बात नज़रों ने छेड़ी सनम प्यार की।
लब हिले भी नही काम सब हो गया।।
Gopal Gupta" Gopal"
GOPAL GUPTA
जो कह न सके लब ,वो ब्या-ए- शायरी है
GOPAL GUPTA
मुझ से मिलने आये सब हाथ में ख़ंजर लिए।
पर लहजा प्यार का ग़ोपाल अपना ना गया।।
GopalGupta "Gopal"
GOPAL GUPTA
हुश्न की बिजली गिराई जा रही है।
हाय डौली भी सजाई जा रही है।।
यू सिला हम को मिला महोबत का।
दिल की बस्ति ये जलाई जा रही है।।
ये खबर उन को भी पहुँचा दो यारो।
आज मईयत उठाई जा रही है।।