मेरी मोहब्बत?
मेरी हर रोज़ मौत से बात होने लगी है।
न जाने कैसे इतना रहम आया उसे मेरे दर्द पर?
कि वो अब गुज़ारिश,
ख़ुदा से मुझसे मिलने की करने लगी है।
ये बेवफ़ा ज़िन्दगी क्या दिल लगाती मुझसे?
मेरे और मौत की मोहब्बत की ख़बर,
जन्नत से जहन्नुम तक चलने लगी थी।
Rahul Bajpai
मेरी मोहब्बत?
मेरी हर रोज़ मौत से बात होने लगी है।
न जाने कैसे इतना रहम आया उसे मेरे दर्द पर?
कि वो अब गुज़ारिश,
ख़ुदा से मुझसे मिलने की करने लगी है।
ये बेवफ़ा ज़िन्दगी क्या दिल लगाती मुझसे?
मेरे और मौत की मोहब्बत की ख़बर,
जन्नत से जहन्नुम तक चलने लगी थी। #poem