हूँ रूबरू कितने नन्हें #किस्सों से
हूँ मिल जाती कभी अपने ही हिस्सों से
हूँ दोहराती जैसे अपने ही नग़मों को
#अनलिखे अनकहे हर लफ्जों को...
हूँ सफर में व्यस्त हर पहर में
हूँ गिरती सम्भलती हर लहर में #लव#कैद#आसमां
किसी विशेष दिन अगर तुम
सोचो मुझे स्पेशल महसूस कराने को,
तो सुनो कोई महंगा तौफा नहीं बल्कि
तुम खुद मिलने आना भले ही थोड़ी देर के लिए
अगर न आ पाना तो भेज देना
कोई प्यारा सा वॉइस नोट जो
तुमने सहेजें अपने ह्र्दयतल में
अपने एहसासों से लबरेज़,जो #शायरी#जन्मदिवस
Richa
न जाने कैसी दुविधा है
जाने न जाने मन क्यों
एक अनजानी सी बेचैनी
टूटे ख़्वाबों की किरचें
चुभती हैं पल हर पल
न जाने कितने लम्हें ऐसे हैं
जाने न जाने मन क्यों
सब फैलाव सा लगता है #Life#diary#Duvidha#stay_home_stay_safe