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विवेक कुमार सिंह

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विवेक कुमार सिंह

है जरासंध सा आया करोना, अति विचित्र, अति भयकारी,
कैसे बचें इसके प्रकोप से, व्याकुल जगत के‌ हैं नर-नारी।

खुलेआम सड़क पर जाकर न हम इससे जीत पाएंगे,
ऐसे में तो इसकी ताकत हम ख़ुद ही बढ़ाकर आएंगे।

अपने-अपने घर बैठकर इस विषाणु की तोड़ बन जाना,
समय आ गया है अब कि तुम सब रणछोड़ बन जाना।‌।

-विवेक कुमार सिंह #vks #covid19 #corona
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विवेक कुमार सिंह

स्थान‌ था अल्फ्रेड पार्क और जिला था इलाहाबाद,
एक तरफ़ अंग्रेज़ थे तो दूजी तरफ़ नरसिंह आज़ाद।
अंग्रेज़ों के आग्नेयास्त्र तो‌ लगातार ही चिंघाड़ रहे थे,
इधर एक रिवॉल्वर लिए आज़ाद भी दहाड़ रहे थे।
पर हाय! शत्रु की सेना से एक वीर कब तक बचता।
एक अभिमन्यु ज़ख़्मी था औ' शकुनि था व्युह रचता।
प्रण किया था कि शत्रु को न‌ तन का स्पर्श करने दूंगा,
अपने इस मर्त्य शरीर को न अंग्रेजों द्वारा मरने दूंगा।
अपनी आखिरी गोली को अपने ही गात में उतार लिया,
और अपना इहलोक का जीवन देश-सेवा में वार दिया।
था ऐसा ख़ौफ़ कि शत्रु पार्थीव में खतरा भाँप रहे थे,
माता कि गोद में सोए वीर से सब डरकर काँप रहे थे।
फ़रवरी की‌ सत्ताइस थी और सन् इकतीस वर्ष था,
अपनी राह का काँटा हटने से अंग्रेज़ों में बड़ा हर्ष था।
हे धरतीपुत्र! आप भारतवासियों को सदा ही याद रहेंगे,
आप आज़ाद थे,आज़ाद हैं‌ और सदा हीआज़ाद रहेंगे।। #aazaad #chandrashekharaazaad #vks
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विवेक कुमार सिंह

पहले कुछ और था,अब कुछ और होता जा रहा हूँ।
मैं इस शहर‌ की भीड़ में खोता जा रहा हूँ।। शहर की भीड़ #VKS

शहर की भीड़ #Vks

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विवेक कुमार सिंह

मेरे मन के किसी सुदूर कोने में,
उसकी कहानियाँ रहने देना।
दिवाली की सफाई में सब निकाल देना,
उसकी निशानियाँ रहने देना।। उसकी निशानियाँ #VKS #Memories

उसकी निशानियाँ #Vks #Memories

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विवेक कुमार सिंह

लगता है खाने में कुछ कमी रह गई है।
पूछा नहीं है उन्होंने आज खाने के बारे में। खाना #VKS

खाना #Vks

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विवेक कुमार सिंह

अपनी क़िस्मत वो आजमाने निकल पड़ा,
होश आया तो बाहर कमाने निकल पड़ा।

गरीबी ने औरों से जल्दी उसे बड़ा कर दिया,
दूसरे मक़तब और वो कारखाने निकल पड़ा।। ग़रीबी #VKS #POVERTY

ग़रीबी #Vks #poverty

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विवेक कुमार सिंह

इससे बढ़कर और गलत इरादा नहीं हो सकता,
तेरा मुझसे बात न करने से ज्यादा नहीं हो सकता। इरादा #VKS

इरादा #Vks

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विवेक कुमार सिंह

भाँति-भाँति के अलंकारों से सजाकर रखूंगा,
मैं कुछ अल्फ़ाज़ उसके लिए बचाकर रखूंगा।

आख़िर हक़ है उसका मेरी कागज़-कलम पर भी,
मैं उसकी छवि को हर शेर में बताकर रखूंगा।

भूल जाए जग चाहे मेरी कविताओं औ' नज़्मों को,
कोई उसे न भूल पाएगा ऐसा बनाकर रखूंगा। मैं और वो #VKS #LOVE

मैं और वो #Vks #Love

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विवेक कुमार सिंह

बडे़ लोग मेहनत करके, थोड़े पैसे कमाते हैं,
छोटे बच्चे खेलते हैं, पढ़ने कम ही जाते हैं।
घर के बड़े-बूढ़े तो जैसे-तैसे काम चलाते हैं,
पर कुछ ऊँच-नीच हो तो बच्चे शोर मचाते हैं।

देखते हैं दोस्तों को अच्छा पहने, अच्छा खाते,
और वैसा ही पाने को, घर में सबको बताते हैं।
बड़े लोग दिल रखने को वादे करते हैं अनेक,
पर बच्चे मानते नहीं, चाहे बड़े जितना मनाते हैं।

बार-बार बाहर जाकर मिलते हैं सब दोस्तों से,
और फिर उनको देखकर फ़िर-फ़िर ललचाते हैं।
त्योहारों का काम है आकर खुशियाँ फैलाना,
पर जब आकर सताना है तो त्योहार क्योंआते हैं? त्योहार #vks #festivals #poems

त्योहार #Vks #festivals #poems

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विवेक कुमार सिंह

नेताओं के खोखले वादों की कहानी हो जाता है,
मेरा राज्य बरसात में पानी-पानी हो जाता है।

कहकर प्राकृतिक आपदा, निपटा देते हैं सवालों को,
ज़िम्मेदारी का ज़िक्र, फ़िर तो‌ बेमानी हो जाता है।

एक बित्ता सूखी जमीन नहीं अब पाँव रखने को,
कहीं दो बूंदें भी पड़ें तो किस्सा तूफ़ानी हो जाता है।

तुम भी क्या जानोगे, यह हाल देशवासियों,
दर्द कुछ समय रहता है, फ़िर निशानी हो जाता है।

चीखते हैं, चिल्लाते हैं, भूखे-प्यासे लोग यहाँ,
 फ़िर वादे किए जाते हैं, दौरा आसमानी हो जाता है।। बिहार में बाढ़ #flood #bihar #vks #biharfloods

बिहार में बाढ़ #flood #bihar #Vks #biharfloods

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