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himanshukulshres8006
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हिमांशु Kulshreshtha

दिल की बात लफ्जों में उतार लेता हूँ

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हिमांशु Kulshreshtha

White हादसे इस क़दर हुए
एक उम्र में
साथ मेरे,
हाल सुनाने को
फ़िर से एक उम्र चाहिए…!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha इस क़दर

इस क़दर #Shayari

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हिमांशु Kulshreshtha

White यूँ ही
हर किसी के लिए
नहीं तड़पते हम,
बावजूद तुम्हारी बेरुखी के
तुम वाहिद एक शख्स हो
जिससे बेइंतहा मोहब्बत है मुझे

©हिमांशु Kulshreshtha तुम...

तुम... #Shayari

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हिमांशु Kulshreshtha

होठों पर
मुस्कुराहट मद्धम सी
आँखों में हल्की सी नमी
देखते ही लगता है
दीवाने ने मोहब्बत की है

©हिमांशु Kulshreshtha दीवाने ने...

दीवाने ने... #Shayari

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हिमांशु Kulshreshtha

White प्रेम सृष्टि का
सबसे मंहगा सत्य है
इसे निभाने को किश्तों में
दर्द, तड़प और ख़ामोशी
से 
ताउम्र चुकानी होती हैं

©हिमांशु Kulshreshtha प्रेम...

प्रेम... #Quotes

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हिमांशु Kulshreshtha

हर चेहरे के पीछे
एक और चेहरा हो गया है
क्या दौर आ गया है दोस्तों.... 
जब कोई छिपा रहा है दर्द अपना
तो कोई अपनी फ़ितरत छिपा रहा है

©हिमांशु Kulshreshtha हर चेहरे के पीछे..

हर चेहरे के पीछे.. #SAD

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हिमांशु Kulshreshtha

White जिन्दगी
बेहद ख़ामोशी से
गुज़र रही थी
एक ख़ता ने
खाना ख़राब कर दिया

©हिमांशु Kulshreshtha ज़िंदगी...

ज़िंदगी... #Shayari

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हिमांशु Kulshreshtha

White दर्द इन्सान को
सब से ज्यादा विकल
करता है
विकलता विवेक को
नष्ट करती है
और जब विवेक नष्ट हो जाए
तो इन्सान विचलित हो जाता है
दर्द और बढ़ जाता है
अनवरत, असीम

©हिमांशु Kulshreshtha दर्द...

दर्द... #Poetry

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हिमांशु Kulshreshtha

White कभी कभी हमारे पास 
रंज करने की 
इतनी वजह होती हैं  
कि हम उन सब को जी भर
सोच लेने के बाद 
बस ख़ामोश हो जाते हैं 
महज इसलिए नहीं 
कि हम समझ नहीं पाते  
किस बात का शोक मनाया जाए 
किस बात पर रंज किया जाए 
इसलिए कि.. 
ये एक अंतहीन हिस्सा हो गया है 
हमारी ज़िंदगी का ...।

©हिमांशु Kulshreshtha वज़ह ख़ामोशी की...

वज़ह ख़ामोशी की... #Poetry

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हिमांशु Kulshreshtha

White अफ़सोस इतना गहरा नहीं 
कि सब कुछ मिटा देने को मन करे 
ना ही दुख इतना गहरा 
कि ख़ुद को ख़त्म कर लूँ 
बस निष्प्रभ हूँ, 
डगमगाता , लड़खड़ाता सा 
कितने फ़ैसले जो मैंने लेना चाहे 
उन्हें लेने और ना लेने का 
खामियाजा भुगतता हुआ 
कभी सोचता हूँ अपने अकेलेपन में 
अगर ऐसा होता तो क्या होता 
अगर ये कर लिया होता तो क्या होता
क्या ये होता.. या फिर..... 
इन्हीं सवालों में अक्सर उलझ जाता हूँ

©हिमांशु Kulshreshtha अक्सर...

अक्सर... #Poetry

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हिमांशु Kulshreshtha

जज़्बात जो लिखे 
तो मालूम ये हुआ,
पढ़ें लिखे लोग भी 
अभी पढ़ना नहीं जानते..

©हिमांशु Kulshreshtha मालूम ये हुआ

मालूम ये हुआ #Shayari

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