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vijaykumar1548
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

govt. सीनियर टीचर,मैथ्स

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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस"
23 अगस्त 2023,चन्द्रमा के दक्षिणी धुव्र पर
उतरा,भारत का चंद्रयान-3 का विक्रम लेंडर
ऐसा करने वाला हिंदुस्तान बना एकमात्र देश
हिंद ने पहनाया सर्वप्रथम दक्षिण में तिरंगा वेश

अब से इसदिन मनाएंगे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस
क्योंकि यह दिवस बना है,हमारे लिए विशेष
इस वर्ष की थीम है,चंद्रमा को छूते हुए हमको,
जिंदगी को छूना है,सुन ले सब सज्जन सुरेश

आज अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ा वर्चस्व हिंद देश
इसके लिए वैज्ञानिकों की प्रशंसा करे,पूरा देश
हमारे इसरो की किसी से कोई तुलना नहीं है,
हमारा इसरो है,अंधेरे में जगमगाता हुआ चंद्रेश

वही इसरो से जुड़ता है,जो प्रेम करता है,स्वदेश
थोड़े उड़े,अभी उड़ने के लिये पूरा फलक है,शेष
खाते,हम वतन तेरी कसम,करेंगे इतना परिश्रम
एकदिन जरूर पहनेंगे,इसरो हम तो तेरी गणवेश
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #isro_day
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "100 ग्राम,140 करोड़ पर भारी"
यह 100 ग्राम वजन,140 करोड़ पर पड़ा भारी
आख़िर लड़कर क्यों हार गई फिर से एक नारी

फिर भी विनेश तुझ पर गर्व करता हर हिंदुस्तानी
अच्छे-अच्छे पहलवानों को याद दिलाई,तूने नानी

पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक भले गई,तू हारी
इतिहास याद करेगा,तू थी एक शेरनी किलकारी

विनेश,रजत पदक की तो होनी चाहिए,दावेदारी
सेमीफाइनल पूर्व तो वजन की योग्यता थी,सारी

एक रात में वजन बढ़ा,यह था,बड़ा विध्वंसकारी
इसने तोड़ दी है,स्वर्ण पदक की उम्मीद हमारी

इसकी सुनवाई की भी हो चुकी है,अब तैयारी,सारी
उसे मिले,परिश्रम फल,तुझसे यही प्रार्थना गिरधारी

दीयों में कभी-कभी पानी से भी लग जाती है,चिंगारी
ऐसा देखने को मिला,जब विनेश 100 ग्राम से है, हारी

विनेश विजेता है ओर रहेगी,तू चैम्पियन है,हमारी
तुझ पर गर्व है,तू है नारियों के सम्मान की तलवारी

दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #Paris_Olympics_2024
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "हिन्द स्वप्न"
हिंद का स्वप्न पूरा होने को है,आतुर
विनेश प्रयास कर रही है,जी भरपूर
कुश्ती में जीतेगी,स्वर्ण पदक जरूर
करोड़ो की दुआएं होगी कबूल,जरूर
जिनके इरादों में जान होती है,हुजूर
वो लिखते इतिहास बनकर कोहिनूर
विनेश पर पूरे भारत को है,जी गुरुर
वो पेरिस में लहराएगी,तिरंगा सुदूर
वो शूलों को भी बना जाते है,फूल
जो रोना रोते नही,कर्म करते,भरपूर
जो दृढ़ इरादे से चलते कर्मपथ पर,शूर
उन्हें एकदिन मंजिल मिलती है,जरूर
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #Paris_Olympics_2024
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "हिन्द स्वप्न"
हिंद का स्वप्न पूरा होने को है,आतुर
विनेश प्रयास कर रही है,जी भरपूर
कुश्ती में जीतेगी,स्वर्ण पदक जरूर
करोड़ो की दुआएं होगी कबूल,जरूर
जिनके इरादों में जान होती है,हुजूर
वो लिखते इतिहास बनकर कोहिनूर
विनेश पर पूरे भारत को है,जी गुरुर
वो पेरिस में लहराएगी,तिरंगा सुदूर
वो शूलों को भी बना जाते है,फूल
जो रोना रोते नही,कर्म करते,भरपूर
जो दृढ़ इरादे से चलते कर्मपथ पर,शूर
उन्हें एकदिन मंजिल मिलती है,जरूर
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #Paris_Olympics_2024
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "जीवन जीना है"
जीवन जीना है,तो जिओ सिर्फ शेरदिल इंसान की तरह
बाकी सियार तो बहोत है,मौसम में पतझड़ की तरह
मृत्यु जीवन का सत्य है,जीवन जीना है,जुगनू की तरह
व्यर्थ वासनाओं में उलझकर न मर ,कीट,पतंगों की तरह

