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rashmiranjan4197
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Rashmi Ranjan

something is better than nothing.🌼🍁 #twistedooze

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Rashmi Ranjan

तुमनें क्यों इस अंश को समझा पाकता के उस क्षितिज सा,
जो सोभीत करता,
 शिव के त्रिभुवन को 
 उस पाक राख के भस्म सा,
 जीव मात्र की इस काया 
को मत नापो उस पाकता से,
सुन्दर तन मन पवित्र सा चितवन 
पाक हमारा मेल रहे।
शक्ति की काया से सोभीत 
उस पाक पुनीत सी पार्वती के तप सा,
"मैं" नहीं वह "हम" था लेखक,
उस पाक तपन की ऊर्जा सा।

©Rashmi Ranjan
  #Silence  Shailkumar Pandey

#Silence Shailkumar Pandey #Poetry

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Rashmi Ranjan

इस व्यस्तता भरे ज़माने में सूकूनमय ठहरावट सी,
किसी शख़्स की शख्सियत भी
 होती है महज़ बस एक आदत सी।
मद्धिम- मद्धिम ख्यालों के भर नयनों में काजल,
वृंदा के छाए में जब भटके एक पागल,
प्रतिबिंब शावले शख्स का जब आता है रिझाने,
वह आदत वाली शख्सियत,
फिर आती है समर्पण सिखाने।
महज एक शख्स की शख्सियत
जब आदत बन जाती है,
सुकून भरे हर लम्हे में उसकी जरूरत बढ़ जाती है।
यादों के समस्या पर लेटा एक शख्स,
काल में लिपटे वाणों को देखता हर वक़्त,
स्मरण कर बिंब जिवन के हर व्यक्तित्व का,
आदत बन जाती हैं महान सी शख्सियत,
प्रभावित करे हर लम्हा जो आपके अस्तित्व का।

©Rashmi Ranjan #twistedthoughts
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Rashmi Ranjan

व्यस्तता को ठहरा कर, 
वह थकावट मिटाने आया है,
सोच की गहराईयों से कुछ अक्षर चुन कर लाया है,
शीर्षक की रस्सी मे शब्दो को पिरोकर,
सूखे गुलाब की लाली से यादो को संजोकर,
भर कर स्याही, वह कलम मे लाया है,
कलपनाओ का बक्सा ले,
पन्नो से मिलने आया है,
मोर पंखो से सजी सप्तरंगी सी डायरी,
शब्दहीन पन्ने मे उलझी हुई शायरी,
चुरा कर समय से वह वक्त लेकर आया है,
अरसो बाद कवि,
 अपनी कविता से मिलने आया है।

©Rashmi Ranjan
  #twistedooze
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Rashmi Ranjan

Good evening quotes in Hindi आसमान की लाली पर कुछ अरमान लिखते हैं,
सुनहरे किरणों से मुस्कुराहट को फरमान लिखते हैं,
चलो आज शाम लिखते हैं।
धुँधले परिवेश में,
पिढ़ियों का संगम दिखलाता यह शाम,
ढलते अवशेषों से,
जज़बात को संभालना सिखलाता यह शाम,
थका हुआ समय जब चबूतरे पर बैठा,
निहार रहा हो खेलती हुई  ज़िंदगी को ऐंठा,
काया का रूप जब कभी अंत लाएगा,
जिंदगी के दरवाजे पर काल दस्तक दे जाए गा,
पगडंडि पर दूर बैठी उसकी परछाई,
इन्तजार करती सुकून का होकर तनहाई,
लेकर संदेशा जब शाम है आता,
हो कर निरास दिन ढलता ही जाता,
शांत से माहौल में जब चंचल सी चांदनी,
पवित्र कर शाम को जब गाती है रागनी,
शिशकी ले करवट बदलता है प्राण,
ममता की आँचल में ठलता है शाम,
अब,
खिलती हुई रात में कुछ सपने परिक्षते हैं, 
काली कलम से सफेद चंद्रिका पर,
लाल शाम लिखते हैं.......
चलो आज श्याम सी सुंदर शाम लिखते हैं.............

©Rashmi Ranjan #twistedooze
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Rashmi Ranjan

तू जो कर दे इशारा,
सुधर सा जाएगा ये वक्त्त हमारा,
जन्मजात से खङी है, मुरझाई मेरी जिंदगी,
सुर्खिया बटोर रही, शीतलता भरी सादगी,
अगुवाई कर मेरा, मासूमियत उदास है,
तू जो कर दे मुसकुरा के सुकून का इशारा,
सियाही भरी कलम को, 
शब्दों की तलाश है।

©Rashmi Ranjan #twistedooze
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Rashmi Ranjan

