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pawankumaralpagy4702
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पवन कुमार अल्पज्ञ

मैं उस तरह बोना चाहता हूँ शब्दों की फ़सल जिस तरह किसान बोता है गेहूं और धान ✍🏻️पवन कुमार अल्पज्ञ https://www.facebook.com/PawanKumarAlpagya

https://youtu.be/BtDm_p89qbs

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पवन कुमार अल्पज्ञ

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शहर-ए-ख़्वाब" न बसाया जाये तो अच्छा होगा
परिंदो से दिल न लगाया जाये तो अच्छा होगा 
जो नामुमकिन हो बनाने ताश के महल 
वो ना ही बनाए जाये तो अच्छा होगा 

                          -  पवन कुमार अल्पज्ञ

©पवन कुमार अल्पज्ञ 
  #love_shayari
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पवन कुमार अल्पज्ञ

कवि अपनी ज़िन्दगी
कविताओं में जीता है
कवि के जीवन का आँकलन
उसकी कविताएं कर सकती है

✍🏻️पवन कुमार अल्पज्ञ

©पवन कुमार अल्पज्ञ #hands
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पवन कुमार अल्पज्ञ

ज़मीन से जुड़ा नेता ज़मीन पर ही रह जाता है
जबकि भ्रष्ट और अपराधी नेता कुर्सियां पाते है

©पवन कुमार अल्पज्ञ
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पवन कुमार अल्पज्ञ

दीवार छत और ये दर मायने नहीं रखते
बिन माँ के घर कभी सुहाने नहीं लगते

©पवन कुमार अल्पज्ञ 
  #motherlove
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पवन कुमार अल्पज्ञ

        
 टूटी फूटी सड़क पर मंजिल
 तय की जा सकती है
 मगर......
 ज़िन्दगी के सफर में
 हमसफ़र मकबूल होना चाहिए

©पवन कुमार अल्पज्ञ 
  #aashiqui
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पवन कुमार अल्पज्ञ

मैं और तुम
एक और एक
दो न हो
जैसा अक्सर
गणित में होता है
मैं चाहता था
कि मैं और तुम
एक और एक रहे

©पवन कुमार अल्पज्ञ
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पवन कुमार अल्पज्ञ

आग के अलाव में उठते
धुंए की तरह या
आसमां में तैरते
बादलों की तरह
जीवन में सुख और दुःख
रहते है हमेशा गतिशील

©पवन कुमार अल्पज्ञ
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पवन कुमार अल्पज्ञ

शुद्ध
 का
पर्यायवची
थे
बुद्ध

©पवन कुमार अल्पज्ञ
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पवन कुमार अल्पज्ञ

कोहरे की धुंध को छांटते हुए
आ चले मुसाफिर रफ्ता रफ्ता
उस गंतव्य की ओर जिधर
ज़िन्दगी जानी है रफ्ता रफ्ता

©पवन कुमार अल्पज्ञ
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पवन कुमार अल्पज्ञ

आग की अलाव में उठते
इस धुंए की तरह
या आसमां में तैरते
इन बादलों की तरह
जीवन में दुःख या सुख 
हमेशा रहते है गतिशील

©पवन कुमार अल्पज्ञ
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