मौत एकदिन सबको आनी,ज़माना याद रखे तेरी कहानी,
जीवन जीना है,तो जिंदादिली से जिओ,फूलों की तरह
जीवन ऐसे मत जीना,लोग हमें समझे,एक शूल की तरह
जीवन जीना है,जिओ सबको रोशनी देनेवाले सूर्य की तरह

सूर्य स्वयं जलता है,पर वो उजाला देता,ईश्वर की तरह
इस जीवन मे बहोत छद्म उजाले है,निशाचरों की तह
आओ इस जीवन को निकाले हम छद्म चांद,तारों से
भीतर जलाएं सत्य दीपक,एक सच्चे मनुष्य की तरह

छोड़ दो व्यर्थ के सारे प्रलोभन,गुड़ में मख्खी की तरह
उम्र ढली,सब ही छूट जायेगा,अंगारों में राख की तरह
रखो सिर्फ मन ईश्वर में,शरीर मे चलने वाली साँसों की तरह
वो दिन दूर नही,तुम्हे कस्तूरी मिलेगी फूल में खुश्बू की तरह
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #save_tiger
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "जीवन जीना है"
जीवन जीना है,तो जिओ सिर्फ शेरदिल इंसान की तरह
बाकी सियार तो बहोत है,मौसम में पतझड़ की तरह
मृत्यु जीवन का सत्य है,जीवन जीना है,जुगनू की तरह
व्यर्थ वासनाओं में उलझकर न मर ,कीट,पतंगों की तरह

मौत एकदिन सबको आनी,ज़माना याद रखे तेरी कहानी,
जीवन जीना है,तो जिंदादिली से जिओ,फूलों की तरह
जीवन ऐसे मत जीना,लोग हमें समझे,एक शूल की तरह
जीवन जीना है,जिओ सबको रोशनी देनेवाले सूर्य की तरह

सूर्य स्वयं जलता है,पर वो उजाला देता,ईश्वर की तरह
इस जीवन मे बहोत छद्म उजाले है,निशाचरों की तह
आओ इस जीवन को निकाले हम छद्म चांद,तारों से
भीतर जलाएं सत्य दीपक,एक सच्चे मनुष्य की तरह

छोड़ दो व्यर्थ के सारे प्रलोभन,गुड़ में मख्खी की तरह
उम्र ढली,सब ही छूट जायेगा,अंगारों में राख की तरह
रखो सिर्फ मन ईश्वर में,शरीर मे चलने वाली साँसों की तरह
वो दिन दूर नही,तुम्हे कस्तूरी मिलेगी फूल में खुश्बू की तरह
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"
  #save_tiger
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "जीवन जीना है"
जीवन जीना है,तो जिओ सिर्फ शेरदिल इंसान की तरह
बाकी सियार तो बहोत है,मौसम में पतझड़ की तरह
मृत्यु जीवन का सत्य है,जीवन जीना है,जुगनू की तरह
व्यर्थ वासनाओं में उलझकर न मर ,कीट,पतंगों की तरह

मौत एकदिन सबको आनी,ज़माना याद रखे तेरी कहानी,
जीवन जीना है,तो जिंदादिली से जिओ,फूलों की तरह
जीवन ऐसे मत जीना,लोग हमें समझे,एक शूल की तरह
जीवन जीना है,जिओ सबको रोशनी देनेवाले सूर्य की तरह

सूर्य स्वयं जलता है,पर वो उजाला देता,ईश्वर की तरह
इस जीवन मे बहोत छद्म उजाले है,निशाचरों की तह
आओ इस जीवन को निकाले हम छद्म चांद,तारों से
भीतर जलाएं सत्य दीपक,एक सच्चे मनुष्य की तरह

छोड़ दो व्यर्थ के सारे प्रलोभन,गुड़ में मख्खी की तरह
उम्र ढली,सब ही छूट जायेगा,अंगारों में राख की तरह
रखो सिर्फ मन ईश्वर में,शरीर मे चलने वाली साँसों की तरह
वो दिन दूर नही,तुम्हे कस्तूरी मिलेगी फूल में खुश्बू की तरह
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #save_tiger
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "पौधारोपण अभियान"
चल रहा है,आजकल पौधारोपण अभियान
सरकार भी बड़ी गम्भीरता से ले रही है,संज्ञान
लक्ष्य मिला है,सबको पहाड़ के जैसा श्रीमान
जैसे कुछ दिनों में हराभरा कर देंगे राजस्थान