दोस्तों कहाँ हो?
आओ न फिर से, कोई धुन गुनगुनाते हैं,
दिवारों पर खली से, सपने सजाते हैं,
साइकिल की घंटी में, गीत कोई गाते हैं,
उम्मीदों की गेंद को, फिर छक्के लगाते हैं,
आओ न!
सुनते हैं,
इतिहास के किस्से,
चाणक्य की नीति और देश के हिस्से,
गणित के प्रशनोंकी अनसुलझी परेशानी, 
वयां करती साहित्यि एक अपनी ही कहानी,
आओ न दोस्तों,
फिर सपने सजाते हैं,
गली के चबूतरे पर, शोर खुब मचाते हैं,
हलकी सी बारिश में, फिर भीग आते हैं,
कोयल की कूक में बचपन बिताते हैं,
सूना सा है, देखो, बचपन का आँगन,
कीचड़ की होली और भोले का सावन,
चलो न,
फिर एक दौड़ लगाते हैं,
बगिया के आम, फिर चुन कर लाते हैं,
मिटटी की खुशबू का लुत्फ उठाते हैं,
कुएं के पानी से फूल खिलाते हैं,
आओ न जीते हैं, बचपन का हिस्सा,
मीठी सी गुपतगु और दादी का किस्सा, 
दोस्तों तुम  कहाँ हो,
जल्दी-जल्दी आओ न,
संतोष भरे लमहों को, फिर सुकून पहूंचाओ न,
चलो न, लिखते हैं, फिर एक कहानी,
गाँव की गलियों में, दौड़ती जिंदगानी।

©Rashmi Ranjan #twistedooze
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Rashmi Ranjan

माँ के आँचल की ममता टटोलती,
आत्मीयता का दर्पण क्यों दिखाती है,
बसंत की बाँहों में खिलती-खिलखिलाती
काल को बैसाखी क्यों दे जाती है,
रात कहाँ से तू आ जाती है।
लाल किरनों में गुदगुदाते बचपन को,
परछाईयों की दुनिया ही क्यों नज़र आती है,
परिंदों के आवाजों की सुरमई संगीत को,
सियारों की ध्वनियां क्यो छीन्न कर जाती है,
रात तू जल्दी क्यों आ जाती है।
भावनाओं के चंगुल से फिसलती नमी को,
हाथों के तपिस का वक्त्त तो देती,
मुंडेर पर बैठे चंदा की चाँदनी में,
कवि की कविता ससक्त तो होती,
अपनें आगोश में सुकून पहूंचाकर,
झिंझोड़ विलाप, तू रूठ क्यो जाती है,
रात तू जल्दी क्यों चली जाती है।

©Rashmi Ranjan #twistedooze
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Rashmi Ranjan

Once upon a time 
There was a girl,
Struggling with feather 
Clashing with world,
Beautiful heart full of animations
Psyche thoughts filled with creations,
Wishing to feel the end of horizon
Hankering behind the dawn of origin,
And here comes the ruthless civilisation
Incapable of recognising juggling fascination,
Heart in pieces desiring to raise
No one was bothering what it craves,
She started playing with the moon in the darkness
Modifying the perspective of seeing own brightness,
Baby Blue,
You alone worthy of thousand twinkling stars,
Moon reminds how to own these scars,
Take a break, give yourself some time, 
With patience you grow, you heal and shine,
You are a Queen carrying soul of royalty
Satisfy your mind with peaceful loyalty,
Trust the magic of every angel,
Walking through the hell and still be an angel,
You are a flower don't beg for attraction
Wildest heart never crave for attention,
Making wishes, seeing shooting stars
Dismissing the domain who offer you scars,
And a smile can do miracle
Even the Barbie can be an Oracle

©Rashmi Ranjan #twistedooze
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Rashmi Ranjan

एक कविता उस कवि के नाम!


एक कविता उस कवि के नाम,
जो,
ठहरी हुई जिंदगी में गुजरे हुए लमहों से लेकर,
शराफत में बीत रहे वक्त्त की आफत पर लिखता है कविता।
एक कविता उस कवि के नाम,
जो,
झुकी हुई निगाहों में चमकती मोहब्बत से लेकर,
बदलते इंसानों केदौर में दोषी ठहराते समय पर लिखता है कविता।
यह कविता उस कवि के नाम,
जिसनें,
जंजीरों में जकड़े हिमालय से आज़ाद हिन्द के वारे में लिखा,
सोने की चिरैया से खोखले हिन्दुस्तान के वारे में लिखा।
यह कविता उस कवि के नाम,
जिसनें,
सरफरोशी से वंदेमातरम के वारे में लिखा,
रात के सन्नाटे में छिपी चांदनी की एहसास के वारे में लिखा।
आज मैं लिखा रही हूँ उस कवि के बारे में, 
जिसनें,
किताबों के पन्नो के बीच लिखे शब्दों में उलझकर,
उनके अर्थों को तलाश,
जङता, कमज़ोर मानसिकता और कुरीतियों से लेकर,
ज़नतमय देश, श्रमदानमय जिंदगी और बेपरवाह इश्क के वारे में लिखा।

©Rashmi Ranjan #twistedooze 
 Shailkumar Pandey

#twistedooze Shailkumar Pandey


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