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riteshmishra3443
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Ritesh Mishra

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Ritesh Mishra

White दवा जब दर्द बन जाए ,जताना पड़ता है
हकीम की नादानी को ,बताना पड़ता है
नशा  न हो मगर लड़खड़ा जाते है हम 
शराब के इकबाल को ,बचाना पड़ता है 

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra #International_Day_Of_Peace
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Ritesh Mishra

सोंचो ! क्या सोंचता होगा परवरदिगार उस जहां से ।
जो आपस में खुश नहीं हैं वो हमको क्या खुश करेंगें ।।

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra #Dhund
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Ritesh Mishra

परेशाँ दोनों बहुत है अपने अपने शिकवों  शिकायतों  से 
वो कहें याद आती नहीं तुम्हें ,मैं कहूं याद जाती नहीं तुम्हारी ...

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra #Sad_shayri
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Ritesh Mishra

White घर की तरक्की क्या हुई, आंगन बौने हो गए
हम मद में बड़े जैसे हुए, सारे खिलौने खो गए ...

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra #milan_night
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Ritesh Mishra

White है कोई अदालत में हाकिम जो मुझे सज़ा दे सके 
मैं कातिल हूं , कई ख्वाभो खयालों को मारा है मैनें ...

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra #sad_shayari
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Ritesh Mishra

White सपनों पर भरोसा छोड दिया है फिर क्यों
आए दिन रात जले पर नमक दे रही है 
मैनें इस उम्र में पढ़ना छोड़ दिया है फिर क्यों
मुझे हरेक रोज़ दुनियाँ सबक दे रही है 

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra #love_shayari
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Ritesh Mishra

White कभी कभी बंधन 
खोलना भी 
सबसे अच्छा 
बंधन होता है

व्यक्ति गलत जगह से 
खुलकर
सही जगह
बंध जाता है

©Ritesh Mishra #sad_shayari
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Ritesh Mishra

White नाम न कर पाना, बदनाम हो जाना
इससे तो बेहतर है गुमनाम हो जाना ...

©Ritesh Mishra #sad_shayari
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Ritesh Mishra

White बैठो कभी इतवार सा मेरे साथ,
मैं सोमवार सा झूठ नहीं बोलूंगा...

©Ritesh Mishra #Sad_shayri
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Ritesh Mishra

कुदरत के कानून का मुजरिम हूं मैं
मैनें विश्वासघात किया है कुदरत से

मुंह दिया था कुदरत ने बोलने के लिए
आँखें दीं थीं देखने को हसीन सपनें 
कान दिए थे दूसरों को सुनने के लिए
दिमाग था सोचने समझने में लगाने को

मैने बोला ह्रदय से सुनी ह्रदय की
मैने समझा ह्रदय से समझी ह्रदय की
मैनें सोंचा ह्रदय से समझे ह्रदय की
मैनें हरेक अपना,सपना देखा ह्रदय से

कुछ यूं ! गुनाह किया कुदरत से
मुजरिम हूं मैं कुदरत के कानून का ...

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra #OneSeason
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