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haaledil2891
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Mohammad sarim

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Mohammad sarim

Maine roze si ibadat nahi dekhi

Maine roze si ibadat nahi dekhi #शायरी

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Mohammad sarim

जिस दिन से वो खुदपरस्ती पर उतर आएगा
 मेरे  एहसास ए  कुर्बत  से  दूर  हो   जाएगा

हो  सकता  है  किसी  वेहम  मैं  इल्म  न  हो 
यकीनन एक रोज़ इस कोताही पर पछताएगा

तेरे   ज़ुल्मो   ने   हमे   कुछ   यूं  तोड़ा  है 
पलट कर देखना चेहरा ही सच्चाइ बताएगा

कहां  बिगड्डा   था  कुछ   सब  कुछ  वही  था 
संभल जाता और ना जाने कितना दिल दुखआएगा

ये   जो  बदल  कर   रंग  बढ़ाआई  है  तकलीफ 
अब तक तो  हमारी  थी  अब  खुद  की  बढ़ायेगा

जा  तुझे  माफ़  किया  बता  उसे  जाकर  सारिम
अफ्सोस यूं  है  वो  खुदा  से  कैसे  माफ  करायेगा

©Mohammad sarim #nojato #SAD #Heart
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Mohammad sarim

चलो  आज  कुछ   हकीकत बयान  करदु
 बीते  दिनो   की वहशत  जुबान   करदु

छोड  मुझेको   युंही क्या   तुम   जा पाउगे 
चलो मैं  खुदा ही   मोहलत   आसान करदु

मजबूरी   ये  आदतन  मुंतज़िर  नहीं रहता 
बेहतर  है  खतम  इज्जत ए  इम्तिहान  करदु

हां   नहीं  मुझे अब  कोई  इंतजार  सच है 
कहो  तो  मैं   ही  फुरकत ए एहसान करदु

अज़ीब फलसफ़ा है यहाँ दिल दुखाने का सारिम
 अब सोचा है बस खुद ही कुर्बत कुर्बान करदु

©Mohammad sarim #SAD #Dard
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Mohammad sarim

क्यों  ये  दिन  हर  रोज़  यूँही   ढल   जाते   हैं 
तुम्ही  बदले  हो  या  सभी   बदल   जाते   हैं

मेरा   वक़्त   बदलेगा   तो  मै   उसे   पूछूँगा 
क्या वक़्त बदलने पर पत्थर भी पिघल जाते हैं

 Kyun ye din har roz yunhi dhhal jaate hain 
Tumhi badle ho ya sabhi badal jaate hain  

Mera waqt badlega to mai usey puchunga 
Kya waqt badalne par patthar bhi pighal jaate hain

©Mohammad sarim #sadpoetry #Dard_e_dil #Waqt

#sadpoetry Dard_e_dil #Waqt

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Mohammad sarim

अफ़सोस के आँख तुम को न पायेगी
 बता फिर ईद  कैसे  मनाई  जाएगी



Afsos ke aankh tum ko na payegi 
Bata phir eid kaise manayi jayegi

©Mohammad sarim #eidmubarak
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Mohammad sarim

अब तू जो रूठेगा तो कौन मनायेगा फिर 
मेरे बाद तुझे मेरा कहा याद आयेगा फिर

अपनी फितरत के मर्ज़ का जब एहसास होगा 
अफ़सोस के वो ला इलाज रह जायेगा फिर

ये जो अब की मुश्किल है मुश्किल कहाँ थी 
मेरे साथ न रह सका उससे भी हाथ छुड़ायेगा फिर

 मेरी   ग़ुरबत   से   दामन   बचाने  वाले 
अपनी बेबसी से खुद को कैसे बचाएगा फिर

वो  जो  बुरे  वक़्त मे  अन्जान  हुआ   सारिम 
आइंदा भी सख्ती से दूर खुद को भगाएगा फिर

©Mohammad sarim #Dard #sadpoetry #SAD #Broken💔Heart #mohabbat #Zindagi
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Mohammad sarim

है खामोश फिर एक सहर न जाने क्यों
 है कुछ मुश्किल और केहर न जाने क्यों

 अजीब तमाशायी है यहाँ सब और अनजान 
  खरीदी जाएंगी सांसें हर पहर न जाने क्यों

एक तरफ चीखें एक तरफ सन्नाटा है यहाँ
है शुरू यहाँ मौत से लड़ने का सफर न जाने क्यों

बीते  से  न  बीत  रहा  है  ये  दौर  है  क्या 
हर दिन ले जाता है जाने ये शहर न जाने क्यों

बस एक उम्मीद ए रब का सहारा बाक़ी है सारिम
 खौफ मै हर बशर ऐसा है हशर न जाने क्यों

©Mohammad sarim #Zindagi #Life #Dard #Afsos #ummid
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Mohammad sarim

#mohabbat #sad_poetry #SAD #Dard_e_dil #Love #ghazal 

#leftalone
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Mohammad sarim

हाँ  नहीं  था  नहीं  था कोई कभी  नहीं था
 मेरे पास  तेरे बाद हाँ   कोई  कभी नहीं था

वो जो तेरी यादों की आहटें थी मैं उन मैं था
 तुझसे टूट जाने के बाद तुझसे रूठा भी नहीं था

रातों मे जब साँसें रूकती थी दिल उखड़ता था 
मेरे पास तेरे खुशनुमा लम्हों के सिवा कुछ भी नहीं था

जो  सूरज  चाँद रोशन था मगर मेरे घर नहीं था
नहीं था तो मेरी आवाज़ सुनने वाला कोई भी नहीं था

तेरी    मजबूरियाँ  दर्द  और    हाँ  सितम   भी  नहीं
 तू जब  नहीं  था   मै  भी  खुद  मैं  कभी  नहीं  था

अब जो लौटेगा  तो  सारिम  भी  लौट  आयेगा  फिर
 मुझे याद  है  तेरे  बाद  कभी  मै  लौटा  भी  नहीं  था

©Mohammad sarim #ishq #mohabbat #shayri #Poetry #ghazal
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Mohammad sarim

लोग मतलब के लिए हमें इस्तेमाल करते गए 
हम इस दर्जा न समझ रहे इस्तेकबाल करते गए

मुमकिन   कहाँ   था  शिकवा  करते   उनसे 
वो सवाल  करते  गए  हम  ख़याल  करते  गए

अफ़सोस के एक ही मिज़ाज के थे दोनों आदि 
वो खुशियाँ मुहाल करते गए हम मलाल करते गए
 
क्या क्या  नहीं  गुज़रा  दिन  रात  सब एक  हुआ
इन हालातो मे आकर भी हम बेहतर आमाल करते गए 

एक अजीब दस्तरस हासिल है इस दिल को सारिम
 लोग ज़ख्म देकर बेहाल करते गए हम कमाल करते गए

©Mohammad sarim #mohabbat #Love #Dard_e_dil #Broken💔Heart #Zindagi #mohabbat #Dard 

#Hopeless

#mohabbat #Love Dard_e_dil Broken💔Heart #Zindagi #mohabbat #Dard #Hopeless

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