वो चरक ही क्या जिसके द्वारा जिसके द्वारा तुझे विस्तार से मै जान भी ना पाऊ
सब कुछ जानकर भी तेरा हाथ की नाड़ी पकड कर तुझमे खो ना जाऊ तो
मै वैद्य कैसा |
अगर मै तुझ मै उतरकर भी अपनी युक्ति से
उस द्रव्य गुण की औषधि के रूप, रस, गंध
से तेरे हर दुख का निवारण कर पाऊं तो
मै वैद्य कैसा |
#Shayari#dilbechara