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vijay9981662291743
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विजय

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विजय

White न कोई अपना लगता था
फिर भी नींदों में आता है तू
दिल मे बेचैनी सी लगती है
न है,फिर भी पास में लगता है तू

रु-ब-रु हुआ न कभी मैं तुझसे
फिर भी हर वक़्त दिखता है तू
तेरी दानवीरता थी सच्ची
कलयुग का 'कर्ण 'लगता है तू

अभी तो शुरू हुआ था प्यार तुझसे
और बिन कुछ कहे छोड़ चल दिया तू
कहना-सुनना था कितनी बातें तुझसे
कुछ पल तो इंतज़ार कर लेता तू

एक कसक सी मेरे दिल में होती है
क्यूँ ऐसे हम सबको धोखा दे गया तू
दिल को अब अपने मैं कैसे समझाऊं
लौटकर अब न कभी वापस आएगा तू

©विजय #Ratan_Tata
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विजय

White छोड़ जाना है मुझे
पर अभी तो नहीं 
भूल जाना है मुझे
पर अभी तो नहीं

है कुछ वक्त अभी
तेरे दर पर पड़ा रहने दे
चला जाऊंगा मैं
पर अभी तो नहीं 

कर ले कुछ गुफ्तगू
मन की कुछ अपनी
हो जाऊंगा खामोश
पर अभी तो नहीं 

कुछ पल का जरिया बन
मेरे चेहरे पर हंसी का
रो लूंगा मैं
पर अभी तो नहीं

©विजय #love_shayari
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विजय

हार कर भी रुका नहीं
पथ से तनिक भी डिगा नहीं
मौसम बदले ,बदले यार
पर लक्ष्य कभी बदला नही

 

चोट लगी,पर टूटा नही
पानी आंखों से बहने दिया नही
अंतर्मन निश्चय किया प्रबल
मंजिल पाने से पहले रुका नहीं

 
जीती बाजी कितना जीता नही
भाग्य भरोसे कभी रहा नही
मेहनत की, विश्वास किया
फिर हार का मुंह मैंने देखा नही

©विजय
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विजय

White पड़े है कदम आंगन में जबसे तेरे
सबकी खुशी बन गई हो तुम
बदनसीब थे जो इस घर में
उनका नसीब बन गई हो तुम

जनक नही हूं मैं तेरा
पर मेरी जानकी बन गई हो तुम
मांगते है जो हर कोई खुदा से
मेरी वो दुआ बन गई हो तुम

मोल नही जिसका जीवन में
वो अनमोल रत्न बन गई हो तुम
किस्सो में जो अबतक सुना था
मेरी वो परी बन गई हो तुम

जीवन में जो है मुस्कान हमारे
कारण उसका बस हो तुम
मन की बस यही है आशा
यूं ही खुशी बिखरते रहना तुम

HAPPY BIRTHDAY अनन्या "म्याऊं"

©विजय
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विजय

White जिंदगी की जद्दोजहद में
हालात ये कैसे बने है
भूख जो ले आयी थी शहर
वही भूख घर ले चले है

 
पैरों में छाले की न है चिंता
पैदल मीलों सब चल पड़े है
अपने हाथों से खड़ा किया जो
वही शहर अब गैर बन पड़े है

 
भ्रम टूटा है अब सबका
अपना जिनको समझे हुए है
हकदार क्या हम थे ऐसे
लौटने को जैसे मजबूर हुए है


मार पड़ी है दोहरी
घर रोजगार सब छीन गए है
बची हुई सांसे समेटकर
जन्मभूमि की ओर चल दिए है

 
सुध न किसी को मेरी
दर-दर हम भटक रहे है
मजबूर है सब साहब
इसलिए मजदूर सब सह रहे है

©विजय
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विजय

White और लगन अब करनी है
बड़ी महल तब बननी है
तन से बूंदे और बहनी है
किरदार तब अपनी महकनी है

कहे ज़माने भर के लोग
जो हो रहा है वो होनी है
मिलता है सबको फल यहाँ
जिसकी जैसी करनी है

असंभव है सुराख़ आसमां में
संभव उसको अब करनी है
जिंदगी भले ही दम तोड़ जाए
पर जमीर को जिन्दा रखनी है

पंख हमारे न हो तो क्या
हौसलो की उड़ान भरनी है
दुःख के पर्वत हो तो क्या
हँसकर उसको शर्मिंदा करनी है

जिन्दा यहाँ पर कौन रहा
मौत गले तो लगनी है
चार दिन की जिंदगी में
हंसी-ख़ुशी से रहनी है

©विजय #GoodMorning
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विजय

Men walking on dark street कातिल हूं मैं अपने जीवन-मन का
साहिल हूं मैं इच्छाओं के समंदर का
बेड़ियां हूं मैं अपने बढ़ते हुए कदम का
टूटा तारा हूं मैं अपने ही तारामंडल का

रावण हूं मैं अपने ही आराध्य राम का
कालिख हूँ मैं अपने ही श्वेत दामन का
अंधेरा हूँ मैं अपने घर-आंगन का
कीचड़ हूँ मैं अपने ही मन-कमल का

कांटा हूँ मैं अपने पुष्पित-उपवन का
पत्थर हूँ मैं अपने मंजिल-पथ का
जल्लाद हूँ मैं अपने निश्छल तन का
राख हूँ मैं अपने स्वप्न-महल का

रंक हूँ मैं अपने जन प्रेम-नगर का
रोग हूँ मैं अपने कुल-सुदृढ़ बदन का
दोष हूँ मैं अपने हितजन-सद्गुण का
शोक हूँ मैं अपने ही रंग-महफ़िल का

©विजय #Emotional
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विजय

आज व्हाट’स एप का जमाना है
फिर भी ये दिल उन खतो का दिवाना है 
खत में होती थी हर बाते
कभी खुशखबरी और कभी शिकायते


आज फेसबुक का जमाना है 
फिर भी ये दिल उन फोटो का दिवाना है 
जिसमे होते थे भीड़ कई चेहरों के 
उसमे ढूँढे जाते चेहरे अपनों के

आज यू-टूब का जमाना है
फिर भी ये दिल वी.सी.आर का दिवाना है 
पैसे इक्टठे होते थे तब
रातो को जागा करते थे सब

आज स्मार्ट-फोन का जमाना है 
फिर भी ये दिल लैंड-लाइन का दिवाना है
होती थी जब ट्रिंग-ट्रिंग की आवाजे
दौड़ा करते थे सब फोन उठाने

आज डिजिटल वाच का जमाना है 
फिर भी ये दिल एच.एम.टी  का दिवाना है 
कलाई में क्या खूब था जचता 
और रोज चाबी उसको था पड़ता

©विजय
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विजय

जोगीरा सारा रा रा रा रा....
जोगीरा सारा रा रा रा रा
मोदी और राहुल में बिछी बिसात
किसकी होगी इसबार नैया पार
जोगीरा सारा रा रा रा रा

जोगीरा सारा रा रा रा रा....
जोगीरा सारा रा रा रा रा
बुआ भतीजा की अपनी है चाल
युवराज को दिखाते आँखे वो लाल
जोगीरा सारा रा रा रा रा

जोगीरा सारा रा रा रा रा....
जोगीरा सारा रा रा रा रा
केजरी को लगी है ऐसी खुजली
सोनिया के पास जाते,लेकर अपनी कुंडली
जोगीरा सारा रा रा रा रा....

जोगीरा सारा रा रा रा रा....
जोगीरा सारा रा रा रा रा
लालू की मनती बेलो पर होली
नीतीश अब मोदी संग हो ली
जोगीरा सारा रा रा रा रा

जोगीरा सारा रा रा रा रा....
जोगीरा सारा रा रा रा रा
ममता भी भरती है हुंकार
शत्रु को हुआ अब शत्रु से प्यार
जोगीरा सारा रा रा रा रा....

जोगीरा सारा रा रा रा रा....
जोगीरा सारा रा रा रा रा
चुने हम मिलकर ऐसी सरकार
भारत को बनाये जो विश्व का ताज
जोगीरा सारा रा रा रा रा....

©विजय #Holi
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विजय

Holi is a popular and significant Hindu festival celebrated as the Festival of Colours, Love, and Spring. अयोध्या से लेकर जनकपुर तक
राम खेले होली जानकी संग
मथुरा से लेकर वृन्दावन तक
श्याम खेले होली गोपियों संग

सरयू से लेकर यमुना तक
होली के रंग में रंगे तन-मन
धरा पर बिखरे ऐसे रंग
जैसे इंद्रधनुष हो अम्बर

होली खेले सब मिलजुलकर
पता चले नही कौन किस मजहब
मन के मिलन का है ये त्योहार
नही किसी से हो कोई खटपट

रंग गुलाल से रंगे सबके गाल
न हो मन में कोई भी मलाल
प्रेम गुलाल की है ये होली
जीवन न हो किसी की भी कोरी

नाते-रिश्तेदार हो या फिर गैर
होली करे दूर सबकी बैर
पुआ गुझिया साथ में ठंडई
होली में चेहरे रहे खिली-खिली

©विजय #holi2024
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