बन जाएगी ।।

ऊपर से तुम झगडा दिखाते
पिछेसे हात मिलाओगे ।
जब चाहे लोगों से तुम
दंगलशाही मचाओगे ।।

राजकारण बन गया सत्ताकारण
कब दिखेगा समाजकारण ।
न्याय और प्रामाणिकता से हि
बन पाएगा विकासकारण ।।

ऊपर से विरोध दर्शाना और
टेबल के निचे से मांडवली ।
बडे बडे मोर्चे निकालके
शक्ति प्रदर्शन भांडवली ।।

अब चाहे हम असली भारत
चारों और हो खुशहाली ।
हरी भरी धरती हो आॅंगण
हम सब हो ऊसके माली ।।

सोचा था ईस साल मै
करुॅंगा भक्ति बिना रुद्राभिषेक ।
फिर भी अचानक हक से तूने
करवाया कविता से अभिषेक ।।

©️ *कवि ~ डाॅ मंगेश पी देसाई*
*सरपरिक्षक ~ डाॅ प्रियांका एम देसाई*

©Mangesh P Desai
  #Shiv_aur_Shakti
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Mangesh P Desai

I drew a Kamdhenu on demand of my little champ Saukhyam.

©Mangesh P Desai
  #kamdhenu_drawing
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Mangesh P Desai

Trees taught me to love the universe selflessly.

©Mangesh P Desai
  #Trees_taught_me
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Mangesh P Desai

गहरे कहि दिल में

कई जज्बात छुपे है ।

तुम कहो ना कहो

पर कई राज छुपे है ।।


अपनी मुलाकातो का सफर

हम कैसे भूल सकते है ।

तुम्हारा रुठना झगडना

हम कैसे सह सकते है ।।


बाहर निकलने पर तुम्हे

हमेशा भूक लगती थी ।

पानी कि नही 

तुम्हे मिरिंडा कि प्यास लगती थी ।।


चाय तुम्हारी ईतनी अच्छी थी

कि वो पिते हि कईयों कि चाय,

हमेशा के लिए छुट गई ।

तुम्हारे साथ घुमते घुमते

मेरी जेब न जाने कितनी बार लूट गई ।।


मैने हर देश का नक्शा 

देखा है, तुम्हारी रोटियो में ।

हार गया मै हरबार

प्यार कि कसोटियो में ।।


घर मे कब कहा क्या रखा है

मुझे ईतना है पता कि ।

आदेश बांदेकर जी अगर आए 

तो मै हो जाऊंगा लापता ।।


गपशप मै तुम 

होती हो ईतनी दंग                        

कब बारा बजे 

नहि पता चलता तुम्हारे संग ।।

©Mangesh P Desai
  गहरे_कहि_दिल_में

गहरे_कहि_दिल_में #कविता

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Mangesh P Desai

गहरे कहि दिल में

कई जज्बात छुपे है ।

तुम कहो ना कहो

पर कई राज छुपे है ।।


अपनी मुलाकातो का सफर

हम कैसे भूल सकते है ।

तुम्हारा रुठना झगडना

हम कैसे सह सकते है ।।


बाहर निकलने पर तुम्हे

हमेशा भूक लगती थी ।

पानी कि नही 

तुम्हे मिरिंडा कि प्यास लगती थी ।।


चाय तुम्हारी ईतनी अच्छी थी

कि वो पिते हि कईयों कि चाय,

हमेशा के लिए छुट गई ।

तुम्हारे साथ घुमते घुमते

मेरी जेब न जाने कितनी बार लूट गई ।।


मैने हर देश का नक्शा 

देखा है, तुम्हारी रोटियो में ।

हार गया मै हरबार

प्यार कि कसोटियो में ।।


घर मे कब कहा क्या रखा है

मुझे ईतना है पता कि ।

आदेश बांदेकर जी अगर आए 

तो मै हो जाऊंगा लापता ।।


गपशप मै तुम 

होती हो ईतनी दंग                        

कब बारा बजे 

नहि पता चलता तुम्हारे संग ।।

©Mangesh P Desai
  गहरे_कहि_दिल_में

गहरे_कहि_दिल_में #कविता

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Mangesh P Desai

गहरे कहि दिल में

कई जज्बात छुपे है ।

तुम कहो ना कहो

पर कई राज छुपे है ।।


अपनी मुलाकातो का सफर

हम कैसे भूल सकते है ।

तुम्हारा रुठना झगडना

हम कैसे सह सकते है ।।


बाहर निकलने पर तुम्हे

हमेशा भूक लगती थी ।

पानी कि नही 

तुम्हे मिरिंडा कि प्यास लगती थी ।।


चाय तुम्हारी ईतनी अच्छी थी

कि वो पिते हि कईयों कि चाय,

हमेशा के लिए छुट गई ।

तुम्हारे साथ घुमते घुमते

मेरी जेब न जाने कितनी बार लूट गई ।।


मैने हर देश का नक्शा 

देखा है, तुम्हारी रोटियो में ।

हार गया मै हरबार

प्यार कि कसोटियो में ।।


घर मे कब कहा क्या रखा है

मुझे ईतना है पता कि ।

आदेश बांदेकर जी अगर आए 

तो मै हो जाऊंगा लापता ।।


गपशप मै तुम 

होती हो ईतनी दंग                        

कब बारा बजे 

नहि पता चलता तुम्हारे संग ।।

©Mangesh P Desai
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