पौधे लगाओ साथ में जिओ टैगिंग करते जाओ
न तो व्यर्थ होगा,आपका पौधारोपण अभियान
आज तो पौधे भी सोच रहे होंगे,ये क्या हो गया,
आज तो बहुत ही मेहरबान है,हम पर,ये इंसान 

आज पौधा भी बोलना चाहता है,सुनो इंसान
में भी सजीव हूं,मुझमें भी ईश्वर ने दिए,प्राण
जैसे एकदिन में बड़े न हो सकते बच्चे,इंसान
वैसे में कैसे बड़ा होऊंगा,सुनो मैं नही बेजुबान

मुझे भी परवरिश चाहिए,जैसे होती इन्सान
एकबार मेरी परवरिश तो करके देखो,श्रीमान
मरकर भी करूंगा हे मानव में तेरा कल्याण
बस तुम थोड़ा बड़ा होने तक रखो मेरा ध्यान

सुनो एक साथ इतने पौधे लगाने से अच्छा
कुछ को लगा रखो हमारा पूरी तरह से ध्यान
सच कह रहा हूं,में पौधा हूं,नही मैं कोई इंसान
ताउम्र निःस्वार्थ सेवा करूंगा,ले लो चाहे जान
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #flowers
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "कारगिल विजय दिवस"
जहां पर पड़ रही थी,हड्डियां गलाने वाली सर्दी
उन बर्फीली पहाड़ियों में पहनकर फौजी वर्दी
अपनी हिम्मत,जुनून,शहादत देशभक्ति दम पर
आतंकवादियों,घुसपैठियों की छुट्टी थी,कर दी

बात कर हूं,पड़ोसी मुल्क की गीदडी हरकत की 
हमला किया,26-7-1999 को कारगिल धरती
दुश्मन बैठे थे चट्टानों पर,हमारे सैनिक थे,जमीं पर
फिर भी हमारी सेना ने उनकी खटिया खड़ी कर दी

वीर सैनिकों की याद करने शहादत कारगिल धरती
मनाते है,हम कारगिल विजय दिवस हिन्द धरती
उन वीर रणबांकुर सैनिकों को देने,हम श्रद्धांजलि
आपको नमन,आपके कारण महफूज हिंद धरती

प्रतिवर्ष 26 जुलाई को मनाते,कारगिल विजय दिवस
इसदिन सेना ने,पड़ोसियों को दिखाए दिन में तारे दस
आओ उन वीर सैनिकों,जरा याद कर ले कुर्बानी सहर्ष
मातृभूमि हेतु जान लूटा दी,तेरा वैभव अमर रहे मां,बस
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #kargil_vijay_diwas
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Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

White "गुरु वंदन जरूरी"
अपने गुरु का वंदन जरूरी है
सिर के ऊपर चंदन जरूरी है
जो अपने गुरु के कहे चलते है
उन्हें कामयाबी मिलती पूरी है

सबके माता-पिता है,प्रथम गुरु
इन्हें नित वंदन करना करे,शुरू
जिसके नही कोई दुनिया मे गुरु
वो आदि शिवजी को बना ले गुरु

जीवन मे कभी नही रहे बिना गुरु
बिना गुरु के नही हो सकता गुरुर
गुरु ही बताता सही रस्ता जरूर
गुरु तो जलते हुए दीप है,हुजूर

यह विशेष बात याद रखे,जनता
जीवन मे सद्गुरु न बना ले सस्ता
परखकर ही बनाएं सद्गुरु गरजता
जो जीवन मे दिखाये,सही रस्ता

गुरु पूर्णिमा को,करते सद्गुरु याद
उन्हें मार्गदर्शन हेतु देते,धन्यवाद
गुरु सम्मान हेतु,नारियल देते साथ
इसकी वेदव्यासजी दिलाते,याद

बिना गुरु के यह जिंदगी अधूरी है
वो मिटाता सकता अज्ञानता पूरी है
गुरु कहे जो करे,गुरु करे सो नही
फिर मंजिल पाओगे कोहिनूरी है
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी" #guru_purnima
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