Nojoto: Largest Storytelling Platform
baziraoashish6898
  • 529Stories
  • 919Followers
  • 8.1KLove
    2.0LacViews

Bazirao Ashish

हिन्दी, पंजाबी, संस्कृत व अंग्रेजी भाषाओं का साक्षर हूँ। चीते की चाल, बाज की नज़र और बाजीराव की कलम पर कभी शक नहीं करते.

  • Popular
  • Latest
  • Repost
  • Video
831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

White इस बेईमान जगत में लोग सबसे ज्यादा ईमानदारों पर संशय करते हैं।


•आशीष•द्विवेदी•

©Bazirao Ashish #Thinking
831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

एक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish एक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार प्रिये तुम भी!
दरखत होकर देखो न।

एक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी! दरखत होकर देखो न। #Poetry

831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

एक बार प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा;
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार  प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।

•आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish #एक बार प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।
तुम भी समझोगे हाल मेरा;
धोखा खाकर देखो न।
तुम क्या पाओगे क्या खोओगे?
खुद का समर्पण करके देखो न।
इक बार  प्रिये तुम भी;
दरखत होकर देखो न।

#एक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। तुम भी समझोगे हाल मेरा; धोखा खाकर देखो न। तुम क्या पाओगे क्या खोओगे? खुद का समर्पण करके देखो न। इक बार प्रिये तुम भी; दरखत होकर देखो न। #Poetry

831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

आसान नहीं है दरखत होना
परिंदे छोड़ जाते हैं घोंसले अपने
उड़ा ले जाते हैं बच्चों को अपने साथ
रह जाता है दरखत अकेला
आसान नहीं है दरखत होना।

-आशीष द्विवेदी

©Bazirao Ashish #Sad_Status 
आसान नहीं है दरखत होना
परिंदे छोड़ जाते हैं घोंसले अपने
उड़ा ले जाते हैं बच्चों को अपने
रह जाता है दरखत अकेला
आसान नहीं है दरखत होना।

-आशीष द्विवेदी

#Sad_Status आसान नहीं है दरखत होना परिंदे छोड़ जाते हैं घोंसले अपने उड़ा ले जाते हैं बच्चों को अपने रह जाता है दरखत अकेला आसान नहीं है दरखत होना। -आशीष द्विवेदी #Poetry

831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

White ऐ मातृ भू! तुझपर
हो जाऊँ न्यौछावर।
जब जब हदें पार करे 
दुश्मन कायर।।

●आशीष●द्विवेदी●

©Bazirao Ashish #happy_independence_day
831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

White वही लोग बेरोजगार हैं
 जिनके माता-पिता  व अभिभावक धैर्य एवं साहस रखते हैं 
सरकारी व्यवस्था में प्रवेश करने की प्रतीक्षा करने का।
वरना अब तक वे किसी न किसी रोजगार में अवश्य होते ।


✍🏼✍️✍🏼

...
@आशीष_द्विवेदी

©Bazirao Ashish
  वही लोग बेरोजगार हैं जिनके अभिभावक धैर्य व साहस रखते हैं सरकारी व्यवस्था में प्रवेश करने की प्रतीक्षा करने का।

वरना अब तक वे किसी न किसी रोजगार में अवश्य होते।


...
@आशीष_द्विवेदी

वही लोग बेरोजगार हैं जिनके अभिभावक धैर्य व साहस रखते हैं सरकारी व्यवस्था में प्रवेश करने की प्रतीक्षा करने का। वरना अब तक वे किसी न किसी रोजगार में अवश्य होते। ... @आशीष_द्विवेदी #विचार

831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

हमने तमाम उम्र 
अकेले सफ़र तय किया।
हम पर सदा 
सर्वव्यापी की ही इनायत रही।।

🚩🔱🚩🔱🚩

©Bazirao Ashish हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र तय किया।
हम पर सदा सर्वव्यापी की ही इनायत रही।।


🚩🔱🚩🔱🚩

हमने तमाम उम्र अकेले सफ़र तय किया। हम पर सदा सर्वव्यापी की ही इनायत रही।। 🚩🔱🚩🔱🚩 #भक्ति

831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

White अपनों की कब्र पर एक बीज बोते चलें।
रोने के बाद भी खुश होते चलें।।
शहर वालों को तो नसीब ही नहीं ये खुशी।
खुश होना है तो वृक्ष लगाते चलें।।
दुआएं देंगी आने वाली पीढ़ियाँ उम्र भर।
मेरे पुरखों ने दी हरियाली गुज़र कर।।

@आशीष द्विवेदी

अपने खेत में अपने पुरखों की कब्र एक वृक्ष अवश्य लगाएं इससे उनका एक प्रतीक आपको जीवनपर्यन्त याद दिलाता रहेगा।

©Bazirao Ashish #short_shyari 
अपनों की कब्र पर एक बीज बोते चलें।
रोने के बाद भी खुश होते चलें।।
शहर वालों को तो नसीब ही नहीं ये खुशी।
खुश होना है तो वृक्ष लगाते चलें।।
दुआएं देंगी आने वाली पीढ़ियाँ उम्र भर।
मेरे पुरखों ने दी हरियाली गुज़र कर।।

#short_shyari अपनों की कब्र पर एक बीज बोते चलें। रोने के बाद भी खुश होते चलें।। शहर वालों को तो नसीब ही नहीं ये खुशी। खुश होना है तो वृक्ष लगाते चलें।। दुआएं देंगी आने वाली पीढ़ियाँ उम्र भर। मेरे पुरखों ने दी हरियाली गुज़र कर।। #विचार

831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

महिलाओं की सुन्दरता इन्द्रजाल है
जबकि
पुरुषों की सुन्दरता शाश्वत सत्य है।

~अज्ञात

©Bazirao Ashish #aaina
831e9bb763c0c0a0b9e96cd3b1e8c18a

Bazirao Ashish

White मस्जिदें तुमने बनाई
मंदिरों को तोड़कर
मस्जिदें क्या बन नहीं सकती थीं?
मन्दिरों को छोड़कर


✍🏼कुमार विश्वास

©Bazirao Ashish मस्जिदें तुमने बनाई
मंदिरों को तोड़कर
मस्जिदें क्या बन नहीं सकती थीं?
मन्दिरों को छोड़कर
(#छोड़कर=बगल या अन्यत्र)

✏️कुमार विश्वास

मस्जिदें तुमने बनाई मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें क्या बन नहीं सकती थीं? मन्दिरों को छोड़कर (छोड़कर=बगल या अन्यत्र) ✏️कुमार विश्वास #मोटिवेशनल

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile