Nojoto: Largest Storytelling Platform
dhirendrapandeyv3117
  • 66Stories
  • 75Followers
  • 561Love
    1.8KViews

Dhirendra Pandey

  • Popular
  • Latest
  • Video
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

रावण में यदि जो भय होता 
तो सिया हरण वो ना करता
भय उसको होता भी किसका 
त्रिभुवन शरणागत था जिसका 
सिया हरण का स्वांग रचाया
भव सागर जो पार लगाया

©Dhirendra Pandey #happydussehra
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

#BeatMusic
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

कृपा सिंधु सुखधाम हैं राम
दुःख हर लें वो नाम हैं राम
हर कण गुंजित राम ही राम
हम सब के भगवान हैं राम

©Dhirendra Pandey #Ramnavami
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

वीर है तो वीरता की बात करेंगे 
कायरो से है नहीं जो भाग पड़ेंगे
जिंदगी का गीत हम यूं ही गाते रहेंगे
जश्न है आजादी का मनाते रहेंगे

©Dhirendra Pandey #26January
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

उदय हो चला सूर्य मकर का 
पृथ्वी को ऊर्जावान बनाने 

संगम की अविरल धारा को
अमृत और एक धाम बनाने

©Dhirendra Pandey #khichdi
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

हवाओं के साथ चलिए कहीं और दूर चलते हैं 
जिंदगी के किसी और समंदर की ओर चलते हैं
आसान होता नही यूं हवाओ के साथ भी बहना 
पलक झपकते ही परिंदे भी कहीं और चल देते हैं

©Dhirendra Pandey #Moon #sea #जीवन #हवाओं
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

दुनिया तो दुनिया है आखिर
हम उसके हैं एक मुसाफिर 
कांटो से इस भरे सफर में 
कहां खो गई मंजिल आखिर

©Dhirendra Pandey
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

काम,क्रोध,माया हरो
विनती है श्री राम 
जग का भी कल्याण करो
जगपालक श्री राम 

लोभ,मोह,ईर्ष्या हरो 
विनती है श्री राम 
असुरों का संहार करो 
जगपालक श्री राम

©Dhirendra Pandey #Ram 

#NojotoRamleela
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

#rain
85fcb56fdb7011ddcbeb70926f21ab6d

Dhirendra Pandey

हो रहा भयभीत क्यों तू 

डर तुझे क्या मृत्यु का है 

शक्तियां तुझ में निहित है 

तुझमें बल भी भीम सा है 

कायरों की भांति क्यों तू 

रण भूमि को यूं देखता है 

रक्त से सिंचित धरा पर 

रक्त भी अपना पड़ा है 

देख सकता है तो देख 

उन शत्रुओं के नेत्र में तू 

भय नही उनको तनिक भी 

तू मारा है या खड़ा है 

त्याग दे इस भय को अब तू 

जो तेरे अंदर पड़ा है 

रक्त से सिंचित धरा पर 

रक्त भी तेरा पड़ा है 

रक्त भी तेरा पड़ा है

©Dhirendra Pandey
